Google Chrome यूज़र्स सावधान! सरकार ने जारी की बड़ी चेतावनी, अगर तुरंत नहीं किया ये काम तो होगा ये बड़ा नुकसान

Google Chrome यूज़र्स सावधान! सरकार ने जारी की बड़ी चेतावनी, अगर तुरंत नहीं किया ये काम तो होगा ये बड़ा नुकसान


CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, Google Chrome के पुराने वर्ज़न्स में कई तकनीकी कमजोरियां मिली हैं. ये कमजोरियां खास तौर पर उन वर्ज़न्स में हैं जो Linux के लिए 141.0.7390.54 और Windows व macOS के लिए 141.0.7390.54/55 से पुराने हैं.

CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, Google Chrome के पुराने वर्ज़न्स में कई तकनीकी कमजोरियां मिली हैं. ये कमजोरियां खास तौर पर उन वर्ज़न्स में हैं जो Linux के लिए 141.0.7390.54 और Windows व macOS के लिए 141.0.7390.54/55 से पुराने हैं.

इन बग्स में WebGPU और Video सेक्शन में heap buffer overflow, Storage और Tab मॉड्यूल में डेटा लीक, और Media व Drmbox में गलत इंप्लीमेंटेशन जैसी समस्याएं शामिल हैं. इन खामियों का फायदा उठाकर कोई भी साइबर हमलावर यूज़र को किसी दुर्भावनापूर्ण वेबसाइट पर भेजकर उसके सिस्टम का कंट्रोल हासिल कर सकता है और निजी जानकारी तक पहुंच सकता है.

इन बग्स में WebGPU और Video सेक्शन में heap buffer overflow, Storage और Tab मॉड्यूल में डेटा लीक, और Media व Drmbox में गलत इंप्लीमेंटेशन जैसी समस्याएं शामिल हैं. इन खामियों का फायदा उठाकर कोई भी साइबर हमलावर यूज़र को किसी दुर्भावनापूर्ण वेबसाइट पर भेजकर उसके सिस्टम का कंट्रोल हासिल कर सकता है और निजी जानकारी तक पहुंच सकता है.

इसी तरह, Mozilla Firefox के पुराने वर्ज़न्स में भी कई गंभीर सिक्योरिटी लूपहोल्स पाए गए हैं. जिन यूज़र्स का Firefox वर्ज़न 143.0.3 से नीचे है या iOS पर 143.1 से पुराना वर्ज़न है उन्हें तुरंत अपडेट करने की सलाह दी गई है.

इसी तरह, Mozilla Firefox के पुराने वर्ज़न्स में भी कई गंभीर सिक्योरिटी लूपहोल्स पाए गए हैं. जिन यूज़र्स का Firefox वर्ज़न 143.0.3 से नीचे है या iOS पर 143.1 से पुराना वर्ज़न है उन्हें तुरंत अपडेट करने की सलाह दी गई है.

इन वर्ज़न्स में cookie storage isolation से जुड़ी गड़बड़ियां, Graphics Canvas2D में integer overflow, और JavaScript Engine में JIT miscompilation जैसी कमजोरियां मौजूद हैं. अगर कोई यूज़र किसी मालिशियस वेबसाइट या फेक लिंक पर क्लिक कर देता है तो हैकर्स उसके ब्राउज़र में सेव पासवर्ड, बैंकिंग जानकारी या अन्य निजी डेटा तक पहुंच सकते हैं.

इन वर्ज़न्स में cookie storage isolation से जुड़ी गड़बड़ियां, Graphics Canvas2D में integer overflow, और JavaScript Engine में JIT miscompilation जैसी कमजोरियां मौजूद हैं. अगर कोई यूज़र किसी मालिशियस वेबसाइट या फेक लिंक पर क्लिक कर देता है तो हैकर्स उसके ब्राउज़र में सेव पासवर्ड, बैंकिंग जानकारी या अन्य निजी डेटा तक पहुंच सकते हैं.

सरकार ने इन दोनों मामलों को हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा है. CERT-In ने साफ कहा है कि यूज़र्स को Chrome और Firefox दोनों के लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच तुरंत इंस्टॉल करने चाहिए. Google और Mozilla ने इन कमजोरियों को दूर करने के लिए अपने-अपने अपडेट जारी कर दिए हैं. अगर आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपका सिस्टम सुरक्षित है तो CERT-In की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इन वल्नरेबिलिटीज़ के बारे में पूरी जानकारी और सुरक्षा लिंक देख सकते हैं.

सरकार ने इन दोनों मामलों को हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा है. CERT-In ने साफ कहा है कि यूज़र्स को Chrome और Firefox दोनों के लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच तुरंत इंस्टॉल करने चाहिए. Google और Mozilla ने इन कमजोरियों को दूर करने के लिए अपने-अपने अपडेट जारी कर दिए हैं. अगर आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपका सिस्टम सुरक्षित है तो CERT-In की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इन वल्नरेबिलिटीज़ के बारे में पूरी जानकारी और सुरक्षा लिंक देख सकते हैं.

साधारण शब्दों में कहें तो अगर आपने अभी तक अपना ब्राउज़र अपडेट नहीं किया है, तो आपकी ऑनलाइन सुरक्षा खतरे में है. इसलिए देर न करें, अभी Chrome और Firefox दोनों को अपडेट करें और अपने डेटा को साइबर अटैक से सुरक्षित रखें.

साधारण शब्दों में कहें तो अगर आपने अभी तक अपना ब्राउज़र अपडेट नहीं किया है, तो आपकी ऑनलाइन सुरक्षा खतरे में है. इसलिए देर न करें, अभी Chrome और Firefox दोनों को अपडेट करें और अपने डेटा को साइबर अटैक से सुरक्षित रखें.

Published at : 05 Oct 2025 02:27 PM (IST)



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