एक ऐसा मंदिर जहां कुबेर को भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है! जानिए रहस्य और मान्यताएं

एक ऐसा मंदिर जहां कुबेर को भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है! जानिए रहस्य और मान्यताएं



Jageshwar Dham: भगवान शिव के देशभर में सैकड़ों छोटे-बड़े मंदिर हैं, जहां उन्हें अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है. इन्हीं में से एक मंदिर उत्तराखंड में भी स्थित है, जहां कुबेर महाराज को शिवजी के रूप में पूजा जाता है. क्या है इसके पीछे का रहस्य और पौराणिक कथा? विस्तार से जानते हैं. 

उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 35 किलोमीटर दूर, कुमाऊं हिमालय में बसा, जागेश्वर धाम शिव भक्तों के लिए बेहद पवित्र स्थल होने के साथ-साथ आकर्षण का केंद्र भी है. इस जगह पर भगवान शिव को समर्पित 125 से ज्यादा प्राचीन मंदिर बने हुए हैं, जिस वजह से इसे ‘देवताओं की घाटी’ भी कहा  जाता है. 

धन के देवता कुबेर की कहानी

कुबेर को धन का देवता कहा जाता है, जिसने एक समय पर गर्व और समृद्धि के साथ शासन किया था. लेकिन कुबेर के सौतेले भाई रावण ने उसे हराकर उसका संपूर्ण राजपाट छीन लिया. युद्ध में पराजित होकर कुबेर चुपचाप पर्वतों की ओर निकल पड़ा.

इस दौरान कुबेर का मन सोने-चांदी और संपत्ति पाने की इच्छा की जगह शांति की तलाश कर रहा था. वह उस घाटी में जा पहुंचा जहां भगवान शिव ने सती देहांत के बाद ध्यान किया था. घाटी की हवा में अभी भी शिव की तपस्या का प्रभाव बना हुआ था. 

शिव ने कुबेर को क्या आशीर्वाद दिया?

कुबेर ने भगवान शिव के आगे घुटने टेककर उनसे प्रार्थना की, उसने धन मांगने की जगह अपनापन मांगा. कुबेर की भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें वह घाटी आशीर्वाद स्वरूप प्रदान की, जिसमें वे खड़े थे. उस दिन के बाद से जागेश्वर धाम कुबेर का घर बन गया.

स्थानीय लोगों की मान्यताओं के मुताबिक जो लोग यहां सच्चे मन से शिवजी और कुबेर महाराज की प्रार्थना करते हैं, दिवाली और धनतेरस के मौके पर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.  इस मंदिर का नाम कुबेर भंडारी मंदिर, जहां कुबेर की पूजा शिव के रूप में की जाती है. 

जागेश्वर धाम प्राचीन मंदिरों का धरोहर

जागेश्वर धाम के मंदिर सदियों पुराने हैं, जिनमें से कुछ तो पहली शताब्दी ईसा पूर्व के समय के हैं. कत्यूरी राजाओं के द्वारा बनाया गया मंदिर की वास्तुकला अपने आप में अद्वितीय और प्रभावशाली है.

जैसे-जैसे आप यात्रा में आगे बढ़ेंगे, आपको 8वीं शताब्दी के जागेश्वर मंदिर से लेकर महामृत्युंजय मंदिर तक के दर्शन करने को मिलेंगे. 

जागेश्वर धाम आध्यात्मिक रूप से इसका काफी महत्व है. माना जाता है कि, धन के देवता भगवान कुबेर ने यहां शिवजी की पूजा करके समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया था.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



Source link

Leave a Reply