AI से भूलकर भी न पूछना ये सवाल, नहीं तो बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे आप

AI से भूलकर भी न पूछना ये सवाल, नहीं तो बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे आप



Artificial Intelligence (AI): आज के डिजिटल युग में ChatGPT, Gemini, Copilot जैसे AI चैटबॉट्स ने लोगों की जिंदगी आसान बना दी है. स्टूडेंट्स असाइनमेंट में मदद लेते हैं प्रोफेशनल्स ईमेल और रिपोर्ट लिखवाते हैं और क्रिएटर्स कंटेंट आइडिया बनवाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि AI से कुछ ऐसे सवाल पूछना कानूनी और सुरक्षा दोनों ही नजरिए से बेहद खतरनाक हो सकता है?

AI चैटबॉट्स भले ही स्मार्ट हों लेकिन इनकी सीमाएं तय हैं. अगर आप उन सीमाओं को पार करते हैं, तो आपकी प्राइवेसी, डेटा और यहां तक कि कानूनी स्थिति भी खतरे में पड़ सकती है.

व्यक्तिगत जानकारी साझा करने वाले सवाल

कभी भी AI से अपने या किसी और के बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर या पता जैसी निजी जानकारी साझा न करें. AI मॉडल्स आपके डेटा को सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं लेकिन यह गारंटी नहीं होती कि जानकारी किसी सर्वर पर सेव न हो. हैकर्स ऐसे डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं. इसलिए, निजी पहचान से जुड़ा कोई भी सवाल या जानकारी AI चैट में डालना जोखिम भरा हो सकता है.

हैकिंग या गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े सवाल

कुछ लोग जिज्ञासा में AI से पूछ लेते हैं “हैक कैसे करें?”, “वायरस कैसे बनाएं?”, या “किसी का अकाउंट कैसे क्रैक करें?”. ऐसे सवाल न सिर्फ AI की नीतियों के खिलाफ हैं बल्कि साइबर लॉ के तहत अपराध माने जाते हैं.

AI सिस्टम तुरंत ऐसे अनुरोधों को ब्लॉक कर सकता है, और कई मामलों में आपकी गतिविधि को सुरक्षा एजेंसियों तक रिपोर्ट किया जा सकता है. इसलिए इस तरह के सवाल पूछना खुद को मुश्किल में डालने जैसा है.

संवेदनशील या प्रतिबंधित विषयों पर सवाल

AI से राजनीति, धर्म, हिंसा या आतंकवाद जैसे संवेदनशील विषयों पर भड़काऊ सवाल पूछना भी खतरनाक हो सकता है. ये न सिर्फ गलत सूचना फैलाने का कारण बनते हैं बल्कि आपके अकाउंट को सस्पेंड या बैन भी करवा सकते हैं.

AI मॉडल्स को इन विषयों पर निष्पक्ष और तथ्यात्मक जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है लेकिन जानबूझकर भड़काने वाले या नफरत फैलाने वाले सवाल कानून के दायरे में अपराध माने जा सकते हैं.

मेडिकल या कानूनी सलाह मांगना भी खतरनाक

कई लोग अपनी सेहत या कानूनी मामलों को लेकर AI से सलाह लेने लगते हैं. जैसे “मुझे कौन सी दवाई लेनी चाहिए?” या “अगर पुलिस ने रोका तो क्या कहूं?”. AI सामान्य जानकारी दे सकता है लेकिन यह डॉक्टर या वकील की जगह नहीं ले सकता. गलत जानकारी पर भरोसा करना आपकी सेहत या कानूनी स्थिति को गंभीर खतरे में डाल सकता है.

भविष्यवाणी या निजी निर्णय से जुड़े सवाल

AI से “मेरा भविष्य क्या होगा?” या “कौन सा बिज़नेस मेरे लिए सही रहेगा?” जैसे सवाल पूछना व्यर्थ है. AI कोई ज्योतिषी नहीं है, यह सिर्फ डेटा के आधार पर जवाब देता है. ऐसे जवाबों पर भरोसा करके अगर आप गलत फैसला लेते हैं तो नुकसान आपका ही होगा.

AI आपकी मदद के लिए बना है लेकिन इसका इस्तेमाल सावधानी और जिम्मेदारी के साथ करना जरूरी है. निजी या गैरकानूनी जानकारी पूछना, झूठ फैलाना या संवेदनशील विषयों पर उकसाने वाले सवाल पूछना आपको मुश्किल में डाल सकता है.

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