
भारत में ड्रोन संचालन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के तहत नियंत्रित होता है. 2021 में सरकार ने “ड्रोन रूल्स 2021” लागू किए, जिनका मकसद ड्रोन के इस्तेमाल को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है. इन नियमों के अनुसार, हर ड्रोन को उड़ाने से पहले DGCA के Digital Sky Platform पर रजिस्टर कराना जरूरी है. बिना रजिस्ट्रेशन वाला ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी माना जाता है.

DGCA ने ड्रोन को वजन के आधार पर पांच श्रेणियों में बांटा है Nano Drone (250 ग्राम तक). इन पर आमतौर पर लाइसेंस की जरूरत नहीं होती लेकिन इन्हें भी नो-फ्लाई ज़ोन में उड़ाना मना है.

Micro Drone, मनोरंजन या छोटे स्तर पर फोटोग्राफी के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं लेकिन उड़ान के लिए अनुमति जरूरी है. Small Drone, Medium Drone, Large Drone. इन तीनों कैटेगरी में आने वाले ड्रोन को उड़ाने के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस (RPL) जरूरी होता है.

ड्रोन उड़ाते समय कुछ जगहों पर सख्त पाबंदी है. एयरपोर्ट, सैन्य क्षेत्र, सरकारी भवन, राज्यपाल या राष्ट्रपति निवास जैसी नो-फ्लाई ज़ोन जगहों पर ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित है. रात के समय बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना मना है. किसी की निजी संपत्ति या लोगों की भीड़ के ऊपर ड्रोन उड़ाने से पहले उनकी अनुमति लेना जरूरी है.

यदि आप 18 वर्ष से अधिक हैं और ड्रोन को व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको DGCA द्वारा मान्यता प्राप्त ड्रोन ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (DTO) से ट्रेनिंग लेनी होगी और परीक्षा पास करनी होगी. इसके बाद ही रिमोट पायलट लाइसेंस (RPL) जारी किया जाता है.

यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति ड्रोन उड़ाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसमें 25,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और कुछ मामलों में ड्रोन जब्त भी किया जा सकता है.

ड्रोन तकनीक ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है लेकिन इसके इस्तेमाल में सावधानी और जिम्मेदारी जरूरी है. सही रजिस्ट्रेशन, उचित अनुमति और सुरक्षा नियमों का पालन करके ही आप कानूनी रूप से ड्रोन उड़ा सकते हैं.
Published at : 13 Oct 2025 08:23 AM (IST)
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