भारत के समुद्रों में इस समय दो लो प्रेशर एरिया बने हुए हैं, एक पश्चिमी हिस्से में और दूसरा पूर्वी हिस्से में. जिसकी वजह से कई राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी भारत में कच्छ की खाड़ी और उत्तर-पूर्वी अरब सागर में एक निम्न दबाव क्षेत्र एक्टिव है. जो कुछ घंटों में और मजबूत होकर डिप्रेशन में बदल सकता है.
वहीं, बंगाल की खाड़ी में दूसरा निम्न दबाव क्षेत्र पश्चिम-मध्य हिस्से में है, जो अब और मजबूत हो गया है. इसके आसपास 55-60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. यह सिस्टम जल्द ही डिप्रेशन बनकर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाकों के पास पहुंचेगा.
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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी होगा एक्टिव
मौसम विभाग के मुताबिक, 4 अक्टूबर को एक पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी एक्टिव होगा जो 5 अक्टूबर को उत्तर राजस्थान और पंजाब में पहुंचेगा. इन तीनों सिस्टम (दो निम्न दबाव और पश्चिमी विक्षोभ) के मिलने से 10 अक्टूबर तक देश के कई हिस्सों में मौसमी गतिविधियां जारी रहेंगी और बारिश होगी.
किन राज्यों में होगी बारिश?
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक, इन सिस्टम्स के असर से पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बारिश होगी.
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में भी बारिश और खराब मौसम देखने को मिल सकता है. 6 और 7 अक्टूबर को कुछ इलाकों में भारी बारिश की आशंका है.
मॉनसून की वापसी में देरी
मौसमी गतिविधियों के कारण मॉनसून की देश से वापसी में देरी होगी. जिन इलाकों से मॉनसून की विदाई हो चुकी है, वहां भी बारिश होगी.
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