
शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि की पूजा होती है. आज सोमवार 29 सितंबर 2025 को कालरात्रि की पूजा का दिन रहेगा. मां कालरात्रि अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाली और काल से रक्षा करने वाली शक्ति है.

देवी भागवत पुराण में कालरात्रि को मां काली का ही रूप माना गया है. मां दुर्गा के सातवां स्वरूप काला और विकराल होने के कारण इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. आइये जानते हैं मां कालरात्रि से जुड़ी कथा के बारे में.

दुर्गा सप्तशती में महिषासुर के वध के समय मां भद्रकाली की कथा का उल्लेख मिलता है. कथा के अनुसार, मां कालरात्रि ने शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज नामक राक्षसों का वध करके देवी-देवताओं और मनुष्यों की रक्षा की थी.

कथा के अनुसार, शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज के आतंक से तीनों लोक में भय का माहौल था. समस्या के समाधान के लिए सभी देवतागण महादेव के पास गए. महादेव ने माता पार्वती से शुंभ-निशुंभ का अंत करने को कहा. तब देवी ने दुर्गा रूप धारण कर शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया.

कहा जाता है कि, रक्तबीज को वर प्राप्त था कि उसके रक्त की बूंद धरती पर गिरते ही उसके जैसा एक और राक्षस जन्म लेगा. तब माता दुर्गा ने अपने तेज से मां कालरात्रि का रूप धारण किया. मां कालरात्रि ने रक्तबीज के रक्त को धरती पर गिरने से पहले ही उसे अपने मुंह में भर लिया. इस तरह रक्तबीज का भी संहार हो सका.

मां कालरात्रि का एक नाम शुभंकरी भी है, क्योंकि कालरात्रि जहां असुरों का संहार करती हैं. वहीं अपने भक्तों के जीवन को शुभता से भर देती है. आज के दिन गुड़ का भोग लगाकर मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए.
Published at : 29 Sep 2025 04:38 AM (IST)