
रोजाना पूजा में अगरबत्ती जलाना देवी-देवताओं को प्रसन्न करने, मन को शांत करने, सकारात्मक ऊर्जा लाने और वातावरण को सुगंधित करने का एक धार्मिक महत्व रखता है. मान्यता है कि अगरबत्ती का धुआं प्रार्थनाओं को ईश्वर तक ले जाता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है.

दैनिक पूजा-पाठ में अगरबत्ती जलाना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, मन शांत होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसे ईश्वर तक अपनी बात पहुंचाने का एक तरीका भी माना जाता है. यह मां लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करती है और घर में सुख-समृद्धि लाती है. अगरबत्ती की सुगंध से मन शांत होता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.

रोजाना पूजा पाठ के लिए एक या दो अगरबत्ती जलाना सबसे आम और उचित माना जाता है, क्योंकि यह वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाता है. चार अगरबत्तियां जलाना विशेष धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ होता है, लेकिन नियमित दैनिक पूजा में तीन या पांच अगरबत्तियां जलाने से घर के माहौल में असंतुलन आ सकता है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है.

रोजाना पूजा पाठ के दौरान आप 1 या 2 अगरबत्ती जला सकते हैं, लेकिन 1 अगरबत्ती जलाने से बचना चाहिए क्योंकि यह असंतुलन का प्रतीक माना जाता है. अगरबत्ती की सही संख्या देवी-देवताओं की कृपा और घर में शांति-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है.

दैनिक पूजा में तीन अगरबत्तियां जलाना त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु, महेश और त्रिदेवी सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, जो घर में सकारात्मकता और सुख-शांति लाता है. यह घर में एकाग्रता बढ़ाने और तनाव कम करने में भी मदद करता है.

पूजा में प्रतिदिन चार अगरबत्तियां जलाने से सुख-समृद्धि आती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वातावरण शुद्ध होता है, जिससे नकारात्मकता समाप्त होती है. यह घर के वास्तु दोषों को भी दूर करता है, मानसिक तनाव को कम करता है और कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर कर सफलता दिलाता है.
Published at : 06 Oct 2025 08:52 PM (IST)