liver Health Supplements: फैटी लिवर डिजीज तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. इस स्थिति में लिवर में असामान्य रूप से वसा जमा हो जाती है, जिससे अंग को नुकसान पहुंचता है. इसे आमतौर पर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) कहा जाता है और यह अक्सर गलत खान-पान और लाइफस्टाइल की वजह से होता है. लेकिन सही देखभाल और कुछ सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल से इसे जीवन-धमकी बनने से पहले सुधारा जा सकता है.
डॉक्टरों के अनुसार, फैटी लिवर को सही और संतुलित आहार, लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल से सुधारा जा सकता है. यहां कुछ ऐसे सप्लीमेंट्स हैं जो इसमें मदद कर सकते हैं-
1. मिल्क थिसल (Milk Thistle)
मिल्क थिसल, जिसे सिलीमारिन भी कहते हैं, एक हर्बल सप्लीमेंट है जो लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है. यह लिवर में सूजन कम करता है और आगे होने वाले नुकसान को रोकता है. कई स्टडीज में दिखाया गया है कि यह NAFLD वाले लोगों में लिवर फंक्शन सुधारने में मदद करता है. इसके अलावा, यह अमाटॉक्सिन जैसे टॉक्सिन से लिवर को बचाता है, जो कि डैथ कैप मशरूम में पाया जाता है और घातक हो सकता है. मिल्क थिसल फ्री रेडिकल्स को ब्लॉक करता है और लिवर की कोशिकाओं में प्रोटीन उत्पादन बढ़ाता है. हालांकि, इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
2. ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids)
ओमेगा-3 फैटी एसिड लिवर में फैट के मेटाबोलिज़्म को बेहतर बनाते हैं, जिससे वसा का जमा होना कम होता है. यह फैटी लिवर डिजीज के शुरुआती चरणों को रोकने या सुधारने में मदद करता है. ये आमतौर पर फिश ऑयल सप्लीमेंट्स में पाए जाते हैं. ओमेगा-3 लिवर में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं और खून में लिपिड प्रोफाइल को बेहतर बनाते हैं, जिससे लिवर की चोट कम होती है.
3. विटामिन ई (Vitamin E)
विटामिन ई एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो लिवर की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है. यह विशेष रूप से NASH (नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस) के मरीजों में उपयोगी है, जहाँ लिवर में सूजन भी होती है. यह लिवर की फैटी एसिड अपटेक को नियंत्रित करता है और लिवर की संरचना को सुधारता है. इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि ज्यादा सेवन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
4. बीटाइन (Betaine)
बीटाइन लिवर के लिए बहुत फायदेमंद है. यह माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन को सुधारता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तथा फाइब्रोसिस से बचाता है. डॉक्टरों के अनुसार, इसका सेवन लिवर को हेलाथी रखने और फैटी लिवर डिजीज को कम करने में मदद करता है.
5. एन-एसेटाइल सिस्टीन (N-Acetyl Cysteine / NAC)
NAC एक एंटीऑक्सीडेंट है जो लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने वाले टॉक्सिन्स से बचाता है. यह लिवर में सूजन कम करता है और लिवर एंज़ाइम्स को बेहतर बनाकर सेल रिपेयर में मदद करता है.
हालांकि, डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि इसे हमेशा मेडिकल सुपरविजन में ही लें, क्योंकि लंबी अवधि के लिए निगरानी जरूरी होती है. फैटी लिवर को सुधारने के लिए सही खान-पान, लाइफस्टाइल बदलाव और ये 5 सप्लीमेंट्स काफी मदद कर सकते हैं. हालांकि, किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है, ताकि सुरक्षित और प्रभावी परिणाम मिल सकें.
इसे भी पढ़ें- How To Cook Eggs Safely: भूलकर भी ऐसे मत पका लेना अंडा, खुद को कैंसर का शिकार बना लेंगे आप
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator