white spots on nails: क्या आपके नाखूनों पर व्हाइट निशान दिखाई दे रहे हैं? अगर हां, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. यह निशान आपके शरीर में कई तरह की बीमारियों का संकेत हो सकता है. क्योंकि नाखून हमारे शरीर के उन अंगों में से हैं, जो शरीर में होने वाली तमाम तरह की बीमारियों का संकेत हमें पहले ही दे देते हैं, ताकि समय पर हम उनका इलाज करवा सकें. चलिए आपको बताते हैं कि ये निशान शरीर में किस बीमारी का संकेत देते हैं.
किस बीमारी का संकेत
अगर आपके भी नाखून में सफेद रंग के निशान हो रहे हैं, तो इसका मतलब शरीर में जिंक की कमी हो रही है. यह एक ऐसा मिनरल है, जिसकी हमारी शरीर को काफी सख्त जरूरत होती है. इम्यून सिस्टम, सेल्यूलर डिवीजन और स्किन की सेहत में इसका रोल काफी अहम होता है. इसकी कमी से सिर्फ नाखूनों में सफेद दाग ही नहीं होते, बल्कि कई अन्य लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं. जिंक की कमी के अलावा इसका एक कारण ल्यूकोनीशिया भी हो सकता है. इसमें नेल की प्लेट को काफी गंभीर नुकसान पहुंचता है और उसका कलर पहले की तुलना में काफी बदल जाता है.
क्या-क्या होते हैं कारण
मैनीक्योर के साइड इफेक्ट्स
कभी-कभी इसका कारण मैनीक्योर के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. इस स्थिति में नाखून की स्किन को नुकसान होता है और उसे नेलबेड के नाम से जाना जाता है. इसमें नाखूनों में सफेद धब्बे या निशान बन सकते हैं. यह निशानी होती है कि नाखून कमजोर हो रहे हैं.
फंगल इंफेक्शन
नाखूनों में सफेद धब्बे का कारण फंगल इंफेक्शन भी बन सकता है. आसपास फैली गंदगी के संपर्क में जब हम आते हैं, तो रोगाणु कई तरीकों से हमारे नाखूनों या आसपास की स्किन की दरारों तक पहुंच जाते हैं. बाद में इनसे फैलने वाले इंफेक्शन की वजह से हमारे नाखून का रंग सफेद पड़ने लगता है. इस स्थिति में नाखूनों का रंग सफेद होने के अलावा पीला भी हो जाता है, वे टूटने लगते हैं और मोटे हो जाते हैं.
दवाईयां
हम अलग-अलग बीमारियों से बचने के लिए तमाम तरह की दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से कुछ नाखून के सफेद होने का कारण बन सकती हैं. इनसे नाखून में व्हाइट लाइंस दिखने लगती हैं. इनसे नाखूनों को कई तरह की दिक्कत होती है, जैसे कि धीमी नाखून ग्रोथ, नाखून पतले और टूटने की समस्या. अगर बात करें कि किन बीमारियों की दवाइयां सबसे ज्यादा असर करती हैं, तो इसमें कैंसर के लिए इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी, रेटिनोइड्स, सल्फोनामाइड्स और क्लोक्सासिलिन जैसी दवाइयां शामिल हैं.
जहरीला मेटल
कभी-कभी नाखून का रंग सफेद होना किसी बीमारी के चलते नहीं बल्कि कई अन्य कारणों से भी हो सकता है. जैसे कि आर्सेनिक और थैलियम जैसे जहरीले मेटल से आपका संपर्क होता है, तो भी नाखून का रंग सफेद हो सकता है. इसमें मीस लाइन्स नाम की सफेद बैंड होने के चलते इसका रंग बदल जाता है. हालांकि इसके भी कारण हैं जैसे कि गंदा खाना खाना या किसी इंडस्ट्रियल एरिया में रहना, तो इस तरह की दिक्कत हो सकती है.
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए
नाखून का सफेद रंग हमेशा खतरनाक नहीं होता, कभी-कभी यह नॉर्मल स्थिति भी हो सकती है. लेकिन हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए कि अगर सफेद निशान लंबे समय तक बने रहते हैं, नाखूनों का रंग काफी ज्यादा बदल जाता है, ये कमजोर होकर टूटकर गिरने लगते हैं और इनके साथ शरीर में थकावट और बाकी लक्षण दिखते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. Dr. Jushya Bhatia Sarin, जो कि UK में MD Dermatologist हैं, उन्होंने इसको लेकर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया था. उनके मुताबिक यह शरीर में जिंक की कमी या लिवर से जुड़ी किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है. इसलिए अगर बार-बार इस तरह की स्थिति दिखती है, तो आपको स्किन के डॉक्टर से मिलना चाहिए.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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