क्या लाइलाज है सोरायसिस की बीमारी, इसके मरीजों को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

क्या लाइलाज है सोरायसिस की बीमारी, इसके मरीजों को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान


हमारी स्किन हमारे शरीर का सबसे सेंसिटिव हिस्सा होती है. जब भी स्किन में कोई परेशानी होती है, तो उसका असर न सिर्फ शरीर पर बल्कि मन पर भी पड़ता है. ऐसी ही एक बीमारी सोरायसिस है. यह एक लंबे समय तक रहने वाली स्किन की बीमारी है, जिससे स्किन पर लाल रंग के चकत्ते, पपड़ी, और खुजली होती है. यह बीमारी आमतौर पर कोहनी, घुटनों, पीठ, गर्दन और खोपड़ी पर दिखाई देती है. 

सोरायसिस को लाइलाज बीमारी भी कहा जाता है क्योंकि इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इससे राहत नहीं पाई जा सकती. अगर समय रहते ध्यान दिया जाए, सही इलाज, खानपान, और लाइफस्टाइल अपनाई जाए, तो इस बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. तो चलिए जानते हैं कि सोरायसिस क्या है और इस बीमारी से पीड़ित लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

सोरायसिस क्या है और इसके कारण 
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि आपका इम्यून सिस्टम गलती से आपके हेल्दी स्किन सेल्स पर हमला करने लगती है. इससे स्किन सेल्स नॉर्मल से बहुत जल्दी बढ़ने लगती हैं और स्किन पर पपड़ीदार, सूखी और लाल चकत्तों का रूप ले लेती हैं. यह बीमारी छूने से नहीं फैलती, लेकिन यह जेनेटिक भी हो सकती है. अगर परिवार में किसी को यह बीमारी रही है तो अगली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना होती है.

इसके अलावा सोरायसिस के कई कारण होते हैं जैसे  अगर माता-पिता में से किसी को सोरायसिस है तो बच्चों को इसका खतरा ज्यादा होता है, कमजोर इम्यून सिस्टम, स्ट्रेस, धूम्रपान और शराब का सेवन, स्किन में चोट या जलन, कुछ दवाओं का असर, सर्द मौसम, मोटापा और खराब लाइफस्टाइल. 

क्या लाइलाज है सोरायसिस? 
सोरायसिस का अब तक कोई पूरी तरह से इलाज नहीं है. लेकिन इसे दवाओं, स्किन केयर, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव से काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. कुछ लोगों में यह बीमारी हल्की होती है और सिर्फ कुछ हिस्सों तक सीमित रहती है, जबकि कुछ में यह पूरे शरीर में फैल सकती है. समय पर पहचान और सही केयर से इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. 

सोरायसिस मरीजों को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
सोरायसिस के मरीजों को एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेनी चाहिए, जैसे पुराना चावल, गेहूं, जौ, मूंग, मसूर, अरहर, लौकी, परवल, सहजन, खीरा, तोरई, अनार, सेब, पपीता, हल्का गर्म पानी, हल्दी वाला दूध और हर्बल चाय. वहीं सोरायसिस के मरीजों को तली-भुनी चीजें, लाल मांस, मैदा और सफेद ब्रेड,शराब और धूम्रपान, डेयरी प्रोडक्ट्स, टमाटर, बैंगन, आलू, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड नहीं खाना चाहिए. 

इसके अलावा सोरायसिस मरीजों को स्ट्रेस कम लेना चाहिए और योग कराना चाहिए, हर दिन हल्की एक्सरसाइज करें, साथ ही खाने के बाद थोड़ी देर टहलें, नींद पूरी करें, स्किन को  मॉइस्चराइज रखें यानी मॉइस्चराइजर लगाएं, धूप से बचाव करें और ज्यादा तेज धूप से स्किन को नुकसान हो सकता है. 

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