छठ के बाद बिहार में विधानसभा का चुनाव होने वाला है. तारीखों की घोषणा के बाद लगातार सीटों के बंटवारे पर पार्टियों के बीच मंथन हो रहा है. पार्टी के नेताओं की मांग ऐसी है कि सबको सुलझाया जा रहा है. यही कारण है कि ना तो इंडिया गठबंधन और ना ही एनडीए, दोनों ने अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर आधिकारिक रूप से कोई ऐलान नहीं किया है. हालांकि लगभग-लगभग सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला है वह तय माना जा रहा है. एनडीए में शामिल दलों के लिए भी सीटें फिक्स हो गई हैं.
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके अनुसार, एनडीए में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगा. जेडीयू को 102 सीटें मिल सकती हैं. वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी रहेगी. भारतीय जनता पार्टी 101 सीटों पर लड़ सकती है. दूसरी ओर चिराग पासवान को बीजेपी के नेता मनाने में लगे हैं. माना जा रहा है कि उनकी पार्टी लोजपा (रामविलास) को 26 सीटें दी जा सकती हैं. वहीं मांझी की पार्टी हम को 7 सीट और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 7 सीटें दी जा सकती हैं.
चिराग को इसके साथ और भी ऑफर
अभी तक जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. यह लगभग तय माना जा रहा है कि चिराग को 25 सीट से कम नहीं दी जाएगी. चिराग को 25 सीटें मिलती हैं तो फिर बीजेपी 102 पर लड़ सकती है. यानी जेडीयू और बीजेपी बराबर-बराबर सीट पर मैदान में उतर सकती है. चिराग की पार्टी के एक नेता ने कहा कि उन लोगों की ओर से 26 सीटों की लिस्ट दे दी गई है. हालांकि बीजेपी की ओर से चिराग पासवान को एक एमएलसी और एक राज्य सभा की सीट देने का भी ऑफर दिया गया है.
बता दें कि बीते मंगलवार (07 अक्टूबर, 2025) को दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेता धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और मंगल पांडेय ने चिराग पासवान के आवास पर जाकर मुलाकात की थी. माना यही जा रहा है कि सीटों पर फंस रहे पेंच को लेकर बातचीत की गई है. दूसरी ओर खबर है कि जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी सात-सात सीटों पर सहमति बना चुके हैं. देखा जाए तो बीजेपी अपने बिहार के सहयोगी दलों को पूरी तरह से संतुष्ट करने में जुटी है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी एनडीए से दावा कर रहे हैं. अब देखना होगा कि इनका एडजस्टमेंट कैसे होता है या नहीं होता है.