Bihar Election: बिहार की 36 सीटों पर जनसुराज पार्टी की पकड़ मजबूत, क्या NDA और महागठबंधन को देगी मात? जानें सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े

Bihar Election: बिहार की 36 सीटों पर जनसुराज पार्टी की पकड़ मजबूत, क्या NDA और महागठबंधन को देगी मात? जानें सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े



बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक सर्वे सामने आया है. छह विधानसभा क्षेत्रों में किए गए सर्वे में बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन और I.N.D.I.A महागठबंधन में किसकी पकड़ यहां मजबूत है.

Ascendia ने बैटल ऑफ बिहार-2025 नाम से यह सर्वे किया है, जिनमें पूर्णिया, मगध, भोजपुर, भागलपुर, सारण और पटना शामिल हैं. सर्वे में एनडीए और इंडिया गठबंधन के अलावा राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को भी शामिल किया गया है. सर्वे के अनुसार इस बार भी एनडीए और महागठबंधन के लिए 2020 जैसी स्थिति रहने वाली है. हालांकि, जनसुराज पार्टी कुछ जगहों पर कमाल कर सकती है. आइए जानते हैं कि बिहार की 169 विधानसभा सीटों पर यह सर्वे क्या कहता है-

पूर्णिया
पूर्णिया में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं. यहां 46 फीसदी मुस्लिम हैं और अनुसूचित जाति की 14 फीसदी आबादी है. पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में 24 में से 12 सीटें एनडीए को मिली थीं और महागठबंधन ने सात और अन्य दलों ने पांच सीटें जीती थीं. उस समय एनडीए का वोट शेयर 36 प्रतिशत, महागठबंधन का 36 प्रतिशत और अन्य दलों का 28 प्रतिशत था. सर्वे की बात करें तो इस बार एनडीए की स्थिति में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन महागठबंधन को बढ़ोतरी मिल सकती है क्योंकि अन्य दलों का प्रभाव कम हो सकता है. जन सुराज पार्टी का प्रभाव भी कम है.

मगध
मगध विधानसभा क्षेत्र में कुल 26 सीटें हैं और यहां 10 प्रतिशत मुस्लिम और 31 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति से हैं. 2020 में यहां महागठबंधन ने बाजी मारी थी. 26 में से 20 सीटों पर उसको जीत मिली, जबकि एनडीए ने 6 सीटें जीती थीं और अन्यों के खाते में एक भी सीट नहीं थीं. सर्वे के अनुसार 2025 के चुनाव में एनडीए को बढ़त मिल सकती है और महागठबंधन की सीटें कम हो सकती हैं. हालांकि, जन सुराज पार्टी का प्रभाव यहां भी कम है. वोट शेयर की बात करें तो 2020 में एनडीए का 31 प्रतिशत था, महागठबंधन का 41 प्रतिशत और अन्य दलों के लिए 27 प्रतिशत रहा था.

भोजपुर
भोजपुर में कुल 22 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 9 प्रतिशत मुस्लिम और 22 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति से हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो एनडीए ने 28 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दो सीटें जीतीं, महागठबंधन ने 40 प्रतिशत वोट के साथ 19 और अन्य दलों ने 32 प्रतिशत वोट शेयर के साथ एक सीट जीती थी. सर्वे के अनुसार इस बार एनडीए को बढ़त मिल सकती है, जबकि महागठबंधन पिछड़ सकता है और जनसुराज का यहां भी प्रभाव कम है.

भागलपुर
भागलपुर में 45.5 प्रतिशत आबादी मुस्लिम और 14 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग हैं. यहां कुल 12 सीटें हैं, जिनमें से 2020 में एनडीए ने 9 सीटें जीतीं और महागठबंधन को तीन सीट गईं. अन्य दलों को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी. एनडीए का वोट शेयर 44 प्रतिशत, महागठबंधन का 38 प्रतिशत और अन्यों का 18 प्रतिशत था. सर्वे के अनुसार इस बार एनडीए पिछड़ सकता है, महागठबंधन आगे हो सकता है और जनसुराज की स्थिति उम्मीदवारों पर निर्भर करती है.

सारण
सारण में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं और यहां 15 प्रतिशत मुस्लिम और 15 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति के हैं. 2020 के चुनाव में एनडीए ने सारण की 9 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसका वोट शेयर 36 प्रतिशत था. महागठबंधन के खाते में 15 सीटें गईं और 39 प्रतिशत वोट शेयर रहा. वहीं, अन्य दलों को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि वोट शेयर 25 प्रतिशत था. सर्वे के अनुसार इस बार एनडीए और महागठबंधन की स्थिति में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है, लेकिन जन सुराज की यहां अच्छी पकड़ है.

पटना
पटना में 21 विधानसभा सीटें हैं. यहां 7 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और 22 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति के हैं. 2020 के चुनाव में एनडीए ने 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 11 सीटें जीतीं, जबकि 38 प्रतिशत वोट शेयर के साथ महागठबंधन ने 10 सीटों पर जीत हासिल की. अन्य दल एक भी सीट नहीं जीत सके और उनका वोट शेयर 23 प्रतिशत था. 2025 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सर्वे के अनुसार एनडीए और महागठबंधन की स्थिति में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है, जबकि जन सुराज की पकड़ यहां अच्छी है.



Source link

Leave a Reply