Poonam Pandey removed from Delhi’s Luv Kush Ramlila | दिल्ली की लव कुश रामलीला से हटाई गईं पूनम पांडेय: हिंदू संगठनों के विरोध के बाद लिया गया फैसला, बीजेपी-वीएचपी ने किया फैसले का स्वागत

Poonam Pandey removed from Delhi’s Luv Kush Ramlila | दिल्ली की लव कुश रामलीला से हटाई गईं पूनम पांडेय: हिंदू संगठनों के विरोध के बाद लिया गया फैसला, बीजेपी-वीएचपी ने किया फैसले का स्वागत


दिल्ली22 मिनट पहले

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दिल्ली की मशहूर लव-कुश रामलीला से एक्ट्रेस पूनम पांडेय को हटा दिया गया है। रामलीला में पूनम मंदोदरी का रोल प्ले करने वाली थीं, लेकिन साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद के विरोध के बाद आयोजकों ने अब यह फैसला लिया है।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, लव-कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा कि हिंदू समाज के विरोध को देखते हुए मंदोदरी का रोल किसी और को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूनम पांडेय को इसकी जानकारी दे दी गई है।

अर्जुन कुमार ने यह भी कहा,

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पूनम पांडेय अपने रोल को लेकर बहुत उत्साहित थीं। उन्होंने भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी रखा था, लेकिन हमें उन्हें रामलीला से हटाना पड़ा, यह दुख की बात है।

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अर्जुन कुमार लव-कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष हैं, जो 46 वर्षों से लाल किला मैदान में आयोजित हो रही है।

अर्जुन कुमार लव-कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष हैं, जो 46 वर्षों से लाल किला मैदान में आयोजित हो रही है।

उन्होंने आगे कहा,

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भगवान राम हमेशा दुनिया को एकता और शांति का संदेश देते थे। अगर रामलीला में किसी कलाकार को लेकर लोग बंटने लगेंगे तो रामलीला का असली उद्देश्य और भगवान के जीवन से मिलने वाली सीख खत्म हो जाएगी। हम नहीं चाहते कि रामलीला के नाम पर समाज में बंटवारा हो। इसलिए पूनम पांडेय से अलग होना ही बेहतर है। फिर भी मैं मानता हूं कि हर किसी को बदलने का मौका मिलना चाहिए।

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बीजेपी और VHP ने फैसले का स्वागत किया

लव-कुश रामलीला समिति के इस फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है। दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख प्रवीन शंकर कपूर ने कहा कि जब पूनम पांडेय के मंदोदरी बनने की घोषणा हुई थी, तो साधु संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी।

उन्होंने आगे कहा, “पूनम पांडेय को मंदोदरी की भूमिका से हटाकर समिति ने धार्मिक समुदाय और आम लोगों की भावनाओं का सम्मान किया है।”

वहीं, विश्व हिंदू परिषद की दिल्ली इकाई के सचिव सुरेंद्र गुप्ता ने भी समिति के कदम की सराहना की। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि संगठन किसी कलाकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि ऐसे सार्वजनिक आयोजनों की सांस्कृतिक पवित्रता बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।

जानिए पूरा मामला?

दरअसल, लव-कुश रामलीला में मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडेय को मंदोदरी की भूमिका देने पर विवाद बढ़ गया था। लवकुश रामलीला कमेटी के फैसले पर बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने आपत्ति जताई थी।

दिल्ली बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख और लव-कुश रामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने आयोजकों को पत्र लिखकर कहा था कि पूनम पांडेय को हटाकर किसी और कलाकार को मौका दिया जाए।

हालांकि, कमेटी ने कहा था कि पूनम पांडेय ही रामलीला में मंदोदरी की भूमिका निभाएंगी। लवकुश रामलीला कमेटी के चेयरमैन अर्जुन कुमार ने कहा था कि मंदोदरी की भूमिका 29 और 30 सितंबर को मंच पर आएगी।

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हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन हम इसे गलत नहीं मानते। पूनम पांडेय का अतीत कुछ भी रहा हो लेकिन हमें उम्मीद है कि रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाने से उनका मन बदलेगा।

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वहीं, पूनम पांडेय ने सोशल मीडिया पर लवकुश रामलीला कमेटी की ओर से उन्हें मंदोदरी की भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किए जाने पर धन्यवाद दिया था।

कमेटी बोली थी- पूनम सिर्फ एक कलाकार

कुमार ने कहा था कि मंदोदरी एक आदर्श चरित्र है और कोई भी महिला इस रोल को निभा सकती है। हर किसी को मौका मिलना चाहिए। इस बार रामलीला में 500 से ज्यादा कलाकार हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें पूनम पांडेय भी सिर्फ एक कलाकार हैं।

वहीं, VHP की दिल्ली इकाई के प्रांत सचिव सुरेंद्र गुप्ता ने कहा था कि पूनम पांडेय अपनी विवादित छवि और सोशल मीडिया पर अपलोड की गई तस्वीरों और वीडियोज के कारण धार्मिक भूमिका निभाने के लिए सही नहीं हैं।

साधु-संतों ने भी जताया था विरोध

  • अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा था कि रामलीला समितियों से हमारी अपील है कि वे शालीनता बनाए रखें। कलाकारों की पृष्ठभूमि और आचरण का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि रामलीला की प्रतिष्ठा को ठेस न पहुंचे।
  • पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु बालक देवाचार्य ने कहा था कि मंदोदरी पंच कन्याओं में से एक है, जो मर्यादा और पवित्रता की प्रतीक है। किसी को भी यह किरदार देना उचित नहीं।
  • कंप्यूटर बाबा ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पूनम पांडेय को मंदोदरी का नहीं बल्कि शूर्पणखा का किरदार निभाना चाहिए। रामलीला सनातन धर्म पर आधारित है और इसका सम्मान रखना जरूरी है।

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