Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर सास को क्या दिया जाता है?

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर सास को क्या दिया जाता है?


करवा चौथ का व्रत साल 2025 में शुक्रवार 10 अक्टूबर को है. इस दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सगरी करने के बाद से शुरू हो जाएगी और रात 8:13 पर चंद्रोदय के बाद व्रत समाप्त होगा.

करवा चौथ का व्रत साल 2025 में शुक्रवार 10 अक्टूबर को है. इस दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सगरी करने के बाद से शुरू हो जाएगी और रात 8:13 पर चंद्रोदय के बाद व्रत समाप्त होगा.

करवा चौथ में सरगी, व्रत, पूजा आदि के साथ ही अन्य कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं, जिसमें ‘बायना’ भी एक है. करवा चौथ पर बहु अपनी सास को कुछ सामान देती है, जिसे बायना कहा जाता है.

करवा चौथ में सरगी, व्रत, पूजा आदि के साथ ही अन्य कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं, जिसमें ‘बायना’ भी एक है. करवा चौथ पर बहु अपनी सास को कुछ सामान देती है, जिसे बायना कहा जाता है.

करवा चौथ पर बायना के रूप में बहु सास को साड़ी, सुहाग के सामना जैसे चूड़ी, बिंदी, बिछुआ, पायल, मेंहदी, सिंदूर, काजल, मिठाई आदि जैसी चीजें एक थाल में सजाकर देती है.

करवा चौथ पर बायना के रूप में बहु सास को साड़ी, सुहाग के सामना जैसे चूड़ी, बिंदी, बिछुआ, पायल, मेंहदी, सिंदूर, काजल, मिठाई आदि जैसी चीजें एक थाल में सजाकर देती है.

बायना के बगैर करवा चौथ का पर्व अधूरा माना जाता है. इसलिए हर बहू को अपनी सास को बायना जरूर देना चाहिए. बायना देने के बाद बहू सास के पैर छूती है और सास बदले में उसे सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देती है.

बायना के बगैर करवा चौथ का पर्व अधूरा माना जाता है. इसलिए हर बहू को अपनी सास को बायना जरूर देना चाहिए. बायना देने के बाद बहू सास के पैर छूती है और सास बदले में उसे सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देती है.

इस बात का ध्यान रखें कि, करवा चौथ की पूजा-अर्चना करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद बहू अपने सास के पैर छूकर आशीर्वाद लेते समय बायना दे. यह रिवाज सास के प्रति बहू के आदर और स्नेह का प्रतीक होता है.

इस बात का ध्यान रखें कि, करवा चौथ की पूजा-अर्चना करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद बहू अपने सास के पैर छूकर आशीर्वाद लेते समय बायना दे. यह रिवाज सास के प्रति बहू के आदर और स्नेह का प्रतीक होता है.

यदि किसी महिला की सास न हो तो वह बड़ी ननद, जेठानी या किसी बुजुर्ग सुहागिन स्त्री को भी बायना दे सकती है. करवा चौथ पर्व में बायना को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त करने लिए उपहार में देने का रिवाज है.

यदि किसी महिला की सास न हो तो वह बड़ी ननद, जेठानी या किसी बुजुर्ग सुहागिन स्त्री को भी बायना दे सकती है. करवा चौथ पर्व में बायना को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त करने लिए उपहार में देने का रिवाज है.

Published at : 06 Oct 2025 12:52 PM (IST)



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