1.49 लाख रुपए वाले iPhone 17 Pro Max को बनाने में कितनी आती है लागत, असलियत जान नहीं होगा यकीन

1.49 लाख रुपए वाले iPhone 17 Pro Max को बनाने में कितनी आती है लागत, असलियत जान नहीं होगा यकीन


तकनीकी रिपोर्ट्स और इंडस्ट्री विश्लेषण के अनुसार, किसी भी iPhone की उत्पादन लागत उसकी मार्केट प्राइस से कहीं कम होती है. iPhone 17 Pro Max की बॉडी, डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, प्रोसेसर, बैटरी और अन्य हार्डवेयर पार्ट्स की कुल कीमत जोड़ें तो इसकी असली लागत लगभग 45,000 से 50,000 रुपये तक बैठती है. यानी जो फोन बाजार में 1.49 लाख रुपए में बिक रहा है उसकी मैन्युफैक्चरिंग लागत सिर्फ एक-तिहाई है.

तकनीकी रिपोर्ट्स और इंडस्ट्री विश्लेषण के अनुसार, किसी भी iPhone की उत्पादन लागत उसकी मार्केट प्राइस से कहीं कम होती है. iPhone 17 Pro Max की बॉडी, डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, प्रोसेसर, बैटरी और अन्य हार्डवेयर पार्ट्स की कुल कीमत जोड़ें तो इसकी असली लागत लगभग 45,000 से 50,000 रुपये तक बैठती है. यानी जो फोन बाजार में 1.49 लाख रुपए में बिक रहा है उसकी मैन्युफैक्चरिंग लागत सिर्फ एक-तिहाई है.

अब सवाल उठता है कि अगर बनाने में खर्च इतना कम है तो iPhone की कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है? इसके पीछे कई कारण हैं. एप्पल एक लग्ज़री ब्रांड है और कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को प्रीमियम क्लास के लिए डिजाइन करती है. इसके अलावा एप्पल हर नए मॉडल के लिए अरबों डॉलर रिसर्च पर खर्च करता है.

अब सवाल उठता है कि अगर बनाने में खर्च इतना कम है तो iPhone की कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है? इसके पीछे कई कारण हैं. एप्पल एक लग्ज़री ब्रांड है और कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को प्रीमियम क्लास के लिए डिजाइन करती है. इसके अलावा एप्पल हर नए मॉडल के लिए अरबों डॉलर रिसर्च पर खर्च करता है.

यह लागत भी प्रोडक्ट की कीमत में जुड़ती है. iPhone की ग्लोबल ब्रांडिंग और हाई-एंड मार्केटिंग कैंपेन भी कीमत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं. iOS सिस्टम, सिक्योरिटी अपडेट्स और स्पेशल फीचर्स भी कीमत का हिस्सा होते हैं. भारत जैसे देशों में इंपोर्ट टैक्स और कस्टम ड्यूटी जोड़कर कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है.

यह लागत भी प्रोडक्ट की कीमत में जुड़ती है. iPhone की ग्लोबल ब्रांडिंग और हाई-एंड मार्केटिंग कैंपेन भी कीमत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं. iOS सिस्टम, सिक्योरिटी अपडेट्स और स्पेशल फीचर्स भी कीमत का हिस्सा होते हैं. भारत जैसे देशों में इंपोर्ट टैक्स और कस्टम ड्यूटी जोड़कर कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है.

सोचिए, जो फोन बनाने में करीब 50 हजार रुपए खर्च होता है, वही ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते तीन गुना महंगा हो जाता है. यही कारण है कि iPhone को

सोचिए, जो फोन बनाने में करीब 50 हजार रुपए खर्च होता है, वही ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते तीन गुना महंगा हो जाता है. यही कारण है कि iPhone को “स्टेटस सिंबल” भी माना जाता है. असल में आप सिर्फ हार्डवेयर के लिए पैसे नहीं दे रहे होते, बल्कि ब्रांड की इमेज, सॉफ्टवेयर एक्सपीरियंस और एक्सक्लूसिव फीचर्स के लिए भी भारी रकम चुका रहे होते हैं.

iPhone 17 Pro Max की असली लागत जानकर शायद आपको लगे कि कीमत के मुकाबले हार्डवेयर का खर्च बहुत कम है. लेकिन यही एप्पल की बिज़नेस स्ट्रैटेजी है कम लागत में बने प्रोडक्ट को हाई प्राइस टैग देकर प्रीमियम ब्रांडिंग के साथ पेश करना.

iPhone 17 Pro Max की असली लागत जानकर शायद आपको लगे कि कीमत के मुकाबले हार्डवेयर का खर्च बहुत कम है. लेकिन यही एप्पल की बिज़नेस स्ट्रैटेजी है कम लागत में बने प्रोडक्ट को हाई प्राइस टैग देकर प्रीमियम ब्रांडिंग के साथ पेश करना.

यही वजह है कि लाखों लोग जानते हुए भी iPhone खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि उनके लिए यह सिर्फ एक स्मार्टफोन नहीं बल्कि लक्ज़री और स्टेटस की पहचान है.

यही वजह है कि लाखों लोग जानते हुए भी iPhone खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि उनके लिए यह सिर्फ एक स्मार्टफोन नहीं बल्कि लक्ज़री और स्टेटस की पहचान है.

Published at : 05 Oct 2025 07:38 AM (IST)



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