दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील! सीजन का सबसे खराब AQI दर्ज, सांस लेना हुआ मुश्किल – delhi air pollution highest aqi 461 severe grap 4 ntc

दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील! सीजन का सबसे खराब AQI दर्ज, सांस लेना हुआ मुश्किल – delhi air pollution highest aqi 461 severe grap 4 ntc


दिल्ली की हवा एक बार फिर जानलेवा स्तर पर पहुंच गई है. राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को इस सीजन का सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 461 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले 432 था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी की हवा लगातार ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में बनी हुई है, जिससे आम लोगों की सेहत पर खतरा और गहरा गया है.

CPCB के मानकों के मुताबिक, AQI शून्य से 50 तक ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 ‘गंभीर’ माना जाता है. मौजूदा स्तर पर दिल्ली की हवा सांस लेने के लिए बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है.

प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने शनिवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के सबसे सख्त चरण-4 को लागू कर दिया. इसके तहत दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. इससे पहले शनिवार को ही पूरे एनसीआर में GRAP का चरण-3 लागू किया गया था, लेकिन प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के चलते प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया.

मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.4 डिग्री कम रहा, जबकि अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा. शाम 5:30 बजे के आसपास नमी का स्तर 87 प्रतिशत दर्ज किया गया, जिससे प्रदूषक कणों के वातावरण में टिके रहने की स्थिति बनी रही.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पर्यावरणविद भावरीन खंडारी ने मौजूदा कदमों को प्रतिक्रियात्मक बताते हुए कहा कि प्रदूषण पर वास्तविक नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक और ठोस नीतिगत फैसले जरूरी हैं. उन्होंने दिल्ली में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्यों का जिक्र करते हुए सरकारी एजेंसियों में संसाधनों और स्टाफ की कमी की ओर भी ध्यान दिलाया.

मौसम विभाग ने सोमवार के लिए मध्यम स्तर के कोहरे की संभावना जताई है. अनुमान है कि सोमवार को अधिकतम तापमान करीब 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक मौसम में बदलाव नहीं होता, तब तक दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण से राहत मिलना मुश्किल है.

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