
स्मार्टफोन में मौजूद GPS (Global Positioning System) सैटेलाइट्स से सिग्नल लेकर आपकी सटीक लोकेशन बताता है. इसके साथ ही यह मोबाइल नेटवर्क और Wi-Fi से भी मदद लेता है ताकि लोकेशन ट्रैकिंग और तेज़ व सही हो सके. यानी जब आप लोकेशन ऑन रखते हैं तो फोन लगातार सैटेलाइट और नेटवर्क से कनेक्ट होकर डेटा एक्सचेंज करता है. यही प्रक्रिया बैटरी की खपत बढ़ा देती है.

लोकेशन ऑन रखने से बैटरी की खपत कई बातों पर निर्भर करती है – जैसे आप कौन सा ऐप चला रहे हैं फोन का प्रोसेसर कितना पावर-एफिशिएंट है और बैकग्राउंड में कितने ऐप्स GPS इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर आप Google Maps से लगातार नेविगेशन कर रहे हैं तो बैटरी का खर्च सबसे ज्यादा होता है. 1 घंटे में बैटरी 6% से 15% तक गिर सकती है.

अगर लोकेशन बैकग्राउंड में किसी ऐप के लिए चालू है जैसे मौसम ऐप या फिटनेस ट्रैकर, तो यह प्रति घंटे 1% से 3% तक बैटरी खा सकता है. हाई-एंड स्मार्टफोन्स में बैटरी खपत थोड़ी कम होती है क्योंकि उनमें GPS चिप और प्रोसेसर ज्यादा पावर-एफिशिएंट होते हैं.

लोकेशन ऑन रखने से फोन को लगातार GPS सिग्नल पकड़ने पड़ते हैं. जब आप यात्रा पर होते हैं या कमजोर नेटवर्क वाले एरिया में जाते हैं तो फोन ज्यादा पावर खर्च करता है. इसके अलावा, कई ऐप्स चुपचाप बैकग्राउंड में आपकी लोकेशन एक्सेस करते रहते हैं जिससे बैटरी तेजी से खत्म होती है.

अगर आप चाहते हैं कि लोकेशन ऑन रहने के बावजूद बैटरी ज्यादा न गिरे तो ये टिप्स मदद कर सकते हैं. App Permissions कंट्रोल करें, सिर्फ उन्हीं ऐप्स को लोकेशन की अनुमति दें जिनमें यह जरूरी है. इससे लोकेशन कम फ्रिक्वेंसी पर अपडेट होगा और बैटरी बचेगी. लोकेशन को Always On की बजाय While Using App पर सेट करें. Wi-Fi और Mobile Data का सही इस्तेमाल करें – Wi-Fi से लोकेशन ट्रैकिंग ज्यादा पावर-एफिशिएंट होती है. जब जरूरत न हो तो लोकेशन ऑफ कर दें.

लोकेशन ऑन रखना स्मार्टफोन के लिए जरूरी तो है लेकिन यह बैटरी पर असर डालता है. सामान्य तौर पर यह बैकग्राउंड में कम बैटरी खाता है, लेकिन नेविगेशन जैसे ऐप्स में तेजी से बैटरी खत्म हो सकती है. इसलिए समझदारी इसी में है कि लोकेशन को जरूरत पड़ने पर ही ऑन करें और ऐप परमिशन को कंट्रोल में रखें. ऐसा करने से आपकी बैटरी ज्यादा समय तक चलेगी और फोन की परफॉर्मेंस भी बेहतर बनी रहेगी.
Published at : 23 Sep 2025 08:20 AM (IST)