
WhatsApp की सेटिंग में जाकर Linked Devices या “लिंक्ड डिवाइस” चेक करें बहुत बार हैकर किसी अन्य डिवाइस से आपके अकाउंट को लॉग-इन कर देता है खासकर WhatsApp Web के जरिए. अगर कोई अंजान डिवाइस दिखे तो उसे तुरंत लॉग आउट कर दें.

इसके बाद अपने फोन से भी WhatsApp लॉग-आउट करके दोबारा लॉग-इन करने का प्रयास करें; जब आप री-लॉगिन करेंगे तो आपके नंबर पर SMS के जरिए वेरिफिकेशन कोड आएगा और अक्सर पुराने सत्र अपने आप डिस्कनेक्ट हो जाते हैं. अगर हैकर वापस लॉग-इन करने की कोशिश करेगा तो उसे वही वेरिफिकेशन कोड चाहिए होगा इसलिए ये कदम बेहद जरूरी है.

इसके बाद WhatsApp के सपोर्ट (support@whatsapp.com) को रिपोर्ट भेजें और अपनी स्थिति बताकर मदद मांगे. साथ ही साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराना भी बेहद उपयोगी है, भारत में आप 1930 नंबर या आधिकारिक साइबर क्राइम वेबसाइट के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं.

यदि आपको शक है कि आपकी SIM स्वैप हुई है या मोबाइल नंबर किसी अन्य के पास चला गया है तो तुरंत अपने नेटवर्क ऑपरेटर से संपर्क कर SIM ब्लॉक/रिकवरी करवा लें कई बार हैकर SIM से ही कंट्रोल ले लेते हैं.

जब आप अकाउंट वापस ले लेते हैं तो तुरन्त टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2FA) ऑन कर दें और मजबूत पिन सेट करें. न सिर्फ WhatsApp बल्कि उन किसी भी सर्विस के पासवर्ड बदल दें जिनसे आपका WhatsApp लिंक्ड है जैसे Gmail या किसी भी सोशल अकाउंट.

साथ ही बैंक और UPI ऐप्स पर अलर्ट और अनऑथराइज्ड ट्रांज़ैक्शन की निगरानी तेज करें. घबराने से बेहतर है कि आप अपने करीबी लोगों को अलर्ट कर दें और किसी भी फर्जी पैसे की रिक्वेस्ट पर ध्यान न दें.

आखिर में समझ लें कि सतर्कता सबसे बड़ी सुरक्षा है अनजान लिंक पर क्लिक न करें ओटीपी कभी किसी को न दें और नियमित रूप से WhatsApp के लिंक्ड डिवाइसेस की जांच करते रहें. अगर आप तुरंत और ठंडे दिमाग से कदम उठाएंगे तो ज्यादातर नुकसान रोका जा सकता है.
Published at : 08 Oct 2025 03:34 PM (IST)