Surya Grahan: 21 सितंबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2025) केवल खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि राजनीति, सत्ता और वैश्विक घटनाओं के लिए एक बड़ा संकेत भी है. चंद्र ग्रहण के बाद दुनिया में जिस तरह हिंसा और सत्ता संकट देखने को मिला, उसी श्रृंखला का अगला अध्याय सूर्यग्रहण में खुल सकता है.
7 सितंबर 2025 को जब चंद्र ग्रहण लगा तो दुनिया को हिला दिया नेपाल, फ्रांस, जापान, थाईलैंड और अमेरिका में सत्ता संकट और हिंसा का असर दिखा. अब 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण इसी श्रृंखला को और आगे बढ़ाएगा. यह समय सत्ता, राजनीति और विश्व शांति के लिए परीक्षा की घड़ी है. कैसे ग्रहों की चाल से समझते हैं-
कब और कहां लगेगा सूर्यग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र क्षेत्र में घटित होगा. सूर्य ग्रहण का आरंभ सुबह 08:32 बजे से होगा और ग्रहण का मध्य 11:17 बजे होगा. सूर्य ग्रहण का मोक्षकाल: दोपहर 02:06 बजे होगा.
शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहणे चन्द्रसूर्ययोः, प्रजाभेदः प्रजायते यानी जब सूर्य या चंद्रग्रहण होता है, तब प्रजा और सत्ता में असंतोष और उथल-पुथल बढ़ती है.
ग्रहों की स्थिति और संकेत
21 सितंबर 2025 के सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2025) के समय सूर्य और चंद्रमा दोनों कन्या राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र पर स्थित रहेंगे. यही स्थिति सत्ता और जनता, दोनों पर सीधा असर डालेगी.
बुध भी उसी समय कन्या राशि में होकर अपनी उच्च स्थिति में रहेगा, जिससे निर्णय और न्याय से जुड़े मामले चर्चाओं में रहेंगे. तुला राशि में स्थित मंगल संघर्ष और असंतोष को हवा देगा.
मिथुन में गोचर करता गुरु (बृहस्पति) शिक्षा, तकनीक और मीडिया जगत में अस्थिरता का संकेत देगा, जबकि सिंह राशि में शुक्र संबंधों और राजनयिक समीकरणों को चुनौती देगा.
मीन राशि में स्थित शनि लंबे समय तक चलने वाले वैश्विक संकट की भूमिका रच रहा है. राहु और केतु…मेष और तुला में होने से यह स्पष्ट है कि सूर्य और चंद्रमा दोनों पर इन छाया ग्रहों का सीधा प्रभाव पड़ रहा है, जो सत्ता परिवर्तन, विद्रोह और युद्ध जैसे हालात की ओर इशारा करता है.
इस योग से साफ है कि सूर्य (सत्ता) और चंद्रमा (जनता) दोनों पर राहु–केतु की छाया पड़ रही है. यह विश्व स्तर पर सत्ता संकट और युद्ध की आहट का संकेत है.
विश्व पर असर
- यूरोप- पहले ही फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में जनता का विद्रोह बढ़ा है. सूर्यग्रहण के बाद यह और भड़क सकता है, जिससे तीसरे विश्व युद्ध जैसी आहट साफ सुनाई दे सकती है.
- एशिया- जापान और थाईलैंड जैसे देशों में नेतृत्व परिवर्तन की घटनाएं तेज होंगी. भारत में सीधा युद्ध तो नहीं, लेकिन राजनीति और अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा.
- अमेरिका- सत्ता संघर्ष और हिंसा गहराएगी. नेताओं की सुरक्षा और चुनावी राजनीति अस्थिर होगी.
राशियों पर असर
- मेष: करियर में दबाव, स्वास्थ्य पर असर.
- वृषभ: आर्थिक स्थिति डगमगाएगी.
- मिथुन: परिवार में अशांति.
- कर्क: मानसिक बेचैनी, परिजनों की चिंता.
- सिंह: रिश्तों में कड़वाहट.
- कन्या: नौकरी–व्यापार में असुरक्षा, सीधे प्रभावित.
- तुला: खर्च और विवाद बढ़ेंगे.
- वृश्चिक: अचानक लाभ–हानि.
- धनु: करियर और विदेश मामलों में रुकावट.
- मकर: परिवार में मतभेद.
- कुंभ: मित्रों से विवाद.
- मीन: मानसिक तनाव और राजकीय मामलों में बाधा.
उपाय
ग्रहण काल (Solar Eclipse) में सूर्य मंत्र ॐ सूर्याय नमः का जाप करें. स्नान और दान अनिवार्य करें. भोजन–पेय से परहेज रखें. ग्रहण के बाद तुलसी पत्र या गंगाजल ग्रहण करें.
FAQ
Q1. क्या यह सूर्यग्रहण भारत को प्रभावित करेगा?
हां, प्रत्यक्ष युद्ध नहीं लेकिन राजनीति और अर्थव्यवस्था में दबाव लाएगा.
Q2. राशियों पर असर कब तक रहेगा?
लगभग 30 दिन तक सूर्यग्रहण का असर देखा जाएगा.
Q3. ग्रहण के बाद सबसे ज़रूरी काम क्या है?
स्नान, दान और सूर्य मंत्र का जप.
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