3 घंटे पहले
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बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी को अपने 30 साल के एक्टिंग करियर में पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर वह काफी भावुक नजर आईं। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार वह अपने दिवंगत पिता को समर्पित करती हैं, जिन्होंने हमेशा इस पल का सपना देखा था।
रानी मुखर्जी ने कहा, यह सम्मान पाकर मुझे बेहद गर्व और खुशी महसूस हो रही है। यह पुरस्कार खास तौर पर उन सभी लोगों के लिए है, जिन्होंने पिछले 30 सालों से मेरी सफलता की कामना की है। मेरे परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों के लिए। मेरे फैंस की खुशी देखकर मैं खुद भी भावुक हो गईं।
रानी ने अपने पिता को याद करते हुए कहा, मेरे पापा हमेशा चाहते थे कि मुझे कोई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, लेकिन उनके जिंदा रहते ऐसा नहीं हो पाया। अब, जहां भी वे हैं, मुझे यकीन है कि वह बहुत खुश होंगे और मुझे आशीर्वाद दे रहे होंगे। मेरे सबसे बड़े समर्थक मेरे पापा थे और आज उनका सपना सच हो गया है।

रानी मुखर्जी को फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे के लिए अवॉर्ड मिला।
इस दौरान रानी ने अपने फैंस का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मेरे शानदार फैंस, हर सुख-दुख में साथ देने के लिए धन्यवाद। आपका अटूट प्यार और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रही है। मुझे पता है कि यह पुरस्कार आप सभी के लिए कितना अहम है और आपको खुश देखकर मुझे भी अपार खुशी मिल रही है।
रानी ने इस सम्मान को दुनिया की सभी माताओं को समर्पित किया। उन्होंने कहा, मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे की कहानी ने मुझे गहराई से छुआ क्योंकि यह एक प्रवासी मां की अटूट जीवन की दास्तान है, जो अपने बच्चे की रक्षा के लिए हर मुश्किल का सामना करती है। एक मां होने के नाते यह किरदार बेहद पर्सनल था। इस फिल्म के जरिए हमने मातृत्व की शक्ति को सम्मान देने की कोशिश की है और मैं चाहती हूं कि यह याद दिलाए कि हर दिन औरतों के भीतर अपार ताकत होती है।

शाहरुख को फिल्म जवान के लिए ये अवॉर्ड मिला।
रानी ने निर्देशक असीमा, निर्माताओं निखिल, मोनिषा, मधु और पूरी जी टीम के साथ ही एस्टोनिया और भारत के कास्ट-क्रू का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कोविड काल की चुनौतियों के बीच यह फिल्म संभव ही नहीं होती अगर टीम ने दिल से मेहनत न की होती। उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार की ज्यूरी का आभार जताते हुए कहा कि यह फिल्म और यह पल मेरे दिल में हमेशा खास रहेगा।