Rajvir Jawanda Death Story Explained; Punjab Police | Bike Accident | दिमाग काम करता तो बच जाते राजवीर जवंदा: इसी वजह से डॉक्टर रीढ़ की हड्‌डी का ऑपरेशन नहीं कर सके, बेटी कहती- पापा, धोखा मत करना – Ludhiana News

Rajvir Jawanda Death Story Explained; Punjab Police | Bike Accident | दिमाग काम करता तो बच जाते राजवीर जवंदा: इसी वजह से डॉक्टर रीढ़ की हड्‌डी का ऑपरेशन नहीं कर सके, बेटी कहती- पापा, धोखा मत करना – Ludhiana News


सिंगर रेशम अनमोल हादसे के बाद हर वक्त राजवीर जवंदा के साथ रहे।

पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा के अंतिम संस्कार के बाद अब इलाज को लेकर कई अनसुनी बातें सामने आ रही हैं। 11 दिन फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में रहे जवंदा का दिमाग अगर काम कर जाता तो शायद वह बच सकते थे। मगर, अस्पताल लाने से लेकर निधन तक उनके दिमाग ने रिस्पांड न

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अस्पताल में लगातार डटे रहे सिंगर रेशम अनमोल ने इन बातों की पुष्टि की। राजवीर जवंदा फोर्टिस अस्पताल में 12वें दिन उन्होंने बुधवार (8 अक्टूबर) की सुबह 10.55 बजे अंतिम सांस ली।

सिंगर रेशम अनमोल ने यह भी बताया कि उनकी बेटी हेमंत कौर हर बार अस्पताल आकर पिता से कहती कि पापा, हमसे धोखा मत करना। मगर, जवंदा की जान नहीं बचाई जा सकी।

27 सितंबर को जवंदा का बाइक राइडिंग के वक्त बद्दी से शिमला जाते हुए पिंजौर में हादसा हुआ था। उसके बाद अंतिम विदाई के वक्त ही उनकी यह फोटो सामने आई।

27 सितंबर को जवंदा का बाइक राइडिंग के वक्त बद्दी से शिमला जाते हुए पिंजौर में हादसा हुआ था। उसके बाद अंतिम विदाई के वक्त ही उनकी यह फोटो सामने आई।

जानिए, राजवीर जवंदा की जान क्यों नहीं बच सकी…

  • पहले दिन नाजुक थे, दूसरे दिन रिकवरी हुई: रेशम अनमोल ने बताया- जब पहले दिन जवंदा को फोर्टिस अस्पताल लाया गया तो डाक्टरों ने कहा था कि पहले 12 घंटे बहुत नाजुक है। सभी ने अरदास की। दूसरे दिन ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सपोर्ट सिर्फ 30% पड़ रही थी। बॉडी खुद सांस लेने लग गई थी। उस समय बॉडी रिकवर कर रही थी।
  • फिर रिकवरी जीरो हुई, दाढ़ी बढ़ रही थी: रेशम अनमोल ने बताया- बॉडी रिकवरी देख डाक्टरों ने कहा था कि अगर अगले 72 घंटे निकल जाएं तो जवंदा का बचाव हो सकता है। मगर, उसके बाद जीरो रिकवरी हो गई। जवंदा की दाढ़ी बढ़ रही थी। जिस कारण हमें लग रहा था कि शरीर का निचला हिस्सा सही से काम कर रहा है। उनकी किडनी काम कर रही थी और यूरीन भी पास हो रहा था।
  • दिमाग में हलचल होती, तभी स्पाइन का ऑपरेशन हो पाता: रेशम अनमोल ने आगे बताया- जवंदा की पसलियां भी डेमेज हो गई थी। स्पाइन यानी रीढ़ की हड्‌डी का ऑपरेशन भी डॉक्टर तभी कर सकते थे, अगर दिमाग हलचल करता।
  • दिमाग ने पूरी तरह काम बंद किया: रेशम ने आगे कहा- जवंदा के दिमाग ने धीरे-धीरे पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया। जवंदा के निचले हिस्से के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर गए। डाक्टरों ने बताया था कि एल-1, एल-2 से लेकर एल-6 तक नसों का काम दिमाग तक पहुंच करना है। जिसके बाद दिमाग हमें इशारा देता है कि हमें दर्द हुआ, गर्म-सर्द है या पेशाब जाना है। ये एक तरह से शरीर का रिमोट कंट्रोल होता है।
  • ऑपरेशन भी तभी होता, जब दिमाग काम करता: रेशम ने आगे कहा- राजवीर के दिमांग ने काम करना बंद कर दिया तो डॉक्टरों ने कहा कि अब ऐसी तकनीक आ गई है कि रीड की हड्डी या मनके तक भी आर्टिफिशियल डाल देंगे लेकिन दिमाग का काम करना जरूरी है। मगर, दिमाग रिस्पांड ही नहीं कर रहा था।
  • अमेरिका-इंग्लैंड के डॉक्टरों से भी सलाह ली: रेशम ने बताया कि मैंने और एमी विर्क ने PGI, गुरुग्राम मेदांता, अमेरिका और इंग्लैेंड के डाक्टरों से भी बातचीत की। राजवीर की सेहत रिपोर्ट को लेकर उनसे सलाह ली गई। मगर, सभी डाक्टरों ने यही कहा कि जवंदा की हालत बहुत गंभीर है।
पिता राजवीर जवंदा के अंतिम संस्कार के मौके पर बेटा दिलावर सिंह। दिलावर ने ही पिता को मुखाग्नि दी।

पिता राजवीर जवंदा के अंतिम संस्कार के मौके पर बेटा दिलावर सिंह। दिलावर ने ही पिता को मुखाग्नि दी।

शराब पीकर भागा सिंगर, आयोजक जवंदा को उठा लाए अंतिम संस्कार के मौके पर दैनिक भास्कर एप ने इलाके के लोगों से बात की। उन्होंने कहा- राजवीर जवंदा स्कूल और कॉलेजों के मंच पर ही गाता था। मगर, उसकी आवाज से गांव के सभी लोग वाकिफ थे। परमिंदरपाल सिंह ने बताया कि यूथ क्लब की तरफ से 2010-11 में मां भगवती का जागरण करवाया जा रहा था।

जागरण में माता की भेंट गाने के लिए जिस गायक को बुलाया था उसने दो भेंटें गाई और शराब पीकर भाग गया। आयोजकों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई कि अब मंच पर कौन गाएगा। इतने में आयोजक राजवीर के घर गए और उसे उठाकर मंच पर ले आए।

आयोजकों ने राजवीर को माता के जागरण के मंच पर चढ़ाया और कहा कि मां की भेंट गाओ। राजवीर जवंदा को जब कुछ समझ नहीं आया तो उसने कुलदीप मानक का लिखा गीत मां हुंदी है मां गीत गाया। इसी गीत को इतने सुरीले अंदाज में गाया कि सभी ने इस गीत के शब्दों को मां भगवती से जोड़ लिया। यह राजवीर के करियर में पहला बड़ा मंच था, जिस पर उसे गाने का मौका मिला। उसके बाद राजवीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अंतिम संस्कार के मौके पर राजवीर जवंदा की मां परमजीत कौर और बेटी हेमंत कौर।

अंतिम संस्कार के मौके पर राजवीर जवंदा की मां परमजीत कौर और बेटी हेमंत कौर।

बेटी लिखती, पापा हमारे साथ धोखा मत करना सिंगर रेशम अनमोल ने बताया कि राजवीर की बेटी हेमंत कौर अस्पताल आई। वह वहां लिखकर चली गई कि पापा, आप धोखा कर रहे हैं। इसके बाद भी वह जब भी अस्पताल आती तो यही कहती थी कि पापा हमारे साथ धोखा मत करना। बेटी के ये शब्द सुनकर डॉक्टरों से लेकर नर्सिंग स्टाफ व अन्य लोगों की आंखें भर आती थी।



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