पंजाब के फेमस संगीतकार चरणजीत सिंह आहूजा (74) का आज मोहाली में अंतिम संस्कार किया जाएगा। दोपहर 1 बजे बलौंगी स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की रस्में निभाई जाएंगी। रविवार को उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली थी। वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जू
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आहूजा के 3 बेटे हैं। बड़े बेटे सचिन आहूजा का भी पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़ा नाम है। सचिन का अपना स्टूडियो है।
उनके निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, गायक दिलजीत दोसांझ, अभिनेत्री निर्मल ऋषि, गायक मास्टर सलीम समेत अन्य कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है।

चरणजीत सिंह आहूजा (बीच में) के साथ उनके बेटे सचिन आहूजा (बाएं)। उन्हें साल 2015 में रांझणा गीत में म्यूजिक कंपोज करने के लिए मिर्ची अवॉर्ड मिला था।- फाइल फोटो
कई सिंगरों को दिलाई पहचान चरणजीत आहूजा को पंजाबी संगीत का शिल्पकार कहा जाता था। उनकी बनाई धुनें आज भी लोकगीतों, शादी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गूंजती हैं। उनकी धुनों ने 1980 और 1990 के दशक में पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री को नई पहचान दिलाई।
सुरजीत बिंदराखिया, कुलदीप माणक, गुरदास मान, चमकीला, गुरकिरपाल सूरापुरी, सतविंदर बुग्गा समेत कई लोकगायकों को आहूजा की धुनों से नाम मिला। कुछ गायकों की तो शुरुआत ही इनके संगीत के साथ हुई, जिनमें से कुछ सुपरस्टार भी बन गए।

कोरोना काल में दिल्ली से मोहाली शिफ्ट हुआ परिवार चरणजीत सिंह आहूजा और उनका परिवार पहले दिल्ली में रहता था, लेकिन कोरोना महामारी से पहले वह मोहाली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने मोहाली में अपना स्टूडियो बनाया। उनका घर टीडीआई सिटी में है। वह अकसर स्टूडियो आते थे, लेकिन तबीयत बिगड़ने के बाद उन्होंने ऑफिस आना बंद कर दिया। ज्यादातर समय वह अपने घर पर ही बिताने लगे।
कोरोना काल में जब लोग घरों से नहीं निकलते थे, उस समय वह खुद अपने स्टूडियो में आते थे। साथ ही वह लोगों को समाज सेवा के लिए प्रेरित करते थे। उनके बेटे सचिन आहूजा भी सेवा करने के लिए जाते थे।
सिंगर दिलजीत दोसांझ की पोस्ट….
