जाको राखे साइयां… मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में नाबालिग ने वॉशरूम में बच्ची को दिया जन्म, बदनामी से बचने के लिए खिड़की से नीचे फेंका, बेबी सेफ – burhanpur minor girl gives birth baby in washroom throws out of window baby safe lclnt

जाको राखे साइयां… मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में नाबालिग ने वॉशरूम में बच्ची को दिया जन्म, बदनामी से बचने के लिए खिड़की से नीचे फेंका, बेबी सेफ – burhanpur minor girl gives birth baby in washroom throws out of window baby safe lclnt


मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के जिला अस्पताल में रविवार सुबह का दृश्य किसी फिल्मी कहानी जैसा था, लेकिन यह हकीकत थी. अस्पताल की चहल-पहल के बीच अचानक खबर फैली कि एक नवजात बच्ची अस्पताल की बालकनी के नीचे मिली है. लोग हैरान थे कि आखिर इतनी छोटी सी जान वहां कैसे पहुंची.

नवजात को जान से मारने की कोशिश
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, यह बच्ची एक नाबालिग मां की थी, जिसने सुबह-सुबह अस्पताल के वॉशरूम में उसे जन्म दिया. बच्ची का रोना सुनकर कोई और वहां पहुंचता, उससे पहले ही उस नाबालिग ने बदनामी के डर से नवजात को जान से मारने की कोशिश की. उसने बच्ची को अस्पताल की बालकनी से नीचे फेंक दिया. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. बच्ची सीधे कचरे और प्लास्टिक के ढेर पर गिरी और उसकी जान बच गई.

गवाहों का कहना है कि जब लोग नीचे पहुंचे तो मासूम सांस ले रही थी, हालांकि उसके गले में मामूली चोट थी. तुरंत डॉक्टरों को बुलाया गया और बच्ची को अस्पताल की एमसीयू स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने राहत की खबर दी कि बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर है.

उधर, पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. लालबाग थाना प्रभारी अमित सिंह यादव ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि पुरुष वॉशरूम के पास एक नवजात मिली है. जांच शुरू की गई तो धीरे-धीरे पूरा मामला सामने आया.

कैसे सामने आई सच्चाई?
पूछताछ और अस्पताल कर्मचारियों के बयान के बाद पुलिस को शक हुआ कि बच्ची उसी दिन अस्पताल में आई एक नाबालिग लड़की की है. शुरुआत में तो मामले पर चुप्पी साधी गई, लेकिन धीरे-धीरे सच्चाई सामने आई कि उसने ही बच्ची को जन्म दिया था और फिर उसे बालकनी से नीचे फेंक दिया.

फिलहाल बच्ची सुरक्षित है और पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. अधिकारियों का कहना है कि घटना की सभी परिस्थितियों की गहराई से पड़ताल की जाएगी. यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे डर और बदनामी का बोझ एक नाबालिग को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर देता है.

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