19 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र
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सुयश पांडे से चंकी पांडे बनने तक का सफर बेहद दिलचस्प और उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। चंकी पांडे का जन्म 26 सितंबर 1962 को मुंबई में हुआ था। बचपन में उनकी नैनी उन्हें प्यार से ‘चंकी’ कहकर बुलाती थीं और यही नाम आगे चलकर उनके साथ जुड़ गया। माता-पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन पढ़ाई में इंटरेस्ट न होने के कारण उन्होंने अभिनय की ट्रेनिंग शुरू की और अक्षय कुमार जैसे सितारों को भी एक्टिंग और डांस सिखाया।
शुरुआती करियर में उन्हें कई रिजेक्शन झेलने पड़े, यहां तक कि एक प्रोड्यूसर के ऑफिस से उन्हें निकाल भी दिया गया। हालांकि निर्माता पहलाज निहलानी से हुई मुलाकात उनके फिल्मी करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई और 1987 में फिल्म ‘आग ही आग‘ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया।
1988 की ‘तेजाब ‘ फिल्म में उनके किरदार ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई, लेकिन 90 के दशक में सलमान, आमिर और शाहरुख जैसे सितारों के आगे उनका करियर धीमा पड़ गया। इसके बाद उन्होंने बांग्लादेशी फिल्मों की ओर रुख किया, जहां उन्हें सुपरस्टार का दर्जा मिला।
बाद में भारत लौटने पर उन्हें फिल्म हाउसफुल सीरीज में आखिरी पास्ता के मजेदार किरदार से नई पहचान और लोकप्रियता मिली। चंकी पांडे की कहानी इस बात का सबूत है कि असफलताओं और बदलावों के बावजूद कड़ी मेहनत और धैर्य से इंसान अपनी जगह बना सकता है।
आज चंकी पांडे के 63वें जन्मदिन पर आइए जानते हैं, उनके जीवन और करियर जुड़ी कुछ और खास बातें..

सुयश पांडे से चंकी पांडे बनने की कहानी
26 सितंबर 1962 को बॉम्बे (अब मुंबई) में जन्मे चंकी पांडे का असली नाम सुयश पांडे है। उनका नाम चंकी पांडे बनने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। बचपन में उनकी देखभाल करने वाली नैनी उन्हें ‘चंकी’ कहकर बुलाती थी, क्योंकि उस समय वे गोल-मटोल थे। धीरे-धीरे यह नाम पूरे घर में प्रचलित हो गया और लोग उनके असली नाम की बजाय उन्हें चंकी कहने लगे। आगे चलकर वे चंकी पांडे के नाम से ही मशहूर हो गए।

चंकी पांडे कहते हैं कि मेरे माता-पिता ने जीवन में अपार प्रेम और मार्गदर्शन दिया।
मां-बाप डॉक्टर बनाना चाहते थे
फिल्मों में आने से पहले चंकी पांडे पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने लगे थे। चंकी के माता-पिता (डॉ.स्नेहलता पांडे-डॉ. शरद पांडे) डॉक्टर थे, इसलिए उन पर डॉक्टर बनने का दबाव था, लेकिन वह एक्टिंग की ओर झुके। 10वीं क्लास में कई बार फेल होने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर एक्टिंग क्लास में दाखिला लिया।
उन्होंने 1986 में डेजी ईरानी के स्कूल में अभिनय और डांस की ट्रेनिंग ली। वहीं उन्होंने बतौर इंस्ट्रक्टर भी काम किया और अक्षय कुमार जैसे कई स्टार्स को डांस और एक्टिंग सिखाई। चंकी पांडे ने यह बात साइरस ब्रोचा के साथ एक इंटरव्यू में कही थी।
चंकी पांडे ने कहा था- एक्टिंग स्कूल में सीनियर होने के नाते उन्होंने अक्षय कुमार को कुछ डांस मूव्स और डायलॉग डिलीवरी सिखाई थी। चंकी पांडे ने यह भी बताया कि अक्षय कुमार मजाक में कहते हैं कि उनकी सिखाई हुई बातें ही उनके शुरुआती करियर में फिल्मों के फ्लॉप होने का कारण थीं।
प्रोड्यूसर के ऑफिस से निकाले गए
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान चंकी पांडे ने करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए कहा था कि कैसे एक प्रोड्यूसर ने उन्हें ऑफिस से बाहर निकाल दिया था। चंकी पांडे ने कहा था- उस दौर में कोई कास्टिंग डायरेक्टर या डिजिटल माध्यम नहीं था, इसलिए प्रोड्यूसर्स से मिलने के लिए लंबी लाइनों में खड़े रहना पड़ता था। कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। एक बार एक बड़े प्रोड्यूसर-डायरेक्टर के ऑफिस गया। वे रोमांटिक फिल्में बनाते थे।

टॉयलेट में ऑफर हुई थी पहली फिल्म
चंकी पांडे ने 1987 में प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी की फिल्म ‘आग ही आग’ से डेब्यू किया था। इस फिल्म में काम मिलने का बहुत ही मजेदार किस्सा है। जिसके बारे में चंकी पांडे ने साइरस ब्रोचा के शो में बताया था। चंकी ने कहा था- मैं एक शादी में चूड़ीदार पजामा पहनकर गया था। मुझे उसका गांठ बांधना तो आता था, लेकिन उसे खोलना मेरे बस के बाहर था।
ज्यादा बीयर पीने की वजह से मुझे बाथरूम जाना पड़ा, लेकिन अंदर जाने के बाद मैं अपने नाड़े को खोल ही नहीं पाया। बाथरूम के अंदर खड़े-खड़े जोर से मदद के लिए आवाज लगाई। वहां मौजूद लोग इसे मजाक समझकर हंस रहे थे। मगर तभी एक शख्स मदद के लिए आगे बढ़े, वो फिल्ममेकर पहलाज निहलानी थे।
बस फिर क्या था, गांठ खुलने के साथ ही हमारी दोस्ती हो गई। हमारे बीच घंटों बातें हुईं। मैंने बताया कि मॉडलिंग करता हूं और फिल्मों में काम ढूंढ रहा हूं। पहलाज निहलानी ने बताया कि गोविंदा के साथ अभी फिल्म बनाई है। यह सुनकर मैं दंग रह गया। कुछ दिनों बाद पहलाज ने मुझे ऑफिस बुलाया और पहली फिल्म आग ही आग (1987) के लिए साइन किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने पाप की दुनिया में भी काम दिया।

चंकी पांडे और फराह नाज ‘कसम वर्दी की’ और ‘नसीबवाला’ में काम कर चुके हैं।
एक्ट्रेस फराह नाज ने जड़ दिया था थप्पड़
चंकी पांडे को थप्पड़ मारने वाली घटना फराह नाज ने 1988 में फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताई थी। उन्होंने बताया था कि 1989 में फिल्म ‘कसम वर्दी की’ के सेट पर चंकी पांडे ने उन्हें “I am the man” कहकर चिढ़ाया था, जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आया। गुस्से में उन्होंने क्रू के सामने चंकी पांडे को थप्पड़ मार दिया था। बाद में फराह नाज ने इस घटना के लिए माफी भी मांगी थी। यह घटना उस समय सुर्खियों में रही थी।
कंजूसी के लिए मशहूर रहे हैं चंकी
चंकी पांडे के बारे में कंजूसी और फिल्म ‘त्रिदेव’ से निकाले जाने के कुछ दिलचस्प किस्से सामने आए हैं। बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर राजीव राय ने इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया था। डायरेक्टर ने बताया था कि वे फिल्म ‘त्रिदेव’ में चंकी पांडे को कास्ट करने के लिए 20-25 बार उनके घर भी गए, लेकिन चंकी 1-2 लाख रुपए की रकम पर बार-बार बहस करते थे। इस वजह से उन्होंने चंकी को फिल्म से बाहर कर दिया, किसी और को कास्ट कर लिया।
राजीव ने यह भी बताया कि चंकी पांडे बहुत ही कंजूस नेचर के हैं और वो अपनी आदतों से मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म ‘विश्वात्मा’ की शूटिंग के दौरान चंकी अपने पास सिर्फ एक सिगरेट रखते थे ताकि कोई उनसे सिगरेट न मांग सके।
सलमान-आमिर और शाहरुख की वजह से बॉलीवुड में सफल नहीं हुए
चंकी पांडे ने अपने करियर पर असर डालने वाले कारणों को लेकर कई इंटरव्यू में खुलासा किया है कि जब शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान जैसे बड़े सितारे बॉलीवुड में आए, तो उनके करियर की चमक फीकी पड़ गई। यह बात उन्होंने हाल ही में स्क्रीन से किए गए एक इंटरव्यू में कही थी, जिसमें उन्होंने बताया कि 1987 में अपने डेब्यू फिल्म ‘आग ही आग’ के बाद उनका करियर अच्छा चल रहा था, लेकिन जैसे-जैसे ये नए स्टार्स इंडस्ट्री में आते गए, उन्हें खुद को खोया हुआ महसूस किया।
चंकी ने कहा कि 1988 उनका शानदार साल था, इसके बाद सब कुछ फीका पड़ गया। चंकी पांडे ने यह भी बताया कि उस वक्त अजय देवगन, अक्षय कुमार, सलमान खान, आमिर खान और शाहरुख खान जैसे स्टार्स लगातार इंडस्ट्री में एंट्री ले रहे थे जिसकी वजह से उन्हें अपनी जगह बनाना मुश्किल हो गया।
बॉलीवुड में उतार-चढ़ाव भरा रहा करियर
चंकी पांडे का हिंदी सिनेमा में सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने अपनी शुरुआत 1987 में फिल्म ‘आग ही आग’ से की थी और जल्द ही ‘तेजाब’ (1988) में अनिल कपूर के दोस्त के रोल से खास पहचान बनाई। हालांकि पांडे को हिंदी फिल्मों में मुख्य नायक के रूप में उतना बड़ा स्टारडम नहीं मिला, बल्कि उनके सहायक और साइड रोल ज्यादा सफल रहे।
1990 के दशक के मध्य तक आते-आते फिल्मों में उनकी मांग कम होने लगी, क्योंकि उस वक्त आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान जैसे बड़े सितारे उभर रहे थे। इस वजह से चंकी पांडे ने अपने अभिनय करियर को बनाए रखने के लिए बांग्लादेश के फिल्म उद्योग का रुख किया, जहां वह रातोंरात सुपरस्टार बन गए।
बांग्लादेश के शाहरुख और अमिताभ कहलाए
चंकी पांडे ने The Quint के साथ बातचीत में कहा था कि 1990 के दशक के मध्य में जब उनको हिंदी फिल्मों में बढ़ियां रोल नहीं मिल रहे थे तो उन्होंने बांग्लादेश की फिल्म इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया।
उन्होंने बताया कि उन्हें बंगाली भाषा नहीं आती थी इसलिए उनकी आवाज डब की जाती थी, लेकिन इसके बावजूद वह वहां के दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गए। चंकी को बांग्लादेश का शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन कहा जाने लगा। उन्होंने लगभग 4-5 साल तक वहां फिल्मों में काम किया और काफी सफल रहे।
बाद में चंकी अपनी बीवी के मनाने पर फिर से भारत लौटे।


चंकी और भावना अपनी बेटियों अनन्या और रियासा के साथ मजबूत रिश्ता रखते हैं।
कैसे हुई चंकी पांडे की भावना से शादी?
चंकी पांडे ने 17 जनवरी 1998 को भावना पांडे से शादी की थी। शादी से पहले भावना कॉस्ट्यूम डिजाइनर थीं। दोनों की मुलाकात एक नाइट क्लब में हुई थी, जहां चंकी ने भावना और उनकी दोस्त से बातचीत की थी। शादी से पहले चंकी और भावना काफी समय तक साथ थे और डेटिंग करते रहे।
हालांकि भावना के पिता को शुरू में चंकी पसंद नहीं थे क्योंकि उनकी एक कैसेनोवा वाली इमेज थी और उन्हें बॉलीवुड की दुनिया ठीक से समझ नहीं आती थी। पर धीरे-धीरे वे मान गए और आज दोनों का रिश्ता बहुत मजबूत और प्यार भरा है।
आखिरी पास्ता के किरदार से मिली नई पहचान
चंकी पांडे ने बॉलीवुड में 2003 में फिल्म ‘कयामत’ से वापसी की, जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक का निगेटिव किरदार निभाया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘पेइंग गेस्ट’, ‘हाउसफुल’ सीरीज, ‘बुलेट राजा’ और ‘बेगम जान’ शामिल हैं।
चंकी पांडे को ‘हाउसफुल’ सीरीज में आखिरी पास्ता के किरदार से खास पहचान मिली। इस किरदार के कारण उन्हें फैंस काफी पसंद करते हैं और उनकी बोलने की स्टाइल भी लोकप्रिय है। वे इस भूमिका में शुरू से ही नजर आ रहे हैं और इसे लेकर उन्हें कई बार चर्चा में भी देखा गया है। ‘हाउसफुल 5’ हाल ही में रिलीज हुई है।

एक्टिंग के अलावा चंकी और क्या करते हैं?
एक्टिंग के अलावा चंकी पांडे बॉलीवुड इलेक्ट्रिक नामक एक इवेंट कंपनी चलाते हैं जो स्टेज शो आयोजित करती है। इसके अलावा अपनी पत्नी भावना पांडे के साथ मिलकर मुंबई में एक हेल्थ फूड रेस्टोरेंट (Elbo Room) भी चलाते हैं।
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महिमा चौधरी बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस हैं। वह कम उम्र से ही एक्ट्रेस बनने का सपना देखती थीं। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मॉडलिंग से करियर की शुरुआत की। पूरी खबर पढ़ें..