फ़िलिस्तीनी संगठन हमास मिस्र में प्रस्तावित गाजा शांति समझौते के आधिकारिक हस्ताक्षर कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा. संगठन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की योजना के कुछ हिस्सों पर उनके मतभेद हैं, जिससे लंबे समय से प्रतीक्षित समझौते का भविष्य अधर में लटक गया है. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास नेताओं ने ट्रंप के उस सुझाव को बेतुका बताया, जिसमें कहा गया था कि शांति योजना के तहत हमास के सदस्य गाज़ा पट्टी छोड़ दें.
राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य होसम बदरान ने संवाददाताओं से कहा कि फ़िलिस्तीनियों को, चाहे वे हमास के सदस्य हों या न हों, उनकी ज़मीन से निकालने की बात पूरी तरह बेतुकी और बकवास है. उन्होंने यह भी कहा कि योजना के दूसरे चरण पर बातचीत मुश्किल होगी, क्योंकि इसमें कई जटिलताएं और कठिनाइयां हैं.
ये टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगले दो दिनों में होने वाली मिडिल ईस्ट यात्रा से पहले आई है. लेकिन हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया कि अभी भी कई राजनीतिक बाधाएं हैं, उन्होंने कहा कि हमास का हथियार डालना योजना की एक प्रमुख शर्त है, जो कि संभव नहीं है, भले ही हमास गाजा की सरकार से अलग हो जाए.
इस बीच शनिवार को हज़ारों फ़िलिस्तीनी गाज़ा के तट के पास उत्तर की ओर बढ़े और पैदल, कार या ठेले से अपने खाली पड़े घरों की ओर लौटने लगे, क्योंकि इज़रायल और फ़िलिस्तीनी संगठन हमास के बीच युद्धविराम के संकेत मिल रहे थे.
वहीं, टाइम्स ऑफ़ इज़रायल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमास नेताओं ने इस योजना के तहत अपने सदस्यों के गाज़ा पट्टी छोड़ने की बात को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है.
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