जालंधर का रहने वाला छिन्दरपाल कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख जीता। (फाइल शॉट)
सोनी टीवी के मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति के 18 सितंबर वाले एपिसोड में पंजाब के जालंधर जिले के लांबड़ा कस्बे के हुसैनपुर गांव के रहने वाले छिन्दरपाल ने इतिहास रच दिया।
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पेशे से कारपेंटर और जीवन भर संघर्ष करते आए छिन्दरपाल ने अपनी मेहनत, ज्ञान और हिम्मत से न सिर्फ हॉट सीट तक का सफर पूरा किया, बल्कि 50 लाख रुपए भी जीतकर अपने गांव और परिवार का नाम रोशन किया।
छिन्दरपाल का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा है। कारपेंटर का काम करते हुए उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाई और साथ ही पढ़ाई-लिखाई और सामान्य ज्ञान में गहरी रुचि रखी।
अपने ज्ञान और आत्मविश्वास की मदद से उन्होंने यह दिखा दिया कि बड़े सपने भी मेहनत और लगन से पूरे किए जा सकते हैं।
बिग-बी भी छिन्दरपाल के संघर्ष से हुए प्रभावित बिग-बी अमिताभ बच्चन भी छिन्दरपाल के संघर्ष और खेल से बहुत प्रभावित हुए। एपिसोड की शुरुआत में ही छिन्दरपाल ने शानदार प्रदर्शन किया।
उन्होंने एक के बाद एक सवालों का सही जवाब दिया और बिना ज्यादा लाइफ लाइन इस्तेमाल किए बड़ी रकम जीत ली। अमिताभ बच्चन ने कहा कि उनकी सोच और आत्मविश्वास हमेशा दिलों में रहेंगे।
एपिसोड 7.50 लाख रुपए के सवाल से शुरू हुआ, जिसका छिन्दरपाल ने आत्मविश्वास से सही जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने 12.50 लाख और 25 लाख रुपए के सवाल भी सही हल किए।
25 लाख रुपए के सवाल पर उन्होंने दो लाइफ लाइन इस्तेमाल की, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया। जब 50 लाख का सवाल आया, तो बिना किसी लाइफ लाइन के छिन्दरपाल ने सही उत्तर देकर सभी को हैरान कर दिया और पूरा स्टूडियो तालियों से गूंज उठा।

50 लाख जीतने के बाद आगे नहीं खेले छिन्दरपाल।
50 लाख जीतकर घर लौटने का फैसला 50 लाख रुपए जीतने के बाद छिन्दरपाल के सामने 1 करोड़ रुपए का सवाल आया। सवाल था कि भारत के महान त्रिकोणमिति सर्वेक्षण के प्रमुख बनने से पहले, जॉर्ज एवरेस्ट ने 1814 से 1816 तक किस द्वीप का सर्वेक्षण किया था, जिसमें विकल्प थे- a) जेजू, b) जमैका, c) जर्सी, d) जावा।
छिन्दरपाल ने काफी सोचा, लेकिन सही उत्तर का पूरा भरोसा नहीं था। अमिताभ बच्चन ने उन्हें सलाह दी कि वह खेल छोड़ सकते हैं। अंत में उन्होंने खेल छोड़ दिया और 50 लाख रुपए जीतकर घर लौटने का फैसला किया। औपचारिकता के लिए उन्होंने जमैका विकल्प चुना, जो गलत था; सही उत्तर जावा था।
छिन्दरपाल के गांव में खुशी की लहर छिन्दरपाल की जीत की खबर जैसे ही उनके गांव हुसैनपुर पहुंची, वहां खुशी की लहर फैल गई। लोग गर्व से उनका नाम लेने लगे और कहने लगे कि छिन्दरपाल ने यह दिखा दिया कि मेहनत और लगन से आम इंसान भी बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है।
छिन्दरपाल ने शो में कहा कि उनके कई सपने अभी अधूरे हैं, जिन्हें वह इस इनामी राशि से पूरा करेंगे। उनकी जीत सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब के लिए प्रेरणा बन गई है। उन्होंने यह भी कहा-“मैं खुद जितना मर्जी संघर्ष करूं, लेकिन मैं अपने बच्चों को पढ़ाऊंगा।”