
केदारनाथ की पहाड़ियों पर सफेद चादर: केदारनाथ धाम और उसके आसपास की पहाड़ियों पर जब बर्फ की परत जमी तो मंदिर परिसर की खूबसूरती और भी निखर गई. तीन इंच से ज्यादा बर्फ ने पूरी घाटी को चमकदार सफेदी में ढक दिया.

हेमकुंड साहिब में दो फीट बर्फ: हेमकुंड साहिब में इस बार दो फीट तक बर्फ जम गई. अचानक हुई भारी बर्फबारी की वजह से 30 यात्री अटला कोटी के पास फंस गए, जिन्हें SDRF और पुलिस की टीमों ने रेस्क्यू कर घांघरिया पहुंचा दिया.

बद्रीनाथ के पीछे की चोटियों पर बर्फ की बहार: बद्रीनाथ धाम के पीछे की ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई. यह दृश्य ऐसा था कि लोग मोबाइल कैमरों में कैद करने को मजबूर हो गए. ठंडी हवाएं और आसमान से गिरते बर्फ वाकई जादुई नजारा है.

औली बना मिनी स्विट्जरलैंड: औली अपने स्कीइंग ट्रैक और सुंदर वादियों के लिए मशहूर है. इस बर्फबारी के बाद खूबसूरत और ज्यादा बढ़ गई. सफेद ढलानों पर दूर-दूर तक बर्फ ही बर्फ फैली नजर आई.

मुनस्यारी की वादियों में अक्टूबर की बर्फबारी: मुनस्यारी को लिटिल कश्मीर भी कहा जाता है. वहां इस मौसम में इतनी जल्दी बर्फबारी आमतौर पर नहीं होती, लेकिन इस बार अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही बर्फ जम गई, जो पिछले 30-40 साल में शायद ही कभी हुआ हो.

नीति घाटी के गांवों में खेतों पर बर्फ: उत्तराखंड के सीमांत गांव जैसे गमशाली, द्रोणागिरी और मल्हारी में भी जमकर बर्फ पड़ी. खेतों में खड़ी फसलें इससे प्रभावित हुईं और लोग अनाज नहीं निकाल पाए.

देहरादून: मैदानी इलाकों में भी ठंड ने दस्तक दे दी है. देहरादून, मसूरी और मुक्तेश्वर जैसे शहरों में तापमान 8°C तक पहुंच गया है. दो दिन की बारिश और बर्फबारी ने शहरों में भी ठिठुरन भर दी है.

यमुनोत्री और गंगोत्री में भी बर्फबारी: गंगोत्री और यमुनोत्री की ऊंची चोटियों पर भी सीजन की पहली बर्फबारी हुई. इससे यहां का तापमान तेजी से गिरा और पहाड़ों पर सफेदी की चादर बिछ गई.

हेमकुंड में सुबह से शाम तक बर्फबारी का दौर: हेमकुंड में लगातार बर्फ गिरती रही. रास्ते में आधा फीट से ज्यादा बर्फ जम जाने से यात्रा मुश्किल हो गई.

केदारनाथ में कपाट बंद होने से पहले बर्फबारी: केदारनाथ धाम के कपाट अभी 13 दिन और खुले रहेंगे, लेकिन अब वहां पहले से ही नवंबर जैसा नजारा है. बर्फबारी के बाद मंदिर और उसके आसपास की घाटी देखने वाली हो गई है.
Published at : 08 Oct 2025 05:42 PM (IST)