तेजस्वी यादव पर चार्जशीट के बाद राहुल गांधी का बिहार CM फेस को लेकर क्या रुख होगा? – tejaswi yadav irctc case chargesheet rahul gandhi stand mahagathbandhan cm face in bihar election opnm1

तेजस्वी यादव पर चार्जशीट के बाद राहुल गांधी का बिहार CM फेस को लेकर क्या रुख होगा? – tejaswi yadav irctc case chargesheet rahul gandhi stand mahagathbandhan cm face in bihar election opnm1


बिहार के चुनावी मुकाबले में आमने सामने दोनों गठबंधनों में सीटों के बंटवारे पर फंसा पेच निकल नहीं पा रहा है. जो हाल एनडीए का है, करीब करीब वैसा ही मामला महागठबंधन का भी है. उम्मीदवारों की घोषणा में अगर कोई रफ्तार भर रहा है, तो वो हैं प्रशांत किशोर, जो अब जन सुराज पार्टी की दूसरी सूची भी जारी कर चुके हैं. 

बिहार एनडीए की साझा प्रेस कांफ्रेंस टाल दिए जाने के बाद, लगता है कि सीटों के बंटवारे के नंबर तो बता दिए गए, लेकिन असंतोष खत्म नहीं हुआ है. एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के 101-101 सीटें लेने के बाद 29 चिराग पासवान को और 6-6 जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को दिए जाने की बात सामने आई थी. और उसके बाद से ही उपेंद्र कुशवाहा शेरो शायरी किए जा रहे हैं. 

महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे पर फाइनल मुहर नहीं लग पाई है. IRCTC केस के सिलसिले में तेजस्वी यादव के साथ साथ लालू यादव और राबड़ी देवी भी मौजूद हैं. और, अब दिल्ली में तेजस्वी और लालू यादव की राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग के नतीजे का इंतजार है – लेकिन, असली मुद्दा तो विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री के चेहरे का है.

महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर क्या होगा?

बिहार में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे का नाम अब तक घोषित नहीं किया गया है. ऐसी खबर जरूर आई थी कि तेजस्वी यादव और सहयोगी दलों की पटना में हुई बैठक में बाकी बातों के अलावा महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर भी सहमति बन गई है, लेकिन औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं हुआ है. 

तेजस्वी यादव अपने स्तर पर खुद को बिहार में विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से सार्वजनिक तौर पर मंजूरी नहीं मिली है. मीटिंग के बाद सूत्रों के हवाले से सहमति बनने की खबरें तो आई हैं, लेकिन तेजस्वी यादव तो सूत्रों को कुछ और ही मानते और बताते हैं. 

कांग्रेस नेताओं के सामने ये सवाल भी बार बार उठा है, लेकिन एक एक करके सभी नेताओं ने ये सवाल टाल दिया है. यहां तक कि राहुल गांधी भी तेजस्वी यादव के महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होने के सवाल को टाल दिया है. राहुल गांधी से ये सवाल तब पूछा गया था, जब वो तेजस्वी यादव के साथ बिहार में वोटर अधिकार यात्रा कर रहे थे. और, उससे ठीक पहले राहुल गांधी को तेजस्वी यादव की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बताया गया था.

सवाल ये है कि तेजस्वी यादव के खिलाफ IRCTC केस में आरोप तय हो जाने के बाद राहुल गांधी का क्या रुख होगा? IRCTC घोटाले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव के अलावा उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी सहित 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. 

अदालत के आरोप तय करने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, ‘ये कोर्ट की सामान्य प्रक्रिया है, हम लड़ेंगे… हम तो पहले से ही कह रहे थे कि अब चुनाव हैं, तो ये सब होगा ही… लेकिन हम लड़ेंगे… तूफानों से लड़ने का अपना अलग ही मजा है… हमने हमेशा संघर्ष का रास्ता चुना है… हम अच्छे मुसाफिर भी बनेंगे, और अपनी मंजिल तक भी पहुंचेंगे.’

तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार की जनता समझदार है और वो जानती है क्या हो रहा है… बिहार की जनता, देश की जनता जानती है कि सच्चाई क्या है… जब तक भाजपा है और मैं जिंदा हूं, हम भाजपा से लड़ते रहेंगे.

क्या तेजस्वी यादव की बातों से राहुल गांधी इत्तफाक रखते हैं?

राहुल गांधी 2025 की शुरुआत से ही लालू यादव के परिवार पर दबाव बनाए हुए हैं. और, दबाव का असर बिहार की वोटर अधिकार यात्रा में भी देखने को मिला है. ऐसा भी नहीं कि ये दबाव कोई एकतरफा है. दबाव तो लालू यादव भी राहुल गांधी पर बनाए हुए हैं. कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को लेकर. मौका देखकर एक दूसरे को शह देने का मौका तो कोई भी नहीं छोड़ रहा है. और, राहुल गांधी को तो अब नये सिरे से मौका मिल गया है. 

भ्रष्टाचार के आरोपों की बात करें, तो राहुल गांधी भी उसी तरफ खड़े हैं. मानहानि के मामले जो वो लड़ रहे हैं, उनकी बात अलग है, नेशनल हेराल्ड केस में तो वो भी जमानत पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय उनसे भी पूछताछ कर चुका है. लेकिन, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनका रुख भी देखा जा चुका है. यूपीए सरकार के अध्यादेश की कॉपी फाड़कर राहुल गांधी बहुत पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो क्या सोचते और समझते हैं. 

सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी चुनावी माहौल में तेजस्वी यादव के साथ भी लालू यादव जैसा ही सलूक करेंगे? अध्यादेश की कॉपी फाड़ने के बाद से ही लालू यादव और राहुल गांधी के बीच रिश्ता तनावपूर्ण बना हुआ है. मिलना-जुलना या दूल्हा बनने की सलाह वाली राजनीति चलती रहती है, लेकिन कसक तो मिटी नहीं है.

राहुल गांधी चाहे जिस वजह से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने से बचते रहे हों, लेकिन अब तो उनको ऐसा करने से पहले कई बार सोचना भी पड़ेगा. ये तो समझना ही पड़ेगा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट फाइल होने के बाद बिहार की जनता का क्या रुख होगा? बीजेपी की तरफ से जब हमले बोले जाएंगे, तो कांग्रेस कैसे काउंटर करेगी?

तेजस्वी यादव की बात अलग है. वो तो अपने वोटर को समझा भी सकते हैं. सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन राहुल गांधी का वोटर कैसे रिएक्ट करेगा? 

अभी तक तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता इंडिया ब्लॉक को अलग अलग तरीके से घेरते रहे हैं, अब तो नये सिरे से मौका मिल गया है. कांग्रेस की मुश्किलें कम हैं क्या, जो राहुल गांधी अब लालू परिवार का भी भ्रष्टाचार के आरोपों से बचाव करने की कोशिश करेंगे? 

अभी तक राहुल गांधी अलग अलग तरीके से लालू परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश करते रहे हैं, आरोप तय हो जाने के बाद तो नए सिरे से मौका मिल गया है. देखना है, तेजस्वी यादव की मुश्किल घड़ी में राहुल गांधी साथ देते हैं या गच्चा दे देते हैं. सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर लालू यादव ने आगे बढ़कर सपोर्ट किया था – लेकिन क्या नई पीढ़ी भी वे चीजें निभा सकेगी. अब तक जो कुछ देखने को मिला है, उससे तो नहीं ही लगता. बाकी राजनीति है, चुनावी फायदे के लिए तो कुछ भी किया जा सकता है. 

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