Osteoarthritis in Women: जब भी जोड़ों में दर्द की बात आती है, तो ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) का नाम सबसे पहले आता है. यह एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे जोड़ों को क्षतिग्रस्त करती है, साथ ही दर्द, सूजन और अकड़न पैदा करती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर महिलाओं को पुरुषों की तुलना में इस बीमारी का खतरा क्यों अधिक होता है?
डॉ. अंकुश अग्रवाल के अनुसार, महिलाओं में ऑस्टियोअर्थराइटिस का खतरा अधिक होने का मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव हैं. वे आगे बताते हैं कि, महिलाओं में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जो कार्टिलेज के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एस्ट्रोजन की कमी से जोड़ों की लचीलापन कम हो जाती है और ऑस्टियोअर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है.
महिलाओं के घुटने में दर्दा होना
महिलाओं की शारीरिक संरचना भी इस बीमारी के प्रति उन्हें अधिक संवेदनशील बनाती है.महिलाओं के शरीर मेंजोड़ों, विशेष रूप से घुटनों और हिप्स पर अधिक दबाव पड़ता है. इसके अलावा, महिलाओं में मांसपेशियां आमतौर पर पुरुषों की तुलना में कमजोर होती हैं, जिससे जोड़ों पर अधिक तनाव आता है और कार्टिलेज बढ़ जाता है.
पारिवारिक इतिहास का प्रभाव
ऑस्टियोअर्थराइटिस का जेनेटिक कनेक्शन (Genetic Connection) भी महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है. कुछ जीन महिलाओं में ऑस्टियोअर्थराइटिस के विकास की प्रवृत्ति को बढ़ाते हैं. अगर किसी परिवार में महिलाओं को यह बीमारी है, तो अगली पीढ़ी की महिलाओं को भी इसका खतरा अधिक होता है.
उम्र बढ़ने का असर
ऑस्टियोअर्थराइटिस उम्र बढ़ने के साथ आम बीमारी है और चूंकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक उम्र तक जीवित रहती हैं, इसलिए उन्हें इस बीमारी का खतरा भी अधिक होता है.
- बचने के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए
- नियमित व्यायाम करें, विशेष रूप से वेट एक्सरसाइज
- सतुलित आहार लें, जिसमें कैल्शियमऔर विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा हो
- वजन नियंत्रित रखें, ताकि जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े
- मेनोपॉज के बाद हार्मोन थेरेपी पर विचार करें, लेकिन डॉक्टर की सलाह से
- जोड़ों की देखभाल के लिए फिजियोथेरेपी लें
ऑस्टियोअर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन जागरूकता और सावधानियों से इसके खतरे को कम किया जा सकता है. महिलाओं को अपने जोड़ों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष रूप से सचेत रहना चाहिए और किसी भी लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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