8 घंटे की नींद के बाद भी थकी-थकी सी रहती है बॉडी, ये है वजह

8 घंटे की नींद के बाद भी थकी-थकी सी रहती है बॉडी, ये है वजह



Quality Sleep Vs Quantity Sleep: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों ने हेल्दी खाना और एक्सरसाइज को तो काफी हद तक अपनी आदतों में शामिल कर लिया है, लेकिन एक चीज है जिसे अब भी बहुत लोग नजरअंदाज कर देते हैं और वह है अच्छी नींद. अच्छी नींद मतलब ऐसी नींद लेना, जिससे शरीर और दिमाग दोनों पूरी तरह से रिफ्रेश हो जाएं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एक व्यक्ति को हर रात कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.

हालांकि, कई लोग रोजाना 8 घंटे की नींद भी लेते हैं और फिर भी सुबह उठते ही थकान, आलस और भारीपन महसूस होता है तो यह सिर्फ आपकी नींद की मात्रा का नहीं, बल्कि उसकी क्वालिटी का सवाल है. आजकल लाखों लोग इसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं. अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो रहा है. चलिए जानते हैं कि किन वजहों से 8 घंटे की नींद के बाद भी बॉडी थकी-थकी सी रहती है.

1. हार्मोन का असंतुलन – हमारे शरीर में कुछ खास तरह के हार्मोन होते हैं जो नींद, भूख, मूड और एनर्जी के लेवल को कंट्रोल करते हैं. जब इनमें गड़बड़ी होती है, खासतौर पर स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बिगड़ जाता है तो इसका असर नींद पर पड़ता है. कोर्टिसोल अगर ज्यादा बन रहा हो या कम हो रहा हो, तो शरीर को ठीक से आराम नहीं मिल पाता है. इससे नींद पूरी लगती है लेकिन शरीर थका-थका रहता है.

2. शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी – मैग्नीशियम, पोटैशियम और सोडियम जैसे मिनरल्स हमारे शरीर में बहुत जरूरी काम करते हैं. ये नर्वस सिस्टम को शांत रखते हैं, मांसपेशियों को आराम देते हैं और अच्छी नींद में मदद करते हैं. जब इनमें से कोई भी मिनरल शरीर में कम हो जाता है तो रात को नींद बार-बार टूटती है या गहरी नींद नहीं आती और इसके कारण सुबह उठकर भी थकान बनी रहती है.

3. मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा यूज यानी ब्लू लाइट एक्सपोजर – आजकल हम सब रात को सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप चलाते हैं. इनकी स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट दिमाग को सिग्नल देती है कि अभी जागने का समय है. इससे नींद लाने वाला हार्मोन मेलाटोनिन कम बनने लगता है, जिसके कारण नींद तो आती है, लेकिन वो गहरी नहीं होती और सुबह उठते ही शरीर भारी लगता है.

4. हर दिन अलग-अलग समय पर सोना और उठना – अगर आप कभी 10 बजे सोते हैं, कभी 12 बजे और सुबह भी कभी 6 बजे उठते हैं तो कभी 9 बजे, तो इससे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है फिर चाहे आप 8 घंटे भी क्यों न सो लें, शरीर को असली आराम नहीं मिलता और दिनभर थकावट महसूस होती है.

5. देर रात भारी खाना या कैफीन लेना – अगर आप रात को सोने से पहले चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक पीते हैं या भारी खाना खाते हैं, तो शरीर का पाचन तंत्र एक्टिव हो जाता है. इससे नींद आने में परेशानी होती है या नींद पूरी तरह से नहीं रहती. इससे भी आप सुबह फ्रेश महसूस नहीं करते हैं.

6. नींद से जुड़ी बीमारियां – कुछ लोगों को रात को सांस लेने में रुकावट, जोर से खर्राटे या बार-बार नींद खुलने जैसी समस्याएं होती हैं. ये सारी बातें नींद की क्वालिटी को बहुत खराब कर देती हैं. अगर आपको भी ऐसा लगता है तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.

नींद की क्वालिटी कैसे सुधारें?

1. रोज एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें.

2.सोने से कम से कम 1 घंटा पहले मोबाइल या लैपटॉप से दूर रहें.

3. रात को हल्का खाना खाएं और कैफीन से बचें.

4. सोने से पहले मेडिटेशन, योग या हल्की स्ट्रेचिंग करें.

5. दिन में थोड़ा बहुत फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें.

6. अगर लगातार थकान रहती है तो विटामिन्स और मिनरल्स की जांच कराएं.

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