देश में दिवाली (Diwali 2025) की धूम शुरू हो गई है, मार्केट सजने लगे हैं और शॉपिंग भी स्टार्ट है. देश के आम लोगों के साथ ही इस पर्व को लेकर शेयर बाजार निवेशकों में जोश हाई रहता है. दरअसल, रोशनी के इस पर्व पर शेयर मार्केट में खास मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) की परंपरा चल आ रही है और इस बार ये कब और किस समय होगी, इसका खुलासा भी हो गया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की ओर से इसके दिन, टाइमिंग और तारीख के बारे में तस्वीर साफ कर दी गई है.
21 अक्टूबर को होगी मुहूर्त ट्रेडिंग
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) ने बताया है कि दिवाली 2025 के उपलक्ष्य में मंगलवार 21 अक्टूबर, 2025 को विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र का आयोजन किया जाएगा. एक्सचेंज ने बीते कारोबारी दिन सोमवार 22 सितंबर को अपने सर्कुलर में कहा कि इस विशेष एक घंटे के सत्र का समय इस बाद दोपहर 1.45 बजे तय किया गया है और दोपहर 2.45 बजे तक ट्रेडिंग होगी.
इसके साथ ही मुहूर्त ट्रेडिंग में हमेशा की तरह 15 मिनट का प्री-ओपनिंग सेशन भी शामिल होगा, जो दोपहर 1.30 बजे से शुरू होगा और ट्रेडर्स व इन्वेस्टर्स दोपहर 1.45 बजे से सामान्य ट्रेडिंग कर सकेंगे. एनएसई सर्कुलर के मुताबिक, ट्रेड मॉडिफिकेशन की समाप्ति का समय दोपहर 2.55 बजे निर्धारित किया गया है.
1 घंटे ट्रेडिंग और पूरे दिन छुट्टी
Muhurat Trading 2025 के विशेष एक घंटे के कारोबार के अलावा, शेयर बाजारों में इस पूरे दिन दिवाली लक्ष्मी पूजन के अवसर पर हॉलिडे रहेगा और इसके बाद बुधवार 22 अक्टूबर को दिवाली बलिप्रतिपदा के अवसर पर पूरे दिन का अवकाश घोषित है. गौरतलब है कि शेयर मार्केट के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज एनएसई और बीएसई दोनों ही Diwali के त्योहार और हिंदू कैलेंडर के नए लेखा वर्ष की शुरुआत के साथ इस एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र का आयोजन लंबे समय से करते आ रहे हैं और अगर दिवाली शनिवार या रविवार की छुट्टी में पड़ती है, तो भी इसके मद्देनजर एक घंटे के लिए ट्रेडिंग ओपन की जाती है.
आखिर खास क्यों है ये ट्रेडिंग?
दिवाली पर एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग, नए निवेश शुरू करने और पीढ़ियों तक धन कमाने के लिए एक बेहद शुभ अवसर माना जाता है. यह परंपरा से जुड़ा हुआ है और ग्रहों की स्थिति के अनुसार निर्धारित किया जाता है, इसमें ट्रेडिंग के दौरान न सिर्फ आध्यात्मिक विश्वास, बल्कि फाइनेंशियल स्ट्रेटजी का मिश्रण देखने को मिलता है. इस एक घंटे के सत्र में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है. दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है.
पहली बार कब हुई थी इसकी शुरुआत?
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए इस खास मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा दशकों पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था. एक्सपर्ट भी मानते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है और ज्यादातर निवेशक इस दिन शेयर खरीदते हैं. हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.
लॉन्ग टर्म के लिए होती है खरीदारी
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदने को तरजीह देते हैं, जो लॉन्ग टर्म के लिए अच्छे होते हैं. निवेशकों द्वारा ये खरीदारी इसलिए की जाती है, क्योंकि वे शेयर खरीदकर इसे अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग ही नहीं, वैसे भी दिवाली को कुछ भी नया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है. ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश भी स्टार्ट करते हैं.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)
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