ChatGPT इस्तेमाल करने वालों की लिस्ट में सबसे ऊपर कौन? और लोग सबसे ज्यादा क्या जानना चाहते हैं

ChatGPT इस्तेमाल करने वालों की लिस्ट में सबसे ऊपर कौन? और लोग सबसे ज्यादा क्या जानना चाहते हैं


ChatGPT Usage Report: OpenAI ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें यह बताया गया है कि लोग ChatGPT का किस तरह उपयोग कर रहे हैं और समय के साथ इसमें क्या बदलाव आए हैं. यह अध्ययन पिछले तीन सालों में ऐप पर हुई 1.5 मिलियन बातचीतों के विश्लेषण पर आधारित है जिससे यूज़र्स के व्यवहार और ट्रेंड्स की गहरी झलक मिलती है.

ChatGPT की जबरदस्त ग्रोथ

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के आखिर में जहां ChatGPT के सिर्फ 1 मिलियन एक्टिव यूज़र्स थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 700 मिलियन साप्ताहिक यूज़र्स तक पहुंच चुकी है. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि अब ChatGPT आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पर्याय बन गया है और लोग बड़ी संख्या में इसे अपना रहे हैं.

किस तरह की बातचीत करते हैं लोग

डेटा से पता चला कि करीब 70% बातचीतें काम से जुड़ी नहीं होतीं, बल्कि पर्सनल या सामान्य चर्चाओं पर आधारित होती हैं. सबसे ज़्यादा चर्चा वाले तीन विषय हैं प्रैक्टिकल गाइडेंस (29%), सूचना की तलाश यानी Seeking Information (24%) और राइटिंग (24%). दिलचस्प बात यह है कि पिछले एक साल में “राइटिंग” से जुड़ा उपयोग 36% से घटकर 24% हो गया है जबकि “इन्फॉर्मेशन सर्च” 14% से बढ़कर 24% तक पहुंच गया है.

इससे साफ है कि लोग अब ChatGPT को केवल लिखने के टूल की तरह नहीं बल्कि जानकारी पाने और नए निर्णय लेने के सहायक के रूप में देखने लगे हैं. यह बदलाव यह भी दिखाता है कि कई यूज़र्स Google की बजाय ChatGPT का इस्तेमाल सवाल-जवाब और डिस्कवरी के लिए करने लगे हैं.

ChatGPT से लोग क्या चाहते हैं?

रिपोर्ट में उपयोग के तीन प्रमुख मकसद बताए गए हैं Ask (जानकारी लेना), Do (काम करवाना जैसे ईमेल या कोड लिखना) और Express (खुद को व्यक्त करना). धीरे-धीरे “काम करवाने” वाले उपयोग घट रहे हैं और “जानकारी हासिल करने” वाले सवाल सबसे ज़्यादा बढ़े हैं.

युवा यूज़र्स की बड़ी भूमिका

स्टडी में पाया गया कि 18 से 25 साल के यूज़र्स ChatGPT पर सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. लगभग आधी बातचीत इसी आयु वर्ग से आती है. हालांकि, इस उम्र के यूज़र्स ChatGPT का काम से जुड़ी बातचीत के लिए कम इस्तेमाल करते हैं. इस आयु वर्ग की सिर्फ 22.5% चैट्स वर्क-रिलेटेड पाई गईं, जबकि 36 से 45 साल के लोगों में यह आंकड़ा 31.4% तक था जो सबसे ज़्यादा है.

क्या बदल रहा है सोचने का तरीका?

यह डेटा यह सवाल भी उठाता है कि क्या लोग अब लिखने के बजाय सोचने और निर्णय लेने में ChatGPT को ज्यादा भरोसा करने लगे हैं? अगर AI इंसानों के विचारों और फैसलों पर असर डालने लगा है तो आने वाले समय में इसका समाज और व्यक्तिगत सोच पर गहरा असर हो सकता है.

यह भी पढ़ें:

सोशल मीडिया पर छाया नया साड़ी ट्रेंड! स्टेप बाय स्टेप जानिए कैसे बनेगी Nano Banana Saree फोटो



Source link

Leave a Reply