हर साल 27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे मनाया जाता है. इस दिन का मकसद टूरिज्म के महत्व को उजागर करना और यह दिखाना है की ट्रेवल हमारे जीवन में कितना बदलाव ला सकती है. इस साल टूरिज्म डे की थीम टूरिज्म एंड सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन है, जो पर्यटन के जरिए स्थिर विकास पर ध्यान केंद्रित करती है. वहीं भारत में टूरिज्म को लेकर हाल के वर्षों में स्टारगेजिंग ट्रेड फेमस हो रहा है. अब ट्रैवलर शहर की रोशनी से दूर नेचुरल जगह पर रात के आकाश का अनुभव लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. वहीं स्टारगेजिंग सिर्फ एक्सपीरियंस के लिए नहीं है यह बल्कि मानसिक शांति और तनाव को कम करने में भी मददगार साबित हो रहा है.
क्यों फेमस हो रहा है स्टारगेजिंग ट्रेड?
कुछ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्टारगेजिंग का सबसे बड़ा फायदा इसका पूरा एक्सपीरियंस है. एक्सपर्ट्स के अनुसार यह आपको अपने आसपास की दुनिया से दूर करता है और आकाश की खूबसूरती पर ध्यान लगाने का मौका देता है. इससे मानसिक तनाव कम होता है और आप वर्तमान में जीने लगते हैं. वहीं 2023 की एक रिसर्च में यह भी पाया गया है कि रात के आकाश को देखने से तनाव कम होता है, मूड बेहतर होता है और चिंता घटती है. इसके अलावा अब भारत में स्टारगेजिंग नाइट टूरिज्म का भी हिस्सा बन रहा है. लोग रात में ट्रैवल करने और खुले आकाश का आनंद लेने के लिए दूर और शांति वाली जगह की ओर जा रहे हैं. वहीं शहरों के लोग ज्यादातर अंधेरे आकाश को नहीं देख पाते इसलिए स्टारगेजिंग और खास होता जा रहा है.
भारत में स्टारगेजिंग के लिए फेमस हो रहे ये डेस्टिनेशन
भारत में स्टारगेजिंग का एक्सपीरियंस लेने के लिए कई खूबसूरत और ऑफबीट जगह है, जो लोगों को पसंद आ रही है. इन जगहों में उत्तराखंड का बेंताल, जागेश्वर, कौसानी और भीमताल जैसे पर्यटन स्थल शामिल है. इसके अलावा कोडाइकनाल भी लोगों की बकेट लिस्ट में शामिल हो रहा है. वहीं कुर्ग, जैसलमेर और गोवा के कुछ ऑफ बीट इलाकों को भी लोग स्टारगेजिंग के लिए अपनी लिस्ट में शामिल कर रहे हैं.
बच्चों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है स्टारगेजिंग
स्टारगेजिंग बच्चों के लिए भी फायदेमंद हो रहा है. दरअसल स्टारगेजिंग से बच्चों को डिजिटल स्क्रीन से ब्रेक लेने का मौका मिलता है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स के अनुसार स्टारगेजिंग बच्चों में भी जिज्ञासा जगाता है और ब्रह्मांड की विशालता का एहसास करने का मौका भी देता है. इसलिए यह बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता जा रहा है.
ये भी पढ़ें: जेब में हैं इतने रुपये तो आप भी लड़ सकते हैं बिहार का विधानसभा चुनाव, जानें कितनी लगती है फीस?