2D, 3D और 11D मोबाइल ग्लास में क्या होता है फर्क? स्क्रीन प्रोटेक्शन हैरान करने वाला सच आया सामने

2D, 3D और 11D मोबाइल ग्लास में क्या होता है फर्क? स्क्रीन प्रोटेक्शन हैरान करने वाला सच आया सामने


सबसे पहले बात करें 2D टेम्पर्ड ग्लास की तो यह सबसे बेसिक और सस्ता विकल्प है. यह केवल स्क्रीन के फ्लैट हिस्से को कवर करता है और किनारे खुले रह जाते हैं. अगर आपका फोन फ्लैट डिस्प्ले वाला है तो यह सही काम करता है लेकिन कर्व्ड स्क्रीन पर यह जल्दी निकल जाता है और किनारों को सही सुरक्षा नहीं मिलती.

सबसे पहले बात करें 2D टेम्पर्ड ग्लास की तो यह सबसे बेसिक और सस्ता विकल्प है. यह केवल स्क्रीन के फ्लैट हिस्से को कवर करता है और किनारे खुले रह जाते हैं. अगर आपका फोन फ्लैट डिस्प्ले वाला है तो यह सही काम करता है लेकिन कर्व्ड स्क्रीन पर यह जल्दी निकल जाता है और किनारों को सही सुरक्षा नहीं मिलती.

अब आते हैं 3D टेम्पर्ड ग्लास पर. यह खासतौर पर कर्व्ड डिस्प्ले वाले स्मार्टफोनों के लिए बनाया गया है. इसके किनारे हल्के कर्व होते हैं जिससे यह पूरी स्क्रीन को अच्छे से कवर करता है और डिस्प्ले ज्यादा सुरक्षित रहती है. देखने में भी यह फोन को प्रीमियम फील देता है और फिटिंग स्मूथ होने की वजह से यूज़र एक्सपीरियंस बेहतर हो जाता है.

अब आते हैं 3D टेम्पर्ड ग्लास पर. यह खासतौर पर कर्व्ड डिस्प्ले वाले स्मार्टफोनों के लिए बनाया गया है. इसके किनारे हल्के कर्व होते हैं जिससे यह पूरी स्क्रीन को अच्छे से कवर करता है और डिस्प्ले ज्यादा सुरक्षित रहती है. देखने में भी यह फोन को प्रीमियम फील देता है और फिटिंग स्मूथ होने की वजह से यूज़र एक्सपीरियंस बेहतर हो जाता है.

जहां तक 11D टेम्पर्ड ग्लास की बात है तो इसे एडवांस और मजबूत बताकर बेचा जाता है. असलियत में 4D, 5D, 9D या 11D जैसी टर्मिनोलॉजी सिर्फ मार्केटिंग का हिस्सा है. कंपनियां इन नामों का इस्तेमाल ग्राहकों को यह एहसास दिलाने के लिए करती हैं कि जितना बड़ा

जहां तक 11D टेम्पर्ड ग्लास की बात है तो इसे एडवांस और मजबूत बताकर बेचा जाता है. असलियत में 4D, 5D, 9D या 11D जैसी टर्मिनोलॉजी सिर्फ मार्केटिंग का हिस्सा है. कंपनियां इन नामों का इस्तेमाल ग्राहकों को यह एहसास दिलाने के लिए करती हैं कि जितना बड़ा “D” होगा, उतना ज्यादा मजबूत ग्लास होगा. जबकि तकनीकी रूप से डाइमेंशन केवल 3 तक ही सीमित होते हैं. यानी 11D कहकर जो ग्लास बेचा जाता है, वह वास्तव में 2.5D या 3D ग्लास ही होता है.

असली मजबूती का पैमाना

असली मजबूती का पैमाना “H” होता है जैसे 9H हार्डनेस. 9H रेटिंग का मतलब है कि ग्लास रोजाना इस्तेमाल में होने वाले स्क्रैच जैसे चाबियों या सिक्कों से स्क्रीन को काफी हद तक बचा लेगा और झटकों को भी सहन कर सकेगा.

तो आखिर कौन-सा टेम्पर्ड ग्लास सही रहेगा? अगर आपका फोन फ्लैट डिस्प्ले वाला है तो 2D या 9H टेम्पर्ड ग्लास ही काफी है. वहीं, अगर फोन में कर्व्ड डिस्प्ले है तो 3D या 11D नाम से बिकने वाले ग्लास बेहतर रहेंगे. मजबूत और टिकाऊ ग्लास चुनने से न सिर्फ स्क्रीन ज्यादा सुरक्षित रहती है बल्कि टच रिस्पॉन्स भी स्मूद रहता है और फोन की हीटिंग भी कंट्रोल में रहती है.

तो आखिर कौन-सा टेम्पर्ड ग्लास सही रहेगा? अगर आपका फोन फ्लैट डिस्प्ले वाला है तो 2D या 9H टेम्पर्ड ग्लास ही काफी है. वहीं, अगर फोन में कर्व्ड डिस्प्ले है तो 3D या 11D नाम से बिकने वाले ग्लास बेहतर रहेंगे. मजबूत और टिकाऊ ग्लास चुनने से न सिर्फ स्क्रीन ज्यादा सुरक्षित रहती है बल्कि टच रिस्पॉन्स भी स्मूद रहता है और फोन की हीटिंग भी कंट्रोल में रहती है.

सीधे शब्दों में कहें तो

सीधे शब्दों में कहें तो “D” के नाम पर ज्यादा भ्रमित होने के बजाय आपको हार्डनेस रेटिंग और डिस्प्ले टाइप के हिसाब से टेम्पर्ड ग्लास चुनना चाहिए. तभी आपके फोन की स्क्रीन लंबे समय तक सुरक्षित रह पाएगी.

Published at : 06 Oct 2025 09:31 AM (IST)



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