प्रियंका गांधी वाड्रा वोटर अधिकार यात्रा में भी शामिल हुई थीं, और एक बार फिर वो बिहार दौरे पर जाने वाली हैं. बिहार की वोटर अधिकार यात्रा में वो राहुल गांधी के साथ बाइक पर पीछे बैठी हुई नजर आई थीं. बाइक रैली में तेजस्वी यादव और महागठबंधन के और भी नेता शामिल थे – प्रियंका गांधी का प्रस्तावित दौरा सिर्फ कांग्रेस के लिए होने वाला है, या पूरे महागठबंधन के लिए – ये बात अभी साफ नहीं है.
कन्फ्यूजन की खास वजह है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार अधिकार यात्रा पर निकले हुए हैं, और उसमें कांग्रेस की भागीदारी नहीं देखी गई है. वैसे ही कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के लिए बिहार चुनाव से पहले महिला संवाद का कार्यक्रम रखा गया है. चुनावी महिला संवाद कार्यक्रम में प्रियंका गांधी बिहार की महिला वोटर से मुखातिब होंगी. बिहार में महिला वोटर की पहले से ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और फायदा ज्यादातर नीतीश कुमार को मिलता रहा है.
खबर है कि महिला संवाद कार्यक्रम से पहले पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस की कार्यकारिणी बैठक भी होने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा स्थायी और आमंत्रित सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, PCC प्रमुख और राज्यों में कांग्रेस विधायक दल के नेताओं को भी बुलाया गया है. विधानसभा चुनाव से पहले 2023 में तेलंगाना में भी सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी.
माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी बैठक के माध्यम से कांग्रेस की वैसी ही शक्ति प्रदर्शन की कोशिश है, जो संदेश राहुल गांधी के बिहार दौरे में देने का प्रयास किया जाता रहा है. वोटर अधिकार यात्रा में तो राहुल गांधी छाए ही रहे, अब आगे की जिम्मेदारी लगता है प्रियंका गांधी के हवाले किए जाने की तैयारी है.
बताते हैं कि कार्यकारिणी की बैठक के अगले दिन 25 सितंबर को कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी का चुनावी घोषणापत्र घर-घर बाटेंगे – और उसके अगले दिन प्रियंका गांधी वाड्रा पटना और खगड़िया में कांग्रेस रैली को संबोधित करेंगी. प्रियंका गांधी के पूर्णिया में रैली करने की खबर तो पहले ही आ चुकी है.
बिहार चुनाव के मोर्चे पर प्रियंका गांधी वाड्रा
वोटर अधिकार यात्रा के बाद कांग्रेस की वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा फिर से बिहार दौरे पर जा रही हैं. 26 सितंबर को पटना और खगड़िया में प्रियंका गांधी का महिला संवाद कार्यक्रम बना है. प्रियंका गांधी को बिहार की महिलाओं के बीच पेश करने से पहले कांग्रेस महिलाओं को माई-बहिन योजना के तहत हर महीने 2500 रुपये देने का वादा कर चुकी है. तेजस्वी यादव भी इस योजना का जिक्र कर चुके हैं, और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा पटना जाकर ये कार्यक्रम लॉन्च कर चुकी हैं. ये महागठबंधन की संयुक्त योजना है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस दोनों अपने अपने फोरम से पेश कर रहे हैं.
पहले ये भी बताया गया था कि कांग्रेस भी पप्पू यादव के चुनाव क्षेत्र पूर्णिया में रैली करने जा रही है, जिसमें प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी. अभी 15 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्णिया में रैली हुई थी, जिसमें पप्पू यादव को मंच पर देखा गया था. पप्पू यादव ने मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े थे जिससे उनके बीजेपी के करीब जाने की अटकलें शुरू हो गई थीं. हालांकि, मखाना किसानों के कल्याण के लिए पप्पू यादव ने राहुल गांधी का जोर देकर नाम लिया था.
चुनावों से पहले और कैंपेन के दौरान भी प्रियंका गांधी को खेतों में पहुंचकर महिलाओं से बातचीत करते देखा जाता रहा है. अभी अभी वायनाड में भी वैसा ही नजारा दिखा है, जो असम में 2021 में देखा गया था – और यूपी में तो वो चुनाव की सर्वेसर्वा ही थीं. वायनाड दौरे में प्रियंका गांधी ने धान के खेतों में काम कर रहे किसानों से बात की, और उनके लोक गीत भी सुने – क्या बिहार चुनाव के लिए भी ऐसी ही तैयारी हो रही है?
सवाल है कि क्या प्रियंका गांधी अकेले मोर्चे पर होंगी, या लालू यादव की बेटियां रोहिणी आचार्य और मीसा भारती भी साथ हो सकती हैं – क्योंकि उसी बात से तय हो पाएगा कि वो कांग्रेस के लिए कैंपेन कर रही हैं, या महागठबंधन के लिए भी.
प्रियंका और बिहार महिला वोट बैंक
बिहार में महिला वोट बैंक तो पहले से खास रोल निभाता रहा है, और नीतीश कुमार अपनी तमाम योजनाओं की मदद से पूरा फायदा उठाते रहे हैं. निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण, पुलिस भर्ती में 35 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण, छात्राओं के लिए प्रोत्साहन राशि, बालिका साइकिल और पोशाक योजनाएं – और सबसे बड़ा तोहफा तो शराबबंदी रहा है. शराबबंदी को लागू किए जाने में बाद में भले ही विवाद हुआ हो, और प्रशांत किशोर कह रहे हों कि सत्ता में आने के बाद वो इसे खत्म कर देंगे – लेकिन, नीतीश कुमार ने महिलाओं को खुश करने के लिए ही शराबबंदी लागू की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बिहार की महिला वोटर को साइलेंट वोटर भी बता चुके हैं, और इस बार तो ‘मां को गाली देने वालों’ को सबक सिखाने की भी अपील कर चुके हैं. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मंच से गाली दी गई थी, हालांकि वे दोनों नेता वहां मौजूद नहीं थे.
बिहार चुनाव में महिला वोट बैंक एक बार फिर महत्वपूर्ण होने जा रहा है. ‘मां को गाली दिए’ जाने की हर कोई निंदा कर रहा है, और अलग अलग तरीके से उसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. अब तो पटना हाई कोर्ट ने भी वो वीडियो हटाने का हुक्म दे दिया है. गाली वाली घटना के बाद AI से भी एक वीडियो बनाकर प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाया गया था, जिसके जवाब में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को वैसे ही एक वीडियो में दिखाया गया था, जिसमें ‘बार डांस’ का खास तौर पर जिक्र किया गया था.
कोशिश चाहे कांग्रेस के लिए हो या फिर महागठबंधन के लिए महिलाओं का वोट हासिल करने के मकसद से, लेकिन नीतीश कुमार के महिला कल्याण कार्यक्रम का काउंटर आसान नहीं है – प्रियंका गांधी का भी अब तक कोई करिश्मा दिखा तो नहीं है.
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