भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की, जो दोनों देशों के बीच संबंधों के पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. ये मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में जयशंकर के उच्च स्तरीय कार्यक्रमों का हिस्सा है, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आगे के कदमों पर चर्चा की.
जयशंकर ने हाल ही में उच्चायुक्तों की नियुक्ति का स्वागत करते हुए इसे राजनयिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम बताया.
‘भारत में स्वगत के लिए उत्सुक’
जयशंकर ने एक्स पर लिखा, ‘आज सुबह न्यूयॉर्क में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के साथ अच्छी बैठक हुई. संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए उच्चायुक्तों की नियुक्ति स्वागत योग्य है. आज इस संबंध में आगे के कदमों पर चर्चा हुई. भारत में विदेश मंत्री आनंद का स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं.’
UNGA में जयशंकर की बातचीत में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान जैसे शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा शामिल रही है.
भारत-कनाडा ने नियुक्त किए राजदूत
पिछले महीने भारत और कनाडा ने एक-दूसरे की राजधानियों में राजदूत नियुक्त किए थे जो एक सिख आतंकी की हत्या के बाद तनावग्रस्त हुए संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है. अगस्त में भारत ने घोषणा की थी कि भारतीय विदेश सेवा अधिकारी दिनेश पटनायक को कनाडा में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है. पिछले हफ्ते पटनायक ने कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी साइमन को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किए और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
कनाडा में भारतीय मिशन ने भी गुरुवार को X पोस्ट में इसकी पुष्टि की. पोस्ट में कहा गया, ‘हाई कमिश्नर दिनेश पटनायक ने कनाडा की गवर्नर जनरल एच.ई. द राइट ऑनरेबल मैरी साइमन को साख पत्र प्रस्तुत किया, जिसके बाद टेटे-ए-टेट (आमने-सामने की संक्षिप्त मुलाकात) हुआ. उन्होंने भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया.’
जयशंकर और आनंद की मुलाकात दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक और कदम है. भारत और कनाडा के बीच व्यापार, शिक्षा, और प्रवास जैसे क्षेत्रों में गहरे संबंध हैं, लेकिन हाल के वर्षों में खालिस्तानी मुद्दे ने इन संबंधों को प्रभावित किया है.
कनाडा से संबंधों में सुधार
भारत और कनाडा के बीच संबंध खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद तनाव में आ गए थे. तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत के संभावित संबंध की बात कही थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद गहरा गया. अक्टूबर 2024 में, भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, जब ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने की कोशिश की थी. भारत ने जवाबी कार्रवाई में उतने ही कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.
पीएम मोदी ने जी7 में की कार्नी से मुलाकात
हालांकि, अप्रैल 2025 में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी की संसदीय चुनाव में जीत ने संबंधों को रीसेट करने की प्रक्रिया शुरू की. जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के साथ बातचीत की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए रचनात्मक कदम उठाने पर सहमति जताई, जिसमें दोनों राजधानियों में जल्द से जल्द राजदूतों की वापसी शामिल थी.
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