Karwa Chauth 2025: करवा चौथ सुहाग का पावन उत्सव है जोकि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को रखेंगी. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 से शाम 7:11 तक रहेगा. यह हिंदू धर्म का पवित्र और भावनात्मक पर्व है जिसे महिलाएं पूरे श्रद्धा भाव से करती हैं. पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करती हैं.
करवा, छन्नी और दीपक
करवा चौथ का व्रत और पूजन केवल आस्था से ही नहीं जुड़ा है. बल्कि यह प्रेम, समर्पण और परंपरा का अनूठा संगम भी है. करवा चौथ पर रात्रि में चंद्रोदय के बाद महिलाएं मिट्टी के करवा (Mitti Ka Karwa) से चंद्रमा को अर्घ्य देती है. दीप जलाकर छन्नी में रखकर चांद और पति का चेहरा देखती है. इसलिए करवा चौथ में करवा, छन्नी और दीपक ये तीन वस्तुएं सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, जिसके बिना पूजा अधूरी है.
मिट्टी का करवा श्रद्धा का, छन्नी प्रेम का और दीपक को उजाले का प्रतीक माना जाता है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि, आखिर ये चीजें जरूरी कैसे हुई. महिलाएं छन्नी से ही चांद और पति का चेहरा क्यों देखती है. आइये आपको बताते हैं इसकी वजह.
छन्नी से ही क्यों देखा जाता है चांद
करवा चौथ पर चांद को देखने के लिए छन्नी का प्रयोग किया जाता है. इसका कारण यह है कि छन्नी में कई सारे छेद होते हैं और जब इससे चांद को देखा जाता है तो कई सारे प्रतिबिंब बन जाते हैं. इसके बाद इसी छन्नी से पति का चेहरा देखा जाता है. माना जाता है कि छन्नी से जितने प्रतिबिंब बनते हैं पति की आयु उतनी ही बढ़ती है. इसलिए करवा चौथ में छन्नी से ही चांद और पति का चेहरा देखने की परंपरा है. इस परंपरा के बिना करवा चौथ की पूजा पूरी नहीं होती है.
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