Guru Nanak Jayanti 2025: सिखों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है गुरु नानक जयंती. इस साल गुरु नानक जयंती 5 नवंबर 2025 को है. कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है और उसके पंद्रह दिनों बाद यानी कि कार्तिक की पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाते है. गुरु नानक (1469-1539 ई.पू.) सिख धर्म के संस्थापक तथा सिखों के प्रथम गुरु थे. गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व और गुर
उन्होंने दुनिया को एकता, भाईचारे और ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति का संदेश दिया, उनकी शिक्षाओं में सरलता, सत्य और दया की प्रधानता थी.
कैसे मनाते हैं प्रकाश पर्व
- गुरु पर्व का त्योहार गुरु नानक जी के जीवन, उपलब्धियों और विरासत का सम्मान करता है.
- प्रकाश उत्सव से दो दिन पहले कई तरह के अनुष्ठान होते हैं. पहले दिन अखंड पाठ होता है. इस मौके पर गुरुद्वारों को भी फूलों और रोशनी से सजाते हैं.
- उत्सव की शुरुआत मुख्य दिन अमृत वेला से होती है. सुबह भजन गाए जाते हैं, उसके बाद कथा और कीर्तन होता है.
- प्रार्थना के बाद लंगर और कीर्तन का सिलसिला जारी रहता है.
- रात में गुरबानी होती है. सरोवर में दीप जलाए जाते हैं.
गुरु नानक जयंती का इतिहास
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 ईस्वी तलवंडी में हुआ था (जो अब पाकिस्तान में है). इनके पिताजी का नाम कल्याणचंद और माता तृप्ता देवी थीं. नानक जी ने अपनी शिक्षा घर पर प्राप्त की थी. इन्हें फारसी,और संस्कृत भाषाओं में महारत हासिल की थी.
गुरु नानक देव जी ने अपने उपदेशों में एक ईश्वर, सच्चाई और सेवा की महत्ता पर जोर दिया. सिख धर्म के पहले गुरु होने के साथ-साथ उन्हें एक महान दार्शनिक, समाज सुधारक, धर्म सुधारक, सच्चा देशभक्त और योगी के रूप में आज भी याद किया जाता है. 22 सितंबर, 1539 ईस्वी को करतारपुर में गुरु नानक देव जी का निधन हुआ था.
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