Fertility Problems In Women: आपने अक्सर सुना होगा कि डाइट और हेल्थ के चलते औरतों को बच्चा पैदा करने में दिक्कत होती है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि हाइट का असर भी बच्चा पैदा करने में होता है. अगर नहीं सुना तो यह बात सच है. औरतों में प्रेग्नेंसी के दौरान कई चीजों से प्रभाव पड़ता है और उनमें से एक है हाइट. चलिए आपको बताते हैं कि क्या सच में हाइट का असर प्रेग्नेंसी पर पड़ता है और अगर हां तो इससे बचाव करने का तरीका क्या-क्या है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
पटना स्थित एक निजी आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर और आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. सुनीता कुमारी कहती हैं कि इस बात से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि छोटी हाइट से प्रेग्नेंसी में कोई दिक्कत नहीं होती है. डॉक्टर के अनुसार इसको लेकर तमाम आर्टिकल पब्लिश हुए हैं, जिनमें छोटी हाइट की महिलाओं के बच्चों का जन्म के समय वजन कम था और उनकी हाइट छोटी थी. सुनीता बताती हैं कि मां की हाइट छोटी होने के चलते पेल्विक हिस्से से बच्चे के बाहर निकलने की जगह भी छोटी होती है. ऐसे में अगर बच्चे का वजन जन्म के समय 2.5 किलोग्राम से अधिक है, तो उनको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि ऑब्सट्रक्टिव लेबर, कॉम्प्लिकेटेड लॉन्ग लेबर का खतरा और हो सकता है कि महिलाओं को लेबर पेन की दिक्कत ज्यादा हो. अगर सरल शब्दों में समझें तो यदि किसी महिला की हाइट छोटी है, तो उसके बच्चे का वजन कम हो सकता है. लेकिन डाइट और सही से ध्यान रखने से इस दिक्कत को कम किया जा सकता है.
रिसर्च में सामने आई यह बात
इस पर अभी तमाम रिसर्च की जा चुकी हैं, जिनमें पाया गया कि शॉर्ट हाइट वाली वुमन को प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. BJOG (Wiley Journal) की स्टडी के अनुसार छोटी हाइट वाली महिलाओं में गेस्टेशनल डायबिटीज, प्रीटर्म बर्थ और सी-सेक्शन डिलीवरी का रिश्क ज्यादा देखा गया है. इसके अलावा बच्चों में चाइल्ड मॉर्टेलिटी और अंडरन्यूट्रिशन का खतरा रहता है. इसमें सबसे खतरे वाली बात तब होती है, जब महिला की हाइट छोटी है और साथ में उसका वजन भी कम है. इसको लेकर पब्लिश साउथ एशिया स्टडी के अनुसार, अगर वुमन शॉर्ट हाइट के साथ ओवरवेट भी है, तो सी-सेक्शन का रिश्क 170 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. हालांकि, एक बात यह भी ध्यान रखना होगा कि इसका मतलब यह नहीं है कि सभी छोटी हाइट वाली महिलाओं को खतरा है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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