भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलावों का दौर चल रहा है. पहले कप्तानी का जिम्मा शुभमन गिल को सौंपा गया और अब BCCI ने टीम के दो सबसे अनुभवी खिलाड़ियों रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अगर ये दोनों दिग्गज आगे भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते हैं, तो वर्ल्ड कप 2027 के चयन में उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा.
‘हर खिलाड़ी के लिए एक ही नियम’, अगरकर
मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने 5 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चयन प्रक्रिया अब पूरी तरह प्रदर्शन पर आधारित होगी. उन्होंने कहा, “हमने खिलाड़ियों को स्पष्ट बता दिया है कि जब वे इंटरनेशनल ड्यूटी पर न हों, तब उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा. यह नियम सभी पर लागू है.”
अगरकर ने यह भी जोड़ा कि विजय हजारे ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट अब चयन के लिए अहम आधार बनेंगे. यानी सिर्फ नाम या अनुभव नहीं, बल्कि मैदान पर हालिया प्रदर्शन ही खिलाड़ियों की जगह तय करेगा.
अब नहीं मिलेगा ‘आराम का बहाना’
पिछले कुछ सालों में विराट और रोहित को अक्सर रेस्ट या ब्रेक लेते हुए देखा गया है. इस दौरान वे घरेलू टूर्नामेंट्स से दूर रहे, जबकि युवा खिलाड़ी वहां अपनी जगह बनाने के लिए मेहनत करते रहे, लेकिन अब BCCI ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी खिलाड़ी, चाहे वह कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो, डोमेस्टिक क्रिकेट से दूरी नहीं बना सकता.
वर्ल्ड कप 2027 की राह कठिन होगी
वर्ल्ड कप 2027 में खेलने के लिए अब विराट और रोहित को दोबारा अपने खेल से खुद को साबित करना होगा. दोनों खिलाड़ी अब सिर्फ वनडे फॉर्मेट में सक्रिय हैं, क्योंकि वे पहले ही टेस्ट और टी20 क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. ऐसे में उनका पूरा फोकस सीमित ओवरों पर होगा, लेकिन चयनकर्ताओं का संदेश साफ है की सीनियरिटी नहीं, परफॉर्मेंस ही टीम में शामिल होने का पासपोर्ट है.
BCCI का संकेत
कप्तानी शुभमन गिल को देकर और सख्त चयन नीति अपनाकर बोर्ड यह संदेश देना चाहता है कि अब भारतीय क्रिकेट का भविष्य युवा और फिट खिलाड़ियों के हाथ में होगा. यह फैसला भले ही फैंस के लिए चौंकाने वाला हो, लेकिन इससे भारतीय टीम में प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता बढ़ेगी.