बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय कुछ समय पहले ‘केसरी वीर’ में नजर आए. इसी साल ये फिल्म रिलीज हुई है जो फैन्स के बीच कुछ खास नहीं कर पाई. सालों बाद विवेक ने एक्टिंग में वापसी की थी, लेकिन निराशा हाथ लगी. विवेक आजकल नितेश तिवारी की फिल्म ‘रामायणम्’ की शूटिंग में बिजी चल रहे हैं. इन सबसे थोड़ा वक्त निकालकर पहली बार विवेक ने पर्सनल लाइफ, ऐश्वर्या संग ब्रेकअप और सलमान खान के साथ कॉन्ट्रोवर्सी पर बात की है.
विवेक और सलमान में हुई थी कॉन्ट्रोवर्सी
साल 2003 में विवेक ओबेरॉय काफी चर्चा में आ गए थे. वजह थी, पब्लिक में आकर सलमान खान पर आरोप लगाना. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक ने कहा था कि सलमान उन्हें धमकी दे रहे हैं. क्योंकि ऐश्वर्या राय संग वो रिश्ते में हैं और ये बात सलमान को पच नहीं रही है. इसके बाद विवेक को करियर में काफी स्ट्रगल करने पड़े. हाल ही में एक इंटरव्यू में विवेक ने इस पूरी कॉन्ट्रोवर्सी और इससे डील करने पर बात की. बताया कि कैसे उन्होंने ब्रेकअप का दर्द झेला था.
प्रखर गुप्ता के पॉडकास्ट में बात करते हुए विवेक ने कहा- लाइफ में मैं काफी इमोशनल और सेंसिटिव इंसान रहा हूं. मैं ब्रेकअप के डर में नहीं जी सकता, क्योंकि मैं पहले इसके साथ जी चुका हूं. मैंने ब्रेकअप का दर्द झेला है. बहुत डरावना होता है. अकेलापन लगता है. मैं बहुत ही प्यार से परिवार के साथ रहने वाला बंदा हूं.
“ब्रेकअप के बाद, मैं अकेला रहने लगा. खुद को प्रोटेक्ट करके रखता था. क्योंकि मैं वो दर्द दोबारा नहीं झेलना चाहता था. बतौर इंसान हम इस साइकिल से गुजरते हैं. लेकिन ये मैं नहीं हूं, ये मेरे नेचर में ही नहीं हैय मैं इससे उल्टा काम करता हूं. आपको ओपन होना होगा, दोबारा प्यार करना होगा और महसूस करना होगा.”
साल 2003 में जब सलमान से हुई विवेक की लड़ाई
सलमान खान संग लड़ाई पर बात करते हुए विवेक ने कहा- अजीब बात ये है कि सिर पर जब आफत आती है, सिर पर पंगे होते हैं तब वो बड़े लगते हैं. जब मैं अपने बच्चों की दिक्कतें देखता हूं. मैं हंसता हूं क्योंकि उनकी दिक्कतें, दिक्कतें हैं ही नहीं. ऐसे ही मुझे लगता है कि भगवान जब आपकी दिक्कत देखते हैं तो सोचते हैं कि बच्चे ये तो बहुत छोटी सी दिक्कत है. तुम खुद को मजबूत बनाओ. पर ये चीज बाद में दिखती है.
किसी बात पर रिएक्ट कर देने पर अब मुझे हंसी आती है. मजाक लगता है. एक वो जो डर था या कड़वाहट थी, निशान थे, वो उस समय मुश्किल लगते थे. जो भी मैंने झेला, मैं भूल चुका हूं. सबसे मुश्किल होता है पेरेंट्स को उस दौरान स्ट्रेस में देखना. मां की आंखों में आंसू देखना, पिता के चेहरे पर शिकन. वो चीजें रह जाती हैं. पर समय के साथ आपको बदलना होता है और अच्छी बातों को दिमाग में रखना होता है.
कभी-कभी लगता था कि मैं ही क्यों? ये बहुत ही खराब फेज होता है. मैं करियर में बायकॉट कर दिया गया था. कोई मेरे साथ काम नहीं करना चाहता था. कितनी फिल्मों से मुझे बाहर निकाला गया जो मैंने साइन कर ली थीं. मुझे धमकी भरी कॉल्स आ रही थीं. मेरी प्रसनल लाइफ खराब चल रही थी. मैं डिप्रेशन में जा रहा था. मैं उस समय अपनी मम्मी की गोद में लेटकर बहुत रोता था.
—- समाप्त —-