C-Trace app helps Bareilly police trace Goldy Barad gang in Disha Patani shooting | ‘सी ट्रैस एप’ से गोल्डी बराड़ गैंग का लगा सुराग: एप के जरिये पुलिस दिशा पाटनी के घर फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले सभी बदमाशों तक पहुची – Bareilly News

C-Trace app helps Bareilly police trace Goldy Barad gang in Disha Patani shooting | ‘सी ट्रैस एप’ से गोल्डी बराड़ गैंग का लगा सुराग: एप के जरिये पुलिस दिशा पाटनी के घर फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले सभी बदमाशों तक पहुची – Bareilly News


यूपी पुलिस अब हाईटेक होती जा रही है। बरेली पुलिस ने बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले बदमाशों को पकड़ने के लिए “सी ट्रैस एप” का इस्तेमाल किया। शूटरों तक पहुंचने के लिए बरेली पुलिस ने इस ऐप को खरीदा। जिसके बाद पुलिस को सभी

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ये रामनिवास है, जिसने दिशा पाटनी के घर की रेकी की थी

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जानिए कैसे करता है ऐप काम

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया, “जब हमें विजय नाम के आरोपी का मोबाइल नंबर मिला तो हमने उस नंबर की डीप डाइव की। ऐप में नंबर डालते ही उससे जुड़ी विस्तृत जानकारी सामने आई – किस नाम से नंबर रजिस्टर हुआ, किस कंपनी में पोर्ट हुआ, किस वॉलेट/साइट पर इस्तेमाल हुआ और मोबाइल नंबर से जुड़े सोशल-प्रोफाइल्स तक का ट्रैक।”

पहला कनेक्शन – विजय का नंबर और नकुल के नौ नाम

पुलिस के मुताबिक, विजय के नंबर की जांच में ही नकुल नाम से जुड़े नौ अलग-अलग प्रोफाइल मिले। “ये बदमाश अलग-अलग नामों व अकाउंट्स से छुपकर काम करते थे। एक ही नंबर पर कई नामों का मिलना हमलावरों के नेटवर्क को समझने में मददगार साबित हुआ। ऐसे में पुलिस ने सबसे पहले नकुल के संभावित कनेक्शनों की पहचान कर उनसे जुड़े नंबरों की जाँच शुरू कर दी।

डेटा ने खोले नेटवर्क के कई परत

सी ट्रैस एप की रिपोर्ट में दिखा कि एक ही नंबर से कई लोगों को भुगतान, वॉलेट ट्रांज़ैक्शन और ऑनलाइन शॉपिंग का हिसाब जुड़ा हुआ था। इन ट्रांज़ैक्शन्स के समय-स्थान व डिलिवरी एड्रेस ने पुलिस को आरोपियों के ठिकानों की ओर इशारा दिया। पुलिस ने इन डिजिटल फुटप्रिंट्स को जमीन पर मिली सूचनाओं से क्रॉस-चैक किया – और हर बार पैटर्न मैच हुआ।

खोज से गिरफ्तारी तक – कैसे जुड़ी हर कड़ी

जब नकुल और विजय के अकाउंट-लिंक्स मिल गए तो पुलिस ने उनके मित्रों और मददगारों के नंबरों की लिस्ट तैयार की। एप के जरिए मिले नंबरों पर सर्च करने पर और भी कई ऐसे नाम सामने आए जो किसी समय शूटरों के लिए लॉजिस्टिक्स, मोबाइल-सिम, वॉलेट या वाहन उपलब्ध कराते थे। बरेली पुलिस ने इन सभी कड़ियों को एक-एक कर पकड़ने का प्लान बनाया।

रेड के समय मिली जिंदल-नुमां चुनौती

पुलिस के मुताबिक एक बड़े ऑपरेशन के दौरान जब टीम बदमाशों के ठिकानों पर पहुंची तो विरोध में फायरिंग हुई – मुठभेड़ में एक बदमाश गंभीर रूप से घायल हुआ। पुलिस का दावा है कि घायल आरोपी नेपाल भागने की फिराक में था। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि “घटना के वक्त हमारी टीमें चारों तरफ तैनात थीं, घायल आरोपी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एप की लागत व सदस्यता – सच क्या है

पुलिस ने बताया कि सी ट्रैस ऐप करीब 80 हजार रुपये में खरीदा गया था। इसके साथ उन्होंने बताया कि यह ऐप शुरुआती लेवल पर कुछ निःशुल्क सर्च देता है – जैसे कि शुरुआती पांच सौ नंबर – और उसके बाद प्रति नंबर कुछ शुल्क निर्धारित होता है।

एसएसपी अनुराग आर्य का बयान

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि, “दिशा पाटनी के घर फायरिंग मामले में शामिल बदमाशों तक पहुंचने के लिए हमने हर स्तर पर तकनीकी साधनों का सहारा लिया। सी ट्रैस एप ने हमें नेटवर्क की तह तक जाने में मदद की। इसके जरिए हमें न सिर्फ मुख्य शूटरों बल्कि उनके सहयोगियों और मददगारों की पूरी जानकारी मिली। यह हमारी जांच का बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।”

उन्होंने आगे कहा, “पुलिस अब पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ हाईटेक टूल्स का भी इस्तेमाल कर रही है। हमारा मकसद है कि किसी भी आपराधिक गैंग को जड़ से खत्म किया जाए और अपराधियों को यह संदेश जाए कि वे चाहे कितनी भी सावधानी बरतें, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।”

आगे की कार्रवाई और जांच की दिशा

SSP अनुराग आर्य ने बताया कि अब वे एप द्वारा मिले सारे नंबरों का एंगल से खंगाल कर रहे हैं – किन लोगों ने किस दिन क्या ट्रांज़ैक्शन किया, किस पते पर डिलिवरी गई और किन-किन लोकेशन्स से लॉगिन हुआ। इसके अलावा, जिन सोशल प्रोफाइल्स से फायरिंग की योजना बनती मिली, उन पर भी डीटीपी (डिजिटल ट्रैकिंग प्रोटोकॉल) के तहत और विस्तार से जांच की जा रही है।



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