Rajinikanth Completes Spiritual Journey in Uttarakhand: Visits Badrinath and More | 75 की उम्र में डेढ़ किलोमीटर पैदल चले रजनीकांत: महावतार बाबा की गुफा में किया ध्यान, 6 दिनों की आध्यात्मिक यात्रा कर लौटे – Dehradun News

Rajinikanth Completes Spiritual Journey in Uttarakhand: Visits Badrinath and More | 75 की उम्र में डेढ़ किलोमीटर पैदल चले रजनीकांत: महावतार बाबा की गुफा में किया ध्यान, 6 दिनों की आध्यात्मिक यात्रा कर लौटे – Dehradun News


महावतार बाबा की गुफा तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करते रजनीकांत।

साउथ सुपर स्टार रजनीकांत 6 दिनों की अपनी आध्यात्मिक यात्रा पूरी कर उत्तराखंड से वापस लौट चुके हैं। इस पूरी यात्रा के दौरान रजनीकांत ने बद्रीनाथ-कर्णप्रयाग के साथ साथ कई आश्रमों में भी नजर आए।

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इतना ही नहीं बीते कल वह अल्मोड़ा के द्वाराहाट में स्थित महावतार बाबा की गुफा में भी पहुंचे थे, खास बात ये रही की यहां पहुंचने के लिए 75 साल के हो चुके रजनीकांत ने डेढ़ किलोमीटर की पैदल यात्रा भी की। इस दौरान वह हाथ में लाठी लिए धीमे धीमे कदमों से पहाड़ी पर चढ़ते दिखे।

यहां पहुंचने पर रजनीकांत ने ना सिर्फ बाबाओं-पुजारियों का आशीर्वाद लिया बल्कि उन्होंने यहां पर ध्यान भी किया। इसके अलावा रजनीकांत की सादगी भी इस पूरी यात्रा के दौरान सामने आई।

दरअसल, इस यात्रा की शुरुआत रजनीकांत ने ऋषिकेश से की थी और इसके बाद जब वह पहाड़ों की तरफ निकले तो बीच रास्ते में वह सड़क किनारे खाना खाने के लिए उतरे थे। इसमें रजनीकांत की कुछ तस्वीरें भी वायरल हुईं थी जिसमें वह सड़क के किनारे सफेद धोती और कुर्ते में पत्तल में खाना खाते दिखे थे।

रजनीकांत की इस पूरी यात्रा की कुछ PHOTOS देखिए…..

महावतार बाबा की गुफा में पहुंचे रजनीकांत।

महावतार बाबा की गुफा में पहुंचे रजनीकांत।

बद्रीनाथ में रजनीकांत के देखते ही उनके फैंस उनके पीछे पीछे चलने लगे।

बद्रीनाथ में रजनीकांत के देखते ही उनके फैंस उनके पीछे पीछे चलने लगे।

ऋषिकेश के आश्रम में बैठे रजनीकांत और सड़क किनारे खाना खाते हुए।

ऋषिकेश के आश्रम में बैठे रजनीकांत और सड़क किनारे खाना खाते हुए।

ऋषिकेश से की थी यात्रा की शुरुआत

रजनीकांत ने अपनी इस धार्मिक यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश से की थी, 4 अक्टूबर शनिवार को रजनीकांत यहां पहुंचे थे। यहां पर सुपरस्टार स्वामी दयानंद आश्रम गए और स्वामी दयानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने गंगा घाट पर ध्यान किया और गंगा आरती में भी हिस्सा लिया।

जानकारी के अनुसार दयानंद आश्रम के सुधानंद सरस्वती का स्वास्थ्य खराब चल रहा था, और रजनीकांत उनका हाल जानने भी यहां पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने आश्रम में मौजूद लोगों को भोजन भी कराया, और बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाई।

स्वामी दयानंद आश्रम में सुधानंद सरस्वती का हाल जानते साउथ सुपरस्टार, बच्चों के संग भी खिंचवाई तस्वीर।

स्वामी दयानंद आश्रम में सुधानंद सरस्वती का हाल जानते साउथ सुपरस्टार, बच्चों के संग भी खिंचवाई तस्वीर।

बद्रीनाथ धाम पहुंच की पूजा अर्चना

ऋषिकेश के बाद रजनीकांत बीते सोमवार को चमोली में स्थित बद्रीनाथ धाम पहुंचे। यहां पर उन्होंने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए और जनकल्याण के लिए प्रार्थना भी की। यहां पर एक्टर का स्वागत बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने किया।

इस मौके पर उन्हें भगवान बद्रीविशाल का आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद और तुलसी की माला भेंट की गई। रजनीकांत को मंदिर परिसर में देख वहां पहुंचे उनके फैंस काफी खुश हो गए थे और लोगों की भीड़ उनके साथ सेल्फी खिंचवाने लिए उनके पीछे पीछे चलती हुई दिखी थी।

बद्रीनाथ धाम की सीढ़ियां चढ़ते रजनीकांत।

बद्रीनाथ धाम की सीढ़ियां चढ़ते रजनीकांत।

कर्णप्रयाग में फैंस संग खिंचवाई फोटो

बद्रीनाथ के दर्शन के बाद रजनीकांत कर्णप्रयाग की तरफ रवाना हुए, यहां पर लोकल मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद वो रात को यहीं रुके। उन्हें यहीं से द्वारहाट के लिए निकलना था।

सुबह जैसे ही रजनीकांत द्वारहाट के लिए नकलने लगे तो रास्ते में उन्हें फैंस ने घेर दिया, तभी रजनीकांत गाड़ी से बाहर निकले और उन्होंने फैंस के साथ फोटो खिंचवाई। फैंस भी उनसे मिलकर बेहद उत्साहित नजर आए। उन्होंने फैंस से उनका हालचाल भी पूछा। इसके बाद वह द्वारहाट के लिए रवाना हो गए। जानकारी के अनुसार जब भी रजनीकांत बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं तो वो कर्णप्रयाग में ही रुकते हैं।

कर्णप्रयाग में फैंस के साथ फोटो खिंचवाते रजनीकांत।

कर्णप्रयाग में फैंस के साथ फोटो खिंचवाते रजनीकांत।

​​​​​​​​​​​​​​डेढ़ किलोमीटर की पैदल चढ़ाई की

बीते कल जब रजनीकांत द्वाराहाट पहुंचे तो यहां भी लोगों ने काफी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। 21 किलोमीटर की सड़क यात्रा पूरी करने के बाद उन्होंने डेढ़ किलोमीटर की पैदल चढ़ाई कर महावतार बाबा की गुफा तक का सफर तय किया। इस दौरान वह स्मृति भवन में भी रुके।

यहां आश्रम में रजनीकांत ने योगदा आश्रम के संन्यासियों से आशीर्वाद लिया और उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य की सराहना की। उनके फैंस ने आवास परिसर में उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

अब पढ़िए कैसे तय किया कंडक्टर से सुपरस्टार तक का सफर…

रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनका जन्म बेंगलुरु (तब मैसूर) में हुआ। शुरू में उन्होंने बस कंडक्टर के रूप में भी काम किया था। जिसके बाद अभिनय की पढ़ाई मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से की और साल 1975 में तमिल फिल्म अपूर्व रागंगल से डेब्यू किया। शुरुआत में खलनायक के रोल में नजर आए, लेकिन स्टाइलिश अंदाज और अनोखे अभिनय ने उन्हें हीरो बना दिया।

रजनीकांत ने जेलर, वेट्टैयन जैसी हिट फिल्में दी हैं और इन दिनों उनकी फिल्म कुली धमाल मचा रही है। उन्हें 2002 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा वे कई फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी जीत चुके हैं। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें प्यार से ‘थलाइवा’ कहा जाता है।

अब इन्फोग्राफिक्स से थलाइवा के बारे में जानिए…



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