Bihar Assembly Elections 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष संपूर्ण रिवीजन कानून के अनुसार आवश्यक है. किसी के यह कहने पर कि रिवीजन चुनाव के बाद होना चाहिए, न्याय संगत नहीं है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, “अभी भी अंतिम नामांकन की तारीख से दस दिन पहले तक समय है. अगर किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल को लगता है कि कोई योग्य मतदाता सूची में शामिल नहीं है या कोई अयोग्य मतदाता सूची में है, तो वे अपना दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. प्राप्त दावे और आपत्तियों का निस्तारण ERO स्तर पर किया जाएगा. नामांकन प्रक्रिया के बाद सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा और चुनाव समाप्त होने तक इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.” गौरतलब है कि राहुल गांधी ने SIR की प्रक्रिया के समय पर सवाल उठाया था.
खर्च सीमा और चुनावी पारदर्शिता पर CEC की सलाह
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने खर्च सीमा पर भी विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों को आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है. हर जिले में राजस्व सेवाओं के अधिकारियों को खर्च के लेखा जोखा रखने के लिए खर्च पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. किसी भी उम्मीदवार को, चाहे वह किसी भी प्रकार का हो, अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक रूप से सूचित करना या समाचार पत्र में प्रकाशित करना आवश्यक है.
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव देश को नया राह दिखायेगा. चुनाव आयोग ने बिहार में एक नई पहल की है जो देश भर में लागू होगा. 22 नवंबर से पहले चुनाव संपन्न हो जायेगा. चुनावी प्रकिया पूरी होगी.
‘चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मॉक पोल जरूरी’
उन्होंने उम्मीदवारों से अपील की कि वे अपने मतदान एजेंटों को पोलिंग बूथ पर नामांकित करें. उन्होंने कहा, “आपके पोलिंग एजेंट मतदान शुरू होने से पहले वहां पहुंचे, मॉक पोल को व्यक्तिगत रूप से देखें और मतदान पूरा होने के बाद प्रेसीडिंग ऑफिसर से फॉर्म 17C प्राप्त करें.”
‘मतदाता सूची में घर का नंबर न होने पर चिंता की जरूरत नहीं’
CEC ने यह भी कहा कि जिन लोगों के पास अपना घर नहीं है या जिन्हें पंचायत/नगरपालिका द्वारा कोई घर नंबर आवंटित नहीं किया गया है, वे नजदीकी घर का नंबर या कभी कभी शून्य दर्ज कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा, “जब बूथ लेवल अधिकारी किसी व्यक्ति का एन्यूमरेशन फॉर्म लेते हैं, तो हर राजनीतिक दल के बूथ लेवल एजेंट उपस्थित रहते हैं. मैं यह बताते हुए प्रसन्न हूं कि बिहार में 1,60,000 से अधिक बूथ लेवल एजेंट राजनीतिक दलों द्वारा नामांकित किए गए हैं.”