Shooting of the film Mirzapur will begin in Banaras | बनारस में शुरू होगी फिल्म मिर्जापुर की शूटिंग: शरद शुक्ला का किरदार निभाने वाले एक्टर बोले- सीरीज के सीजन वन की टाइमलाइन पर आधारित होगी मूवी

Shooting of the film Mirzapur will begin in Banaras | बनारस में शुरू होगी फिल्म मिर्जापुर की शूटिंग: शरद शुक्ला का किरदार निभाने वाले एक्टर बोले- सीरीज के सीजन वन की टाइमलाइन पर आधारित होगी मूवी


9 मिनट पहलेलेखक: अमित कर्ण

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इस महीने की आखिर से बनारस में मिर्जापुर फिल्म की शूटिंग शुरू हो रही है। यह देश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जो सेम टाइटिल, कलाकारों और किरदारों की वेब सीरीज से फिल्म में तब्दील हो रही है। इसमें एक अहम किरदार शरद शुक्ला का है, जिसकी सीधी जंग त्रिपाठी परिवारों के साथ है। साथ में टकराव गुड्डू पंडित और बबलू पंडित से भी है। शरद को अंजुम शर्मा ने प्ले किया है। अंजुम ने मिर्जापुर फिल्म को लेकर खास खास बातें साझा की हैं। पेश हैं प्रमुख अंश:-

यह प्रयोग भारतीय सिने इतिहास में शायद पहली बार हो रहा है। इसके बारे में कुछ दिलचस्प बातें बता सकते हैं?

बिल्कुल ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। निर्माताओं के लिए भी यह एक बहुत बड़ी चुनौती है, क्योंकि उनके पास कोई ‘रेफरेंस पॉइंट’ नहीं है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी इतने लोकप्रिय शो पर कोई फिल्म बनाई गई हो।

तो क्या यह फिल्म मूल सीरीज के पहले दो सीजन की कहानियों को मिलाकर बनाई गई है?

नहीं, ऐसा नहीं है। इसकी कहानी मुख्य रूप से सीजन 1 की टाइमलाइन पर आधारित होगी, लेकिन इसकी कहानी एकदम नई और अलग होगी। यह एक अलग समानांतर कहानी है।

क्या यह नई कहानी सीज न 1 की कहानी से मेल खाएगी?

नहीं, बिल्कुल नहीं। इसे इस तरह से लिखा गया है कि जब आप फिल्म देखेंगे, तो यह सीजन 1 की कहानी से बिल्कुल नहीं टकराएगी। ऐसा नहीं लगेगा कि “अरे, वहां तो ऐसा हुआ था।” यह अपने आप में एक अलग कहानी है। उदाहरण के लिए, अगर सीजन 1 की कहानी में आपने सोमवार, बुधवार और शुक्रवार के घटनाक्रम देखे, तो यह फिल्म उसी हफ्ते की मंगलवार, गुरुवार और शनिवार की कहानी होगी। यानी, आप उसी समय में हैं, लेकिन एक अलग रास्ते पर गए हैं।

लेकिन क्या किरदारों के नाम और उनकी पहचान वही रहेगी?

हां, किरदार बिल्कुल वही रहेंगे। उनके नाम और पहचान में कोई बदलाव नहीं है। सिर्फ घटनाक्रम थोड़ा अलग होगा।

तो इसका मतलब क्या यह जौनपुर और मिर्जापुर के बीच के संघर्ष पर केंद्रित होगी?

हां, मोटे तौर पर कह सकते हैं कि यह कहानी मिर्जापुर बनाम जौनपुर के संघर्ष को बहुत ही प्रमुखता से दिखाएगी। इस फिल्म में जो भी नयापन आएगा, वह इसी पुराने विवाद से ही निकलेगा। जो मेरा किरदार शरद शुक्ला का है, उसके इर्द गिर्द भी कहानी काफी बड़े स्तर पर घूमती है। दरअसल मेकर्स फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने यही वजह भी जाहिर की थी मुझे फिल्म में कास्ट करने की। वर्ना वेब सीरीज के तीसरे सीजन में तो मेरा किरदार मर चुका था। पर फिल्म के लिए उसे वापस लाया गया।

क्या इस फिल्म में कोई नया, बड़ा किरदार भी है?

हां, एक नया और दिलचस्प किरदार है, जो खलनायक जैसा है। वह भी इसी पुराने संघर्ष से जुड़ा हुआ है। यह मैं कह सकता हूं कि उसका जन्म भी उसी जौनपुर और मिर्जापुर के कॉन्फ्लिक्ट से होता है। जो रविकिशन प्ले कर रहें हैं।

क्या यह नया किरदार आपके किरदार का कोई रिश्तेदार है?

सीधे तौर पर रिश्तेदार तो नहीं है, लेकिन हां, उन किरदारों से उसका एक गहरा संबंध है। जब आप फ़िल्म देखेंगे, तो आपको समझ आएगा कि यह नयापन भी मौजूदा विवादों से ही निकल रहा है, ताकि दर्शक उससे जुड़ाव महसूस कर सकें।

वेब सीरीज में काफी खुलकर खेलने की छूट होती है, फिल्म में सेंसरशिप का क्या असर होगा? क्या इसमें गाली-गलौज, हिंसा या बोल्ड सीन होंगे?

हां, ये सब फिल्म के प्रारूप के हिसाब से ही होगा। मुझे पूरा यकीन है कि निर्माताओं ने इस बात का ध्यान रखा होगा। वैसे भी, मिर्जापुर सीजन दर सीजन थोड़ा कम होता गया। सीजन 3 में ये सब चीजें पहले से बहुत कम हो गई थीं।

सीजन 3 में हिंसा की क्या वजह थी? क्या फिल्म में भी ऐसा होगा?

सीजन 3 में हिंसा कम नहीं हुई थी, बल्कि उसका स्वरूप बदल गया था। सीजन 1 में हिंसा का उद्देश्य मजा लेना था, जहां किरदार हिंसा को एक खेल की तरह देखते थे। लेकिन सीजन 3 में वही हिंसा एक दुःख, दर्द और इंटेनसिटी को दिखाती थी। वह हल्केपन से नहीं, बल्कि गंभीरता से दिखाई गई। जहां तक फिल्म की बात है, उसमें सेंसरशिप होगी, तो यह जरूरी है कि उसे फिल्म के हिसाब से ही ढाला जाए।

आप लोग फिल्म की शूटिंग कब शुरू कर रहे हैं और कहां?

शूटिंग इस महीने, सितंबर के आखिरी हफ्ते (25 के आसपास) शुरू हो रही है। पहला और लंबा शेड्यूल बनारस में होगा, जिसके बाद मुंबई में कुछ इंडोर (interiors) शूट होंगे।

क्या आप लोगों की आपस में रीडिंग और लुक टेस्ट जैसी तैयारी हो चुकी है?

हां, लुक टेस्ट और रीडिंग हो चुकी है। यह सब नए कलाकारों के साथ ज्यादा हुआ है। मेरे लिए तो मिर्जापुर का सेट घर वापसी जैसा है। प्रोड्यूसर्स से भी मैसेज आए हैं कि वे हमें इस सफर में दोबारा पाकर बहुत खुश हैं।

क्या इस फिल्म में विक्रांत मैसी की जगह जितेंद्र कुमार (जीतू) का किरदार होगा?

हां, फिल्म में जितेंद्र कुमार का किरदार है। विक्रांत और जीतू दोनों ही बहुत अच्छे कलाकार हैं, लेकिन मेरा जीतू के साथ ज्यादा संवाद नहीं है। पर मैं यह कह सकता हूं कि उनकी कास्टिंग बहुत अच्छी है। उनके चेहरे पर एक भोलापन है, जो एक ‘आम आदमी’ जैसा लगता है। जब वह और गुड्डू भैया एक साथ होंगे, तो एक बहुत अच्छा विरोधाभास देखने को मिलेगा।

फिल्म में क्या गाने भी होंगे?

हां, क्योंकि यह एक फिल्म है, इसमें गाने होंगे। संगीत एक ऐसा क्षेत्र है जिसे वेब सीरीज में ज्यादा नहीं खोजा गया था, लेकिन फिल्म में इसकी पूरी गुंजाइश है। यह मिर्जापुर की दुनिया में एक नई परत जोड़ेगा।

क्या यह प्रयोग सफल होगा? क्या यह बड़े स्टार्स वाली फिल्मों का एक विकल्प बन सकता है?

मुझे लगता है कि यह प्रयोग सफल हो सकता है। ‘सैयारा’ जैसी फिल्मों ने यह साबित किया है कि अगर कॉन्सेप्ट और कहानी अच्छी हो, तो दर्शक किसी भी कलाकार को स्वीकार करते हैं। दर्शक अब ‘स्टार’ से ज्यादा अच्छी कहानी और ‘एक्सपीरियंस’ चाहते हैं। यह एक नया रास्ता खोल सकता है, जहां कहानी और अभिनय को ज़्यादा महत्व मिले, न कि सिर्फ बड़े बजट और बड़े स्टार्स को। ‘सैयारा’ जैसी फिल्मों ने दर्शकों को बहुत ज्यादा जानकारी से ‘लोड’ नहीं किया। उन्होंने दर्शकों को खुद कहानी का अनुभव करने का मौका दिया। दर्शकों ने एक खाली पन्ने की तरह उसे देखा, और जब कहानी, संगीत और भावनात्मक पहलू ने उन्हें बांध लिया, तो उन्हें यह अनुभव बहुत पसंद आया। जब आप किसी चीज को बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर बेचते हैं, तो दर्शक उसे परखने लगते हैं, लेकिन अगर आप विनम्रता से एक दिलचस्प कहानी पेश करें, तो वे उसे दिल से देखते हैं।

क्या नयापन है यहां फिल्म में?

नयापन बहुत ज्यादा न हो, तो भी चलेगा, लेकिन कहानी दिलचस्प और सही तरीके से पेश की जानी चाहिए। यह स्वाद की बात है। जैसे हमें हमारी पसंदीदा डिश बार-बार पसंद आती है, वैसे ही दर्शक अच्छी कहानी को बार-बार देखना पसंद करते हैं, बशर्ते वह अच्छी बनी हो। ‘मिर्जापुर’ की सफलता भी यही है कि लोगों को उसके किरदार, कहानी और मसाला पसंद आया है।

क्या आज के समय में सिर्फ एक स्टार पर कहानी या फिल्म टिकी रह सकती है?

नहीं, अब वह दौर नहीं रहा। आज दर्शक फिल्म देखने से पहले ही रील और ट्रेलर में बहुत कुछ देख लेते हैं। उनकी भूख पहले ही खत्म हो जाती है। अगर उसके बाद भी वे कुछ देखना चाहते हैं, तो उन्हें कहानी में नयापन और प्रस्तुति में दम चाहिए। अब कहानी किसी एक स्टार पर नहीं टिकी रह सकती। यह ‘स्टार कल्चर’ को तोड़ने के लिए भी जरूरी है।

क्या फिल्म में शरद शुक्ला का किरदार भी होगा?

हां, मेरे किरदार (शरद शुक्ला) और कुछ अन्य किरदार भी फिल्म में हैं, क्योंकि उन्हें सीजन 3 में बहुत प्यार मिला। यह सिर्फ प्रशंसकों के प्यार के लिए है। मेरा फिल्म में एक बहुत ही दिलचस्प ‘कैमियो’ है। यह कहानी के लिए भी जरूरी है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ लाता है।

क्या फिल्म में विजय वर्मा जैसे कलाकार भी हैं?

नहीं, विजय वर्मा जैसे कलाकार इस फिल्म में नहीं हैं। यह फिल्म मुख्य रूप से जौनपुर और मिर्जापुर के बीच के संघर्ष पर केंद्रित रहेगी।



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