मराठवाड़ा में आफत का मानसून: हजारों घर डूबे, फसलें चौपट और 31 लाख किसानों की उम्मीदें दांव पर – Heavy rainfall crop devastation animal houses Marathwada floods monsoon ntcpmm

मराठवाड़ा में आफत का मानसून: हजारों घर डूबे, फसलें चौपट और 31 लाख किसानों की उम्मीदें दांव पर – Heavy rainfall crop devastation animal houses Marathwada floods monsoon ntcpmm


महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. जगह-जगह बाढ़ जैसे हालात हैं, लोग फंसे हुए हैं और फसलों से लेकर घर तक तबाह हो गए हैं. सिर्फ पिछले चार दिनों में 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज्यादा गांव बारिश की चपेट में आ गए हैं.

क्या कहता हैं IMD का डेटा 

18 से 24 सितंबर के बीच राज्यभर में बारिश का पैटर्न गड़बड़ रहा. पुणे, रत्नागिरी, रायगढ़ और ठाणे में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, जबकि सतारा और सांगली में कम बारिश रिकॉर्ड हुई. मराठवाड़ा के जिलों जैसे धाराशिव, बीड, जालना और हिंगोली में सामान्य से कई गुना ज्यादा बारिश दर्ज की गई.

मराठवाड़ा, जहां 90% खेती बारिश पर निर्भर है और जो राज्य की 16% आबादी का घर है, वहां तबाही सबसे ज्यादा हुई. आठ जिलों वाले इस इलाके में धाराशिव में 376% ज्यादा बारिश, जबकि बीड में 187% ज्यादा बारिश हुई. हालात को देखते हुए राज्य कैबिनेट ने 31 लाख किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी है.

मराठवाड़ा, जहां 90% खेती बारिश पर निर्भर है और जो राज्य की 16% आबादी का घर है, वहां तबाही सबसे ज्यादा हुई. आठ जिलों वाले इस इलाके में धाराशिव में 376% ज्यादा बारिश, जबकि बीड में 187% ज्यादा बारिश हुई. हालात को देखते हुए राज्य कैबिनेट ने 31 लाख किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी है.

जिलावार बारिश का हाल

असमान बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
23-24 सितंबर के बीच कई जिलों में बारिश सामान्य से कम रही लेकिन नासिक, चंद्रपुर और गढ़चिरोली में सामान्य से ज्यादा पानी बरसा. जलगांव, धाराशिव, बीड, संभाजीनगर और धुले में भी भारी बारिश हुई. वहीं विदर्भ के नागपुर, गोंदिया और वर्धा में कम बारिश रिकॉर्ड हुई.

एक जून से अब तक महाराष्ट्र में 996 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो सीजन के औसत का करीब 104% है. लेकिन इसका नतीजा भारी नुकसान के रूप में सामने आया है. इंड‍ि‍या टुडे रिपोर्ट के मुताबिक 30 जिलों की 70 लाख एकड़ फसल चौपट हो चुकी है. नांदेड़, सोलापुर, यवतमाल और धाराशिव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

50 साल में सबसे ज्यादा बारिश
अधिकारियों का कहना है कि इस बार की बारिश मराठवाड़ा में पिछले 50 साल की सबसे भारी बारिश है. अब तक 750 से ज्यादा घर टूट चुके हैं, 186 मवेशी बह गए और कई पुल, स्कूल और छोटे डैम भी ढह गए. इंड‍िया टुडे रिपोर्ट के मुताबिक कई गांव अब भी डूबे हुए हैं, खेतों की मिट्टी बह चुकी है और किसानों की फसल व पशुधन दोनों तबाह हो गए हैं. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि हालात बेहद गंभीर हैं और सरकार हर स्तर पर राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है.

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