चित्तौड़गढ़ में एक सरकारी फंक्शन में हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की परफॉर्मेंस के दौरान डोम गिर गया। इसके नीचे हजारों की संख्या में लोग बैठे थे। सैकड़ों लोग डोम के स्ट्रक्चर पर चढ़े हुए थे।
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बताया जा रहा है कि इसी कारण डोम का बड़ा हिस्सा टूट गया। हादसा जिले के निंबाहेड़ा में राष्ट्रीय दशहरा मेला उत्सव के दौरान सोमवार देर रात 12 बजे हुआ। अधिकारियों का दावा है कि हादसे में किसी को चोट नहीं लगी है।

अधिकारियों का दावा है कि डोम के स्टील स्ट्रक्चर पर ज्यादा दबाव होने से वो एक तरफ गिर गया।
अधिकारी बोले- ज्यादा भीड़ आई, डोम के ऊपर चढ़े
एसडीएम विकास पंचोली ने बताया-निंबाहेड़ा नगर परिषद ने मेले का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को मेले का आठवां दिन था। सपना चौधरी को कार्यक्रम के कारण आम दिनों से ज्यादा भीड़ थी।
कार्यक्रम को लेकर मेले में तीन डोम बनाए गए थे। रात 11 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। सपना चौधरी को देखने के लिए कुछ लोग डोम के साइड में पोल को पकड़कर खड़े थे। कुछ लोग डोम के ऊपर भी बैठे थे।

एक व्यक्ति डोम के ऊपर बैठा है। वहीं कुछ लोग डोम के पोल पर लटककर खड़े हैं।
सपना चौधरी ने 15 मिनट किया परफॉर्म
सपना चौधरी ने रात पौने 12 बजे परफॉर्मेंस देना शुरू किया। करीब 15 मिनट बाद रात 12 बजे सपना चौधरी के परफॉर्मेंस के दौरान सामने बनाए गए डोम का बायां हिस्सा गिर गया।हादसे के तुरंत बाद कार्यक्रम को रुकवा दिया गया। आनन-फानन में सपना चौधरी को तुरंत स्टेज से उतारा गया। साथ ही लोगों को शांति से मेले से बाहर जाने की अपील की गई। एसडीएम ने बताया-हादसे के बाद रात के सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए।

कार्यक्रम के दौरान एक युवक डोम के सबसे ऊपरी हिस्से पर जाकर बैठकर गया। हालांकि, डोम जब गिरने लगा तो वह स्लिप होकर नीचे आ गया।
जमीन से 3 फीट ऊपर रह गया था डोम
एसडीएम ने बताया- डोम का हिस्सा करीब 3 फीट ऊपर रह गया था। जिस कारण से लोगों को चोट नहीं आई। डोम के ऊपर बैठे लोग और साइड में लटके हुए लोग गिरने के दौरान ही दूर हो गए थे।
जिस कारण किसी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई है। डोम को ठीक करने का काम रात में ही शुरू कर दिया गया है। मंगलवार को मेले में सभी कार्यक्रम होंगे।

हादसे के तुरंत बाद भी कुछ मिनटों के लिए अफरा-तफरी का माहौल हो गया। ऐसे में सपना चौधरी को तुरंत वहां से निकाला गया।
1973 में हुई थी दशहरा मेला की शुरुआत
निंबाहेड़ा में राष्ट्रीय दशहरे मेले की शुरुआत 1973 में हुई थी। शुरुआती 7 साल तक मेले का आयोजन केवल तीन दिन किया जाता था। साल 1984 से मेले में सांस्कृतिक और अन्य प्रोग्राम होने लगे।
शुरू में मेले का आयोजन लोगों से पैसे जुटाकर किया जाता था।अब मेले का आयोजन नगर परिषद द्वारा किया जाता है। मेले में दुकानों की नीलामी होती है।
मेला चैत्र नवरात्रि की पहली तिथि को शुरू होता है और 10 दिन तक चलता है। इस बार तृतीया तिथि बढ़ने के कारण मेला 11 दिन चलेगा। इस वर्ष 22 सितंबर को मेले की शुरुआत हुई, जो की 2 अक्टूबर तक चलेगा।

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मेरा जन्म और परवरिश दिल्ली में हुई। मैं दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में पली-बढ़ी, जहां के कोने से ही हरियाणा का बॉर्डर लग जाता है। मेरी परवरिश पूरी तरीके से हरियाणवी माहौल में हुई। पूरी खबर पढ़िए…