टीम इंडिया के नए कोच गौतम गंभीर को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. उनके पुराने साथी और पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. तिवारी का कहना है कि गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम के माहौल में काफी तनाव फैल गई है.
मनोज तिवारी ने गंभीर पर साधा निशाना
मनोज तिवारी ने कहा, “जब से गौतम गंभीर टीम इंडिया के कोच बने हैं, तभी से कई विवाद सामने आ चुके हैं. कई सीनियर खिलाड़ियों ने या तो संन्यास ले लिया है या उन्हें किनारे कर दिया गया है. ऐसा लगता है जैसे टीम के भीतर असहज माहौल बन गया है.”
तिवारी ने कहा कि गंभीर का रवैया सीनियर खिलाड़ियों के प्रति काफी सख्त और असहयोगी रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि गंभीर चाहते हैं कि उनके फैसलों पर कोई सवाल न उठाए. अगर कोई खिलाड़ी जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली या आर. अश्विन किसी चीज से असहमत हों, तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है या किनारे कर दिया जाता है.
“गंभीर नही चाहते थे टीम में सीनियर चेहरे”
मनोज तिवारी का यह भी दावा है कि गंभीर ने टीम से उन खिलाड़ियों को हटाया जो टीम के फैसलों पर सवाल उठा सकते थे. उन्होंने कहा, “अश्विन ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में ही संन्यास लिया. फिर रोहित और विराट ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. ये सब संयोग नही है, बल्कि इसके पीछे टीम प्रबंधन की सोच है.”
गंभीर के आने के बाद कई बड़े फैसले हुए. रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से हटाकर शुभमन गिल को कप्तान बनाना, विराट कोहली का चयन प्रक्रिया से बाहर होना, सीनियर खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट अनिवार्य करना और कुछ खिलाड़ियों के सीधे टीम में जगह देना इन कदमों ने फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के बीच भी बहस छेड़ दी है.
“रोहित-विराट भारतीय क्रिकेट के असली हीरो हैं”
हालांकि, मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि गंभीर पूरी तरह से रोहित और विराट को वनडे से बाहर नही करेंगे. उन्होंने कहा, “दोनों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के लिए अनमोल हैं. रोहित और विराट ने अपने करियर में देश के लिए बहुत कुछ दिया है. वे सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की पहचान हैं.”
भारतीय टीम में खींचतान जारी
इन आरोपों के बाद भारतीय टीम में गुटबाजी और मतभेदों की चर्चा फिर तेज हो गई है. कुछ पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि गौतम गंभीर की कोचिंग स्टाइल बेहद आक्रामक है और हर खिलाड़ी उस माहौल में सहज नहीं है. आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह विवाद शांत होता है या फिर भारतीय क्रिकेट में कोई नया भूचाल आता है.