पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा। – फाइल फोटो।
पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा को आज (9 अक्टूबर) लुधियाना के पैतृक गांव पौना में अंतिम विदाई दी जाएगी। सुबह करीब 11 बजे घर से करीब 30 मीटर की दूरी पर ही सरकारी स्कूल के ग्राउंड में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यहीं पर उनकी यादगार भी बनाई जा सकती है।
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जवंदा का कल, बुधवार (8 अक्टूबर) को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हुआ था। उन्होंने 35 साल की छोटी उम्र में सुबह 10:55 बजे आखिरी सांस ली। फोर्टिस अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन में बताया कि जवंदा का मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो गया था।
निधन के बाद उनकी डेड बॉडी पहले मोहाली में उनके सेक्टर 71 स्थित घर में ले जाई गई, जहां मां, पत्नी और बच्चों ने उनके अंतिम दर्शन किए। इसके बाद मोहाली के फेज-6 स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया।
इसके बाद उनका शव देर शाम ही पैतृक गांव पौना पहुंचाया गया। यहां उनकी पार्थिव देह को पैतृक घर में रखा गया है। कल सुबह पहले उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। सिंगर को अंतिम विदाई देने के लिए रात से ही गांव में फैंस की भीड़ जुटी हुई है।

सिंगर का पार्थिव शरीर एम्बुलेंस में मोहाली से लुधियाना लाया गया।
गोल्डन ऑवर में जवंदा को फर्स्ट एड की मदद नहीं मिल पाई जवंदा की मौत के बाद इलाज करने वाले डॉक्टर के सोर्सेज से यह भी सामने आया कि अगर हादसे के तुरंत बाद उन्हें स्पाइन इंजरी को लेकर फर्स्ट एड दिया जाता तो शायद उनकी जान बचाने के चांस हो सकते थे। इसको लेकर जवंदा के साथी कलाकार रेशम अनमोल ने भी कहा कि स्कूलों में बच्चों को स्पाइन इंजरी में फर्स्ट एड के बारे में बताया जाना चाहिए। 27 सितंबर को जब जवंदा का एक्सीडेंट हुआ तो उन्हें पहले 2 अस्पतालों में ले जाया गया। इसी बीच उन्हें हार्ट अटैक आ गया। इसके बाद फोर्टिस अस्पताल लाया गया।

फोर्टिस अस्पताल में बिगड़ती रही तबीयत जवंदा को 27 सितंबर को दोपहर करीब पौने 2 बजे फोर्टिस अस्पताल लाया गया। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें पहले 4 लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा। यहां सिर्फ 29 सितंबर को उनकी सेहत में हल्का सा सुधार दिखा लेकिन रीढ़ की हड्डी की चोट के साथ उनका ब्रेन बहुत डैमेज हो चुका था। ब्रेन में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं जा रही थी। इस वजह से डॉक्टरों ने भी 3 अक्टूबर के बाद मेडिकल बुलेटिन यह कहकर बंद कर दिया कि ‘उनकी सेहत में सुधार के बारे में बताने के लिए कुछ नहीं है।’

पत्नी ने हादसे वाले दिन टूर पर जाने से रोका था जवंदा के करीबी दोस्त ने एक पंजाबी चैनल से बातचीत में खुलासा किया कि 27 सितंबर को जवंदा को BMW बाइक पर टूर करने से उनकी पत्नी अशविंदर कौर ने रोका था। पत्नी ने 1300CC वाली बाइक से हादसे की आशंका जताई थी। हालांकि लगातार बाइकिंग करने वाले जवंदा ने भरोसा दिलाया कि कुछ नहीं होगा, मैं जल्दी लौटूंगा। हालांकि उसी दिन हादसा हो गया। जिसके बाद जवंदा जीवित घर नहीं लौट सके।
दूरदर्शन टीम की तारीफ से सिंगिंग का रियाज शुरू किया राजवीर जवंदा को सिंगिंग का शौक था। उन्होंने इसे सीरियसली तब लिया, जब दूरदर्शन की टीम ने तारीफ की। पहले उनकी मां परमजीत कौर गांव की सरपंच हुआ करती थीं। तब दूरदर्शन की टीम मेरा पिंड-मेरा खेत की शूटिंग करने गांव में आई। उसकी कुछ शूटिंग राजवीर के घर भी हुई। तब दूरदर्शन की टीम के सामने राजवीर ने 2 लाइनें गाईं तो टीम के सदस्यों ने उसे शाबाशी दी और कहा कि तेरी आवाज अच्छी है। वहीं से उनका सिंगिंग की तरफ झुकाव हुआ। उन्होंने रियाज शुरू कर दिया।

बाइकिंग का शौक था, उसी में हादसा हो गया राजवीर जवंदा को बाइकिंग का बहुत शौक था। वह डिफेंडर गाड़ी होते हुए भी बाइक पर लंबे टूर करते थे। जिसमें वह बाइकर्स ग्रुप के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने के लिए जाते थे। इस दौरान वह होटल में ठहरने के बजाय रोड साइड पर ही कैंपिंग करते थे। फैंस के पूछने पर वह कहते थे कि बाइक के बारे में वही बता सकता है जो उसे यूज करता है। बाइक से व्यूज दिखता है। उसके साथ टॉकिंग करते हो। एक्सपीरियंस ज्यादा होता है।
