
फास्ट चार्जिंग का काम करने का तरीका सामान्य चार्जिंग से अलग होता है. साधारण चार्जर बैटरी को धीरे-धीरे पावर सप्लाई करता है जबकि फास्ट चार्जर हाई वोल्टेज और ज्यादा करंट बैटरी को भेजता है. इसका फायदा यह होता है कि कम समय में ज्यादा चार्ज बैटरी तक पहुंच जाता है. यही वजह है कि आप देखते हैं कि नया फोन 10-15 मिनट में आधे से ज्यादा चार्ज हो जाता है. लेकिन इस तेज़ी की एक कीमत भी होती है और वह है बैटरी के अंदर अतिरिक्त गर्मी का पैदा होना.

बैटरी का सबसे बड़ा दुश्मन गर्मी होती है. जब बैटरी पर ज्यादा दबाव पड़ता है और वह लगातार ओवरहीट होती है तो उसकी लाइफ धीरे-धीरे कम होने लगती है. वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो हर लिथियम-आयन बैटरी की चार्जिंग-साइकिल होती है यानी कितनी बार वह चार्ज और डिस्चार्ज हो सकती है. फास्ट चार्जिंग के कारण बैटरी ज्यादा गर्म होती है और यह चार्जिंग-साइकिल सामान्य से जल्दी पूरी हो जाती है. नतीजा यह निकलता है कि समय से पहले बैटरी की क्षमता घटने लगती है और फोन पहले जैसा बैकअप नहीं देता.

हालांकि, यह कहना भी सही नहीं होगा कि फास्ट चार्जिंग पूरी तरह खतरनाक है. मोबाइल कंपनियां आजकल बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम और थर्मल कंट्रोल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं ताकि बैटरी पर कम से कम दबाव पड़े. यही कारण है कि आधुनिक स्मार्टफोन में फास्ट चार्जिंग के बावजूद बैटरी तुरंत खराब नहीं होती.

लेकिन अगर आप रोज़ाना कई बार फास्ट चार्जिंग का इस्तेमाल करते हैं, फोन को चार्जिंग के दौरान ज्यादा गर्म होने देते हैं या हमेशा 0% से 100% तक फास्ट चार्ज करते हैं, तो बैटरी की उम्र निश्चित रूप से कम हो सकती है.

विशेषज्ञ मानते हैं कि बैटरी की सेहत बनाए रखने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं. जैसे अगर आपके पास समय हो तो हमेशा नॉर्मल चार्जिंग का इस्तेमाल करें और फास्ट चार्जिंग केवल तब करें जब आपको जल्दी जरूरत हो. इसके अलावा, चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल न करें और उसे ठंडी जगह पर रखें ताकि अतिरिक्त गर्मी पैदा न हो.

आसान भाषा में समझाए तो फास्ट चार्जिंग सुविधा जरूर है लेकिन इसका अधिक उपयोग बैटरी की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है. स्मार्टफोन को लंबे समय तक अच्छे बैकअप के साथ चलाना है तो बैटरी को संतुलित तरीके से चार्ज करना ही सबसे बेहतर तरीका है.
Published at : 05 Oct 2025 09:28 AM (IST)